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Gorakhpur Psychiatrist: पति पी रहे शराब, पत्नियां अवसाद का घूंट पीकर हो रहीं बीमार - Gorakhpur Psychiatrist

गोरखपुर जिला अस्पताल (Gorakhpur District Hospital) के मानसिक रोग विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं अपने पति के शराब और नशा करने की आदतों की वजह से मानसिक रूप से बीमार हो रही हैं.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही
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Published : Mar 2, 2023, 10:40 PM IST

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही ने बताया.

गोरखपुर: शराबी और नशेड़ी पति पत्नियों के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं. जिला अस्पताल का मानसिक रोग विभाग कुछ इसी प्रकार का आंकड़ा प्रस्तुत कर रहा है. इस विभाग में इलाज कराने आने वाली महिलाओं में 70 प्रतिशत से ज्यादा ऐसी हैं, जो अपने पतियों के शराब पीने की वजह से परेशान हैं. वह गंभीर रूप से मानसिक अवसाद झेल रही हैं. जिसके इलाज के लिए ही वह डॉक्टर से संपर्क कर दवा भी करा रही हैं. लेकिन उनके पति हैं कि वह सुधरते ही नहीं है. इसकी वजह से घर में मारपीट की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. शराबी और नशेड़ी पति कई अन्य समस्याओं को भी परिवार में जन्म देते हैं.

गोरखपुर जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाली महिलाओं की समस्या तो सामने आ जाती है. लेकिन इनके चेहरे को बेनकाब नहीं किया जा सकता है. डॉक्टर भी इनकी पहचान छुपाने की बात करते हैं. क्योंकि महिलाएं पहले से ही मानसिक अवसाद से परेशान हैं. जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही कहते हैं कि मानसिक अवसाद भी कई प्रकार का होता है. जिसमें वाह्य और बायोलॉजिकल कारण तो होते ही हैं. इसके साथ नशा और शराब भी मानसिक अवसाद का बड़ा कारण बन रहा है. इसकी वजह से पति-पत्नी के बीच घर में मारपीट भी होती है. माहौल बिगाड़ने से घर में आर्थिक संकट भी पैदा होने लगता है. नशेड़ी व्यक्ति तो नशे में ही चूर रहता है लेकिन इसकी वजह से घर में उत्पन्न होने वाली तमाम तरह की समस्याओं को महिला देखती और झेलती हैं.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने मानसिक रोग को लेकर बताया: मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि इस वजह से वह धीरे-धीरे मानसिक अवसाद की शिकार हो जाती हैं. इसके साथ ही उसकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित होती है. वह भी लोगों पर झल्लाने और गुस्सा करने लगती है. उसके शरीर में कई तरह की हरकतें भी ऐसी होने लगती हैं जिससे परिवार के अन्य सदस्य परेशान होते हैं. अंततः वह डॉक्टर की शरण में इलाज कराने के लिए या तो खुद पहुंचती हैं या उसे परिवार वाले लेकर आते हैं. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मरीज मानसिक रोग विभाग में आते हैं. इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा तो महिलाओं की ही संख्या रहती है. जिसमें में 70 प्रतिशत से ज्यादा मानसिक अवसाद पति के व्यवहार से पीड़ित होती हैं. जिसे झेलने वाली महिलाएं मानसिक रूप से बीमार भी हो रही हैं.

पति से लड़ाई के बाद महिलाओं में होता है सिर दर्दः मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि मानसिक अवसाद और पति से मारपीट के बाद महिलाओं में सिर दर्द भी पैदा करता है. घर की समस्यायों से जूझने वाली महिला को घर से भाग जाने का मन करता है. कुछ महिलाओं के पास से तो उनके पैसे भी उनके शराबी पति छीन लेते हैं. वह बेचैन रहती हैं. नींद नहीं आने की वजह से उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है. इसके साथ-साथ बेचैनी, घबराहट और कई तरह की समस्याएं शराबी और नशेड़ी पति अपनी पत्नियों को दे रहे हैं. ओपीडी में आए दिन सबसे अधिक ऐसे ही मामले देखने को मिल रहे हैं. राज्य सरकार भी मानसिक अवसाद या मानसिक रोगों को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रही है. वह सामान्य डॉक्टरों को भी मानसिक अवसाद के रोगियों को समझने उनका परीक्षण करने का प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में इस रोग के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इसका समय पर इलाज कराने से इसे रोका जा सकता है.


यह भी पढ़ें- Sushmita Sen Heart Attack : सुष्मिता सेन का खुलासा- दो दिनों पहले आया था हार्ट अटैक, अब ऐसी है हालत

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही ने बताया.

गोरखपुर: शराबी और नशेड़ी पति पत्नियों के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं. जिला अस्पताल का मानसिक रोग विभाग कुछ इसी प्रकार का आंकड़ा प्रस्तुत कर रहा है. इस विभाग में इलाज कराने आने वाली महिलाओं में 70 प्रतिशत से ज्यादा ऐसी हैं, जो अपने पतियों के शराब पीने की वजह से परेशान हैं. वह गंभीर रूप से मानसिक अवसाद झेल रही हैं. जिसके इलाज के लिए ही वह डॉक्टर से संपर्क कर दवा भी करा रही हैं. लेकिन उनके पति हैं कि वह सुधरते ही नहीं है. इसकी वजह से घर में मारपीट की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. शराबी और नशेड़ी पति कई अन्य समस्याओं को भी परिवार में जन्म देते हैं.

गोरखपुर जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाली महिलाओं की समस्या तो सामने आ जाती है. लेकिन इनके चेहरे को बेनकाब नहीं किया जा सकता है. डॉक्टर भी इनकी पहचान छुपाने की बात करते हैं. क्योंकि महिलाएं पहले से ही मानसिक अवसाद से परेशान हैं. जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित शाही कहते हैं कि मानसिक अवसाद भी कई प्रकार का होता है. जिसमें वाह्य और बायोलॉजिकल कारण तो होते ही हैं. इसके साथ नशा और शराब भी मानसिक अवसाद का बड़ा कारण बन रहा है. इसकी वजह से पति-पत्नी के बीच घर में मारपीट भी होती है. माहौल बिगाड़ने से घर में आर्थिक संकट भी पैदा होने लगता है. नशेड़ी व्यक्ति तो नशे में ही चूर रहता है लेकिन इसकी वजह से घर में उत्पन्न होने वाली तमाम तरह की समस्याओं को महिला देखती और झेलती हैं.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने मानसिक रोग को लेकर बताया: मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि इस वजह से वह धीरे-धीरे मानसिक अवसाद की शिकार हो जाती हैं. इसके साथ ही उसकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित होती है. वह भी लोगों पर झल्लाने और गुस्सा करने लगती है. उसके शरीर में कई तरह की हरकतें भी ऐसी होने लगती हैं जिससे परिवार के अन्य सदस्य परेशान होते हैं. अंततः वह डॉक्टर की शरण में इलाज कराने के लिए या तो खुद पहुंचती हैं या उसे परिवार वाले लेकर आते हैं. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मरीज मानसिक रोग विभाग में आते हैं. इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा तो महिलाओं की ही संख्या रहती है. जिसमें में 70 प्रतिशत से ज्यादा मानसिक अवसाद पति के व्यवहार से पीड़ित होती हैं. जिसे झेलने वाली महिलाएं मानसिक रूप से बीमार भी हो रही हैं.

पति से लड़ाई के बाद महिलाओं में होता है सिर दर्दः मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि मानसिक अवसाद और पति से मारपीट के बाद महिलाओं में सिर दर्द भी पैदा करता है. घर की समस्यायों से जूझने वाली महिला को घर से भाग जाने का मन करता है. कुछ महिलाओं के पास से तो उनके पैसे भी उनके शराबी पति छीन लेते हैं. वह बेचैन रहती हैं. नींद नहीं आने की वजह से उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है. इसके साथ-साथ बेचैनी, घबराहट और कई तरह की समस्याएं शराबी और नशेड़ी पति अपनी पत्नियों को दे रहे हैं. ओपीडी में आए दिन सबसे अधिक ऐसे ही मामले देखने को मिल रहे हैं. राज्य सरकार भी मानसिक अवसाद या मानसिक रोगों को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रही है. वह सामान्य डॉक्टरों को भी मानसिक अवसाद के रोगियों को समझने उनका परीक्षण करने का प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में इस रोग के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इसका समय पर इलाज कराने से इसे रोका जा सकता है.


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