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गोरखपुर में गांजे की बड़ी खेप को STF ने पकड़ा, 4 तस्कर भी गिरफ्तार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 4:51 PM IST

लखनऊ एसटीएफ ने गोरखपुर (Lucknow STF caught ganja in Gorakhpur) से 4 तस्करों को 83 किलो गांजा (four smugglers arrested with 83 kg ganja) के साथ गिरफ्तार किया है. ताज्जुब की बात है कि गोरखपुर की एसटीएफ की टीम को इस बात की जरा सी भनक नहीं लगी.

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लखनऊ STF ने पकड़े 4 तस्कर

गोरखपुर: पूर्वांचल के गोरखपुर, आजमगढ़ समेत कई जिलों में गुवाहाटी असम से गांजा की खेप लाकर काफी समय से तस्करी करने वाले रैकेट का पुलिस ने मंगलवार की रात पर्दाफाश किया है. एसटीएफ लखनऊ की यूनिट ने गोरखपुर पहुंचकर इससे जुड़े चार तस्करों को 83 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया है. जबकि गोरखपुर की एसटीएफ यूनिट को इस मामले की जरा सी भी भनक नहीं लगी. लखनऊ से आई टीम ने एम्स थाना क्षेत्र के कोनी तिराहे के पास घेराबंदी कर ट्रक से ले जाये जा रहे गांजा की इस खेप को तस्करों के साथ बरामद किया. बरामद माल आजमगढ़ के एक व्यक्ति के द्वारा तस्करों से मंगवाया गया था. जिसकी डिलीवरी गोरखपुर में की जानी थी. लेकिन, वह बीच रास्ते में ही पकड़े गए. उनके पकड़े जाने के बाद इस रैकेट और कारोबार से जुड़ी हुई कई अहम जानकारीयों को एसटीएफ जुटा रही है. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ कार्रवाई भी कर रही है.

एसटीएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के एसटीएफ को जानकारी मिली कि गुवाहाटी असम से एक कंटेनर पर लादकर गांजा की बड़ी खेप गोरखपुर लाई जा रही है. इसके बाद एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की ओर से एक स्पेशल टीम गोरखपुर रवाना हुई. सूचना के आधार पर एम्स थाना क्षेत्र के कोनी तिराहे के पास घेराबंदी कर दी. इस तिराहे से ही ट्रकों का प्रवेश फोर लेन सड़क से शहर क्षेत्र की तरफ होता है. एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध ट्रक को रोक कर तलाशी ली तो गांजे की बड़ी खेप बरामद हुई और चार तस्कर भी उसके साथ गिरफ्तार किए गए. पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुनील सिंह, संजय कुमार के रूप में हुई है. यह दोनों एटा के रहने वाले हैं. जबकि हरिश्चंद्र यादव और सोमनाथ यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं.

इसे भी पढ़े-ट्रक में छिपाकर तस्कर मथुरा ले जा रहे थे 2 करोड़ का गांजा, एक तस्कर गिरफ्तार, दो फरार

एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी सुनील ने बताया कि वह इस गैंग में सिर्फ ड्राइवर के तौर पर काम करता है. वह रिंकू नाम के एक व्यक्ति के कहने पर गांजा की खेप असम से लेकर यहां आया है, जिसकी सप्लाई उसे हरिश्चंद्र यादव को करनी थी. इसके बदले में भाड़े के अलावा उसे 40 हजार और मिलते हैं. उसने स्वीकार किया है कि इसके पहले भी वह गांजा की कई बार खेप लेकर यहां आ चुका है. लेकिन, इस बार वह पकड़ लिया गया है.

गिरफ्तार संजय ने एसटीएफ को बताया है कि वह इसी गाड़ी पर वह सुनील के साथ काम करता है. जिसके बदले में उसे एक चक्कर के 15000 मिलते हैं. सूत्रों की मानें तो पकड़ा गया यह गांजा भांग के ठेकों पर सप्लाई किया जाता है. इसमें गिरफ्तार एक आरोपी हरिश्चंद्र यादव वर्ष 2022 में आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर के मामले में आजमगढ़ जेल भी जा चुका है. उसने बताया कि गोरखपुर में इसकी बड़े पैमाने पर सप्लाई होती है.

यह भी पढ़े-'पुष्पा' स्टाइल में गांजा की तस्करी, उड़ीसा से प्रयागराज ले जा रहे थे तस्कर

गोरखपुर: पूर्वांचल के गोरखपुर, आजमगढ़ समेत कई जिलों में गुवाहाटी असम से गांजा की खेप लाकर काफी समय से तस्करी करने वाले रैकेट का पुलिस ने मंगलवार की रात पर्दाफाश किया है. एसटीएफ लखनऊ की यूनिट ने गोरखपुर पहुंचकर इससे जुड़े चार तस्करों को 83 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया है. जबकि गोरखपुर की एसटीएफ यूनिट को इस मामले की जरा सी भी भनक नहीं लगी. लखनऊ से आई टीम ने एम्स थाना क्षेत्र के कोनी तिराहे के पास घेराबंदी कर ट्रक से ले जाये जा रहे गांजा की इस खेप को तस्करों के साथ बरामद किया. बरामद माल आजमगढ़ के एक व्यक्ति के द्वारा तस्करों से मंगवाया गया था. जिसकी डिलीवरी गोरखपुर में की जानी थी. लेकिन, वह बीच रास्ते में ही पकड़े गए. उनके पकड़े जाने के बाद इस रैकेट और कारोबार से जुड़ी हुई कई अहम जानकारीयों को एसटीएफ जुटा रही है. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ कार्रवाई भी कर रही है.

एसटीएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के एसटीएफ को जानकारी मिली कि गुवाहाटी असम से एक कंटेनर पर लादकर गांजा की बड़ी खेप गोरखपुर लाई जा रही है. इसके बाद एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की ओर से एक स्पेशल टीम गोरखपुर रवाना हुई. सूचना के आधार पर एम्स थाना क्षेत्र के कोनी तिराहे के पास घेराबंदी कर दी. इस तिराहे से ही ट्रकों का प्रवेश फोर लेन सड़क से शहर क्षेत्र की तरफ होता है. एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध ट्रक को रोक कर तलाशी ली तो गांजे की बड़ी खेप बरामद हुई और चार तस्कर भी उसके साथ गिरफ्तार किए गए. पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुनील सिंह, संजय कुमार के रूप में हुई है. यह दोनों एटा के रहने वाले हैं. जबकि हरिश्चंद्र यादव और सोमनाथ यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं.

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एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी सुनील ने बताया कि वह इस गैंग में सिर्फ ड्राइवर के तौर पर काम करता है. वह रिंकू नाम के एक व्यक्ति के कहने पर गांजा की खेप असम से लेकर यहां आया है, जिसकी सप्लाई उसे हरिश्चंद्र यादव को करनी थी. इसके बदले में भाड़े के अलावा उसे 40 हजार और मिलते हैं. उसने स्वीकार किया है कि इसके पहले भी वह गांजा की कई बार खेप लेकर यहां आ चुका है. लेकिन, इस बार वह पकड़ लिया गया है.

गिरफ्तार संजय ने एसटीएफ को बताया है कि वह इसी गाड़ी पर वह सुनील के साथ काम करता है. जिसके बदले में उसे एक चक्कर के 15000 मिलते हैं. सूत्रों की मानें तो पकड़ा गया यह गांजा भांग के ठेकों पर सप्लाई किया जाता है. इसमें गिरफ्तार एक आरोपी हरिश्चंद्र यादव वर्ष 2022 में आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर के मामले में आजमगढ़ जेल भी जा चुका है. उसने बताया कि गोरखपुर में इसकी बड़े पैमाने पर सप्लाई होती है.

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