गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को गोरखपुर के अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हैं. सीएम जहां जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सारी कवायद कर रहे हैं, वहीं अभी तक नगर निगम क्षेत्र से आवारा और बेसहारा पशुओं को हटाया नहीं जा सका है. यह पशु सभी प्रमुख बाजारों और सड़कों पर पूरे झुंड में दिखाई देते हैं. बावजूद इसके जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. गोरखपुर के प्रभारी और प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बजाय उनको बचाते हुए नजर आ रहे हैं.
अधिकारियों की लापरवाही से नहीं हटाए जा सके हैं आवारा पशु
योगी सरकार में बेसहारा और आवारा पशुओं को नगरी क्षेत्र से हटाकर हर शहर में बनाए गए कान्हा उपवन और गो सदन में भेजे जाने का सख्त फरमान है, लेकिन उनके ही शहर में उनके ही आदेश का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. सड़कों पर पूरी संख्या बल के साथ ऐसे जानवर दिखाई देते हैं जो गोरखपुर नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली को आईना दिखाता है. इन पशुओं की वजह से पिछले दो-तीन माह के अंदर तीन लोगों की मौत हो चुकी है तो दर्जनों लोग घायल हुए हैं.
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प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री अधिकारियों को बचाने वाला ही बयान देते हैं. वह कहते हैं कि सीएम योगी गोरखपुरी नहीं प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्मार्ट सिटी बनाकर रहेंगे. मतलब साफ है कि किसी भी योजना और आदेश पर जिले के अधिकारी गंभीरता से काम नहीं करते. अगर करते तो इतने पुराने आदेश का गोरखपुर में अक्षरसः पालन दिखता. सड़क पर न जानवर दिखते और न ही लोगों की जान जाती. गोरखपुर का ह्रदय स्थली गोलघर हो या फिर अस्पताल के आसपास का इलाका या प्रमुख व्यवसायिक चौराहे. हर जगह जानवर अपनी मौजूदगी दिखाते हैं, फिर भी अधिकारियों को यह नजर नहीं आते हैं.