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जानिए सीएम योगी ने क्यों नहीं उठाया पाकिस्तान से आया फोन कॉल - गोरखपुर

सीएम योगी शनिवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथ पंथ के वैश्विक प्रदेश विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि वह पाकिस्तान से आने वाली फोन कॉल रिसीव नहीं करते हैं.

गोरखपुर में नाथ पंथ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए सीएम योगी.
गोरखपुर में नाथ पंथ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए सीएम योगी.
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Published : Mar 20, 2021, 5:22 PM IST

गोरखपुर: सीएम योगी पाकिस्तान के ऊपर सिर्फ गरजते ही नहीं है वहां से आने वाली फोन कॉल को भी नहीं रिसीव करते हैं. वह भली-भांति जानते भी हैं कि आने वाली फोन कॉल्स पाकिस्तान से हैं, लेकिन वह उसे उठाते नहीं. इस बात का उल्लेख उन्होंने शनिवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथ पंथ के वैश्विक प्रदेश विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में लोगों को संबोधित करते हुए किया. उन्होंने कहा कि उनके जानने वाले कुछ लोग पाकिस्तान भ्रमण पर थे. इस दौरान वहां पर नाथ पंथ के मठ-मंदिर और अनुयायियों को देखकर लोग चकित होकर उन्हें फोन करने लगे. योगी ने कहा कि फोन कॉल्स पाकिस्तान से आ रही थी, इसलिए उन्होंने उसे उठाना उचित नहीं समझा. लेकिन जिन लोगों ने उन्हें फोन किया था, जब वह भारत लौटे तो उनकी जिज्ञासा को भी उन्होंने नाथ पंथ को लेकर शांत किया.

गोरखपुर में नाथ पंथ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए सीएम योगी.

पाकिस्तान के पेशावर में नाथ पंथ का मठ-मंदिर
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में नाथ पंथ के मठ मंदिर के बारे में कहा कि पेशावर के जोगियावाड़ा पहाड़ी के पास नाथ पंथ का मंदिर है. जहां पर लोग बाबा गोरखनाथ की अलख जगाए हुए हैं. उनका जय-जयकार हमेशा होता रहता है. यही नहीं उस मन्दिर से सभी पंथों के लोगों का जुड़ाव है. जिसमें हिन्दू भी थे और मुसलमान भी. योगी ने लोगों की जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा कि पेशावर में गुरू गोरखनाथ की साधना स्थली के साथ एक धूना मठ भी है. यही नहीं उन्होंने नेपाल के दांग प्रांत के राजकुमार रतन नाथ की चर्चा करते हुए कहा कि वह भी गुरू गोरखनाथ के शिष्य और नाथ पंथ के संत हो गए थे. उनकी साधना स्थली दांग में ही नहीं उनसे जुड़ी हुई एक मठ जिसको दरगाह कहा जाता है वह आज भी काबुल में स्थित है.

इसे भी पढ़ें-नाथ पंथ पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पहुंचे सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि ऐसे नाथपंथी संत की दरगाह दिल्ली में भी है. यही नहीं आप देश और दुनिया के अंदर जहां कहीं भी जाएंगे आपको नाथपंथ के स्थल देखने को मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, कंबोडिया, आस्ट्रिया जैसे तमाम देशों में नाथ-पंथ के मठ-मंदिर और संत मिल जाएगें, जो शिव अवतारी बाबा गोरखनाथ के अद्भुत अवतरण और संस्कृति को परिभाषित करता है.

गोरखपुर: सीएम योगी पाकिस्तान के ऊपर सिर्फ गरजते ही नहीं है वहां से आने वाली फोन कॉल को भी नहीं रिसीव करते हैं. वह भली-भांति जानते भी हैं कि आने वाली फोन कॉल्स पाकिस्तान से हैं, लेकिन वह उसे उठाते नहीं. इस बात का उल्लेख उन्होंने शनिवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथ पंथ के वैश्विक प्रदेश विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में लोगों को संबोधित करते हुए किया. उन्होंने कहा कि उनके जानने वाले कुछ लोग पाकिस्तान भ्रमण पर थे. इस दौरान वहां पर नाथ पंथ के मठ-मंदिर और अनुयायियों को देखकर लोग चकित होकर उन्हें फोन करने लगे. योगी ने कहा कि फोन कॉल्स पाकिस्तान से आ रही थी, इसलिए उन्होंने उसे उठाना उचित नहीं समझा. लेकिन जिन लोगों ने उन्हें फोन किया था, जब वह भारत लौटे तो उनकी जिज्ञासा को भी उन्होंने नाथ पंथ को लेकर शांत किया.

गोरखपुर में नाथ पंथ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए सीएम योगी.

पाकिस्तान के पेशावर में नाथ पंथ का मठ-मंदिर
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में नाथ पंथ के मठ मंदिर के बारे में कहा कि पेशावर के जोगियावाड़ा पहाड़ी के पास नाथ पंथ का मंदिर है. जहां पर लोग बाबा गोरखनाथ की अलख जगाए हुए हैं. उनका जय-जयकार हमेशा होता रहता है. यही नहीं उस मन्दिर से सभी पंथों के लोगों का जुड़ाव है. जिसमें हिन्दू भी थे और मुसलमान भी. योगी ने लोगों की जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा कि पेशावर में गुरू गोरखनाथ की साधना स्थली के साथ एक धूना मठ भी है. यही नहीं उन्होंने नेपाल के दांग प्रांत के राजकुमार रतन नाथ की चर्चा करते हुए कहा कि वह भी गुरू गोरखनाथ के शिष्य और नाथ पंथ के संत हो गए थे. उनकी साधना स्थली दांग में ही नहीं उनसे जुड़ी हुई एक मठ जिसको दरगाह कहा जाता है वह आज भी काबुल में स्थित है.

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सीएम योगी ने कहा कि ऐसे नाथपंथी संत की दरगाह दिल्ली में भी है. यही नहीं आप देश और दुनिया के अंदर जहां कहीं भी जाएंगे आपको नाथपंथ के स्थल देखने को मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, कंबोडिया, आस्ट्रिया जैसे तमाम देशों में नाथ-पंथ के मठ-मंदिर और संत मिल जाएगें, जो शिव अवतारी बाबा गोरखनाथ के अद्भुत अवतरण और संस्कृति को परिभाषित करता है.

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