गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी के अवसर पर मंगलवार को गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल को एक बड़ी सौगात दी. नेपाल से लेकर देवरिया तक बहने वाली 600 किलोमीटर की राप्ती नदी के गोरखपुर तट पर उन्होंने राम घाट, राजघाट और गुरु गोरक्षनाथ घाट का लोकार्पण किया. करीब 65 करोड़ की तीन परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का काम योजनाओं को लागू करना और उन्हें मूर्त रूप देना है, लेकिन सार्वजनिक और जनहित से जुड़ी योजनाएं लंबे समय तक तब जीवंत रहती है जब लोगों का उसके प्रति प्रेम और समर्पण मिलता है. उन्होंने कहा कि ये गोरखपुरवासियों की जिम्मेदारी है कि वह राप्ती नदी के तट की साफ-सफाई और संरक्षण के प्रति ध्यान दें. जिससे यह स्थान भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बन सके.
मुख्यमंत्री योगी ने उतारी राप्ती की आरती
मुख्यमंत्री योगी ने इस दौरान राप्ती नदी की आरती भी उतारी. इस दौरान उनके साथ प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, गोरखपुर क्षेत्र के सभी विधायक और सांसद भी मौजूद रहे. उन्होंने शवदाह घाट को बाबा मुक्तिनाथ घाट के नाम से घोषित किया. सीएम ने कहा कि राप्ती नदी की बाढ़ और अन्य समस्याओं से मुक्तिनाथ बाबा ने बचाया है. लिहाजा शवदाह घाट का नाम उन्होंने बाबा मुक्तिनाथ के नाम पर रखा. इस दौरान उन्होंने तीन परियोजनाओं का लोकार्पण और एक परियोजना का शिलान्यास किया. साथ ही इस घाट पर आने के लिए उन्होंने सीसी सड़क और नाली का शिलान्यास भी किया. सीएम ने अपने संबोधन में सबको बसंत पंचमी की शुभकामनाएं और बधाई दी. योगी ने कहा पिछले 2 सालों में यहां बहुत गंदगी देखने को मिलती थी. उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि हम जिसकी पूजा करते हैं उसके प्रति श्रद्धा का भाव भी रखते हैं. गंगा की पूजा और आरती इसलिए करते हैं जिससे वह निर्मल बन सके. ऐसा ही प्रण अपनी राप्ती नदी के लिए लेना होगा जिससे वह साफ-सुथरी और अविरल नजर आए.