गोरखपुर : रक्तदान की तरह दूध दान का भी खासा महत्व है. चिकित्सक जन्म के बाद कम से कम छह महीने तक नवजात को मां का ही दूध पिलाने की सलाह देते हैं. मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है. कई महिलाएं कुछ समस्याओं के कारण बच्चों को दूध नहीं पिला पाती हैं. कई लावारिस बच्चे भी मां के दूध से वंचित रह जाते हैं. ऐसे नवजातों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज का मिल्क बैंक बड़ी राहत पहुंचा रहा है. यहां दूध दानकर कई महिलाएं बच्चों की सेहत संवार रहीं हैं. मेडिकल कॉलेज का स्टाफ भी इसके लिए भरपूर सहयोग कर रहा है. मिल्क बैंक में तैनात महिला काउंसलर महिलाओं को इसके लिए जागरूक कर रहीं हैं.
केजीएमयू से बड़ा है बीआरडी का मिल्क बैंक : बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मिल्क बैंक प्रभारी और बाल रोग विभाग के चिकित्सक डॉ. अजीत यादव ने बताया कि माताओं के द्वारा किया गया दूध दान दोहरे लाभ पहुंचाता है. ऐसे नवजात बच्चे जो बेहद कमजोर हैं, और समय से पूर्व पैदा हो गए हैं. वह दूध पीकर स्वस्थ जीवन के साथ आगे बढ़ते हैं. लावारिस मिले बच्चों को भी इसका लाभ मिलता है. जून 2023 में इस मिल्क बैंक की स्थापना हुई. यह प्रदेश का दूसरा मिल्क बैंक है. यहां महिलाएं दूध दान करने के लिए आती हैं. मेडिकल कॉलेज की महिला स्टाफ भी इसमें अपना योगदान देती हैं. कुछ माताएं जो स्तन में अधिक दूध होने की वजह से दर्द और अन्य समस्याओं से जूझती हैं, दूध दान से उन्हें इस परेशानी ने निजात मिल जाती है. यह व्यवस्था और क्षमता के मामले में केजीएमयू से भी बड़ा है. यहां दान किए गए दूध को सुरक्षित रख जरूरतमंदों को इसका लाभ पहुंचाया जाता है.
रोजाना 15 से 20 माताएं कर रहीं दूध दान : मिल्क बैंक प्रभारी ने बताया कि अगस्त माह में 62 माताओं ने दूध दान किया. इससे 69 नवजातों को लाभ मिला. कुल 13 लीटर दूध प्राप्त हुआ. इसी प्रकार सितंबर में 438 माताओं ने दूध दान किया. इसे 143 बच्चों को पिलाया गया. कुल 21 लीटर दूध बैंक को मिला. अक्टूबर में कुल 470 माताओं ने 22 लीटर दूध दान किया. इसे 127 बच्चों के लिए उपलब्ध कराया गया. अब तक दो अनाथ बच्चों को भी इस दूध से नया जीवन दिया है. लोकलाज के डर से किसी ने आश्रय पालना में इन्हें छोड़ दिया था. डॉ. अजीत कहते हैं दूध की अभी और जरूरत है. माताओं को प्रेरित करने का अभियान भी जारी है. प्रतिदिन 15 से 20 माताएं यह पुनीत कार्य कर रहीं हैं. हर अस्पताल और भर्ती महिलाओं से संपर्क किया जा रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस दूध को वर्ष भर सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक चिलर प्लांट की स्थापना की जा चुकी है. कहीं भी जरूरतमंद बच्चों के लिए दूध पहुंचाया जा सकेगा.
दूध दान करने वाली माताएं बोलीं- यह बहुत पुनीत कार्य : ईटीवी भारत से मिल्क बैंक में दूध दान कर चुकी कुछ महिलाओं ने भी बातचीत की. दूध दान करने के बाद उत्साहित महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी. अहम बात ये रही कि मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की स्टाफ नर्स माया रानी भी इनमें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह पुनीत कार्य है. इसमें कोई शर्म और झिझक रखने की जरूरत नहीं है. ऐसी महिलाओं को जरूर आगे आना चाहिए जिन्हें दूध अधिक मात्रा में हो रहा है. उनका दूध किसी ऐसे नवजात, जरूरतमंद बच्चे के काम आ सकता है जिसकी मां दूध पिलाने में सक्षम नहीं है. दूध दान करने वाली महिला अंजू कुशवाहा ने बताया कि जिस प्रकार रक्तदान करके लोग किसी को जीवनदान देते हैं, वैसे ही दूध दान करके भी किसी बच्चे का स्वास्थ्य संवार सकते हैं. अपने बच्चे के लिए दूध पानी वाली महिला रजनी देवी ने बताया कि यह बहुत सराहनीय कदम है, मिल्क बैंक से बच्चे के लिए दूध मिला. दूध दान करने वाली सभी महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रहीं हैं.
यह भी पढ़ें : वेंटिलेटर से हटाने के बाद अब नहीं होगी मौत, 95 फीसदी मरीजों की बचाई गई जान