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जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों के छूट रहे पसीने - गोरखपुर नगर निगम

गोरखपुर में जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग नगर निगम के चक्कर काटने को मजबूर हैं. शासन ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने में तमाम अनियमिताओं की शिकायत को देखते हुए नियम में बदलाव कर दिया है.

जन्म प्रमाण पत्र में घोटाला
जन्म प्रमाण पत्र में घोटाला
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Published : Feb 25, 2021, 7:15 PM IST

गोरखपुर: नगर निगम गोरखपुर में जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग निगम के चक्कर काटने को मजबूर हैं. सूत्रों का कहना है कि शासन ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने में तमाम अनियमिताओं की शिकायत को देखते हुए नियम में बदलाव कर दिया है.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही दिक्कतें

वसूली का मामला आया था सामने

तहसील सुपरवाइजर की रिपोर्ट के बाद नगर निगम जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगा. इसको लेकर ऑनलाइन फार्म वितरण किए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता लाई जा सके. इतना सब होने के बावजूद भी बाहरी व्यक्तियों द्वारा नागरिकों से प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर वसूली का मामला कुछ दिन पहले नगर आयुक्त ने पकड़ा था.

यह भी पढ़ें: चौरी चौरा में शहीद स्मारक संग्रहालय पर्यटकों के लिए फिर खुला

पैसों के हिसाब से मिलेगा प्रमाण पत्र

एक वर्ष के अंदर पैदा होने वाले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नगर निगम से बनेगा, लेकिन एक वर्ष के बाद यदि किसी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना है तो सारी औपचारिकता पूरी करने और तहसील व नगर निगम की रिपोर्ट आने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. दूसरी तरफ मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए तहसील और नगर निगम के सुपरवाइजर और तहसील की रिपोर्ट के बाद प्रमाण पत्र जारी हो रहा है. इसमें भी जबरदस्त खेल चल रहा है. जो जिस हिसाब से पैसे खर्च कर रहा है, उसको प्रमाण पत्र उतनी ही जल्दी बनाकर दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: वेतन भुगतान के लिए कर्मचारियों ने किया बुद्धि-शुद्धि यज्ञ

जोरों से चल रहा धंधा

महानगर के 70 सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर की मिलीभगत से रिपोर्ट के नाम पर वार्डों में यह धंधा जोरों से चल रहा है. जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन के इतने कड़े आदेश के बाद भी जो लोग इस अवैध धंधे में लगे हैं, उन पर नकेल किस तरीके से प्रशासन कसेगा यह समय और व्यवस्था पर निर्भर है.

गोरखपुर: नगर निगम गोरखपुर में जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग निगम के चक्कर काटने को मजबूर हैं. सूत्रों का कहना है कि शासन ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने में तमाम अनियमिताओं की शिकायत को देखते हुए नियम में बदलाव कर दिया है.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही दिक्कतें

वसूली का मामला आया था सामने

तहसील सुपरवाइजर की रिपोर्ट के बाद नगर निगम जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगा. इसको लेकर ऑनलाइन फार्म वितरण किए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता लाई जा सके. इतना सब होने के बावजूद भी बाहरी व्यक्तियों द्वारा नागरिकों से प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर वसूली का मामला कुछ दिन पहले नगर आयुक्त ने पकड़ा था.

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पैसों के हिसाब से मिलेगा प्रमाण पत्र

एक वर्ष के अंदर पैदा होने वाले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नगर निगम से बनेगा, लेकिन एक वर्ष के बाद यदि किसी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना है तो सारी औपचारिकता पूरी करने और तहसील व नगर निगम की रिपोर्ट आने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. दूसरी तरफ मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए तहसील और नगर निगम के सुपरवाइजर और तहसील की रिपोर्ट के बाद प्रमाण पत्र जारी हो रहा है. इसमें भी जबरदस्त खेल चल रहा है. जो जिस हिसाब से पैसे खर्च कर रहा है, उसको प्रमाण पत्र उतनी ही जल्दी बनाकर दिया जा रहा है.

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जोरों से चल रहा धंधा

महानगर के 70 सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर की मिलीभगत से रिपोर्ट के नाम पर वार्डों में यह धंधा जोरों से चल रहा है. जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन के इतने कड़े आदेश के बाद भी जो लोग इस अवैध धंधे में लगे हैं, उन पर नकेल किस तरीके से प्रशासन कसेगा यह समय और व्यवस्था पर निर्भर है.

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