गोरखपुरः जिले में प्रवासी मजदूरों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भी रोजगार दिया जाएगा. इसकी कार्य योजना विभाग ने तैयार करके जिले के 3,000 परिषदीय विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट के रूप में लगभग 10 करोड़ रुपए की धनराशि भेजी है. इसके अलावा खंड शिक्षा अधिकारियों को जून तक विद्यालयों में रंगाई, पुताई आदि का काम करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.
क्या है कंपोजिट ग्रांड स्कीम
इस स्कीम के तहत परिषदीय विद्यालयों में जरूरी संसाधनों के लिए धनराशि आवंटित की जाती है. जिसमें विद्यालयों के कायाकल्प और जरूरी सामानों का खर्चा शामिल किया जाता है. शासन की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर धनराशि आवंटित की जाती है.
इस स्कीम के तहत दरी खरीद, ब्लैकबोर्ड, ग्रीन बोर्ड, आदि की खरीद व मरम्मद की जाती है. इस संबंध में जानकारी देते हुए बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय पर 14 दिन के लिए क्वारंनटाइन किया गया है. विद्यालयों में रंगाई पुताई के साथ फर्श और फर्नीचर की मरम्मत आदि किए जाने हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों से काम लेकर उन्हें रोजगार दिलाने का काम किया जाएगा.
गोरखपुर जिला प्रशासन पहले भी प्रवासी श्रमिकों के लिए उठा चुका है कदम
गोरखपुर जिला प्रशासन बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में शासन के आदेश पर जिला प्रशासन ने गोरखपुर में प्रवासी मजदूरों को अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.
इसके लिए शासन ने 7 लाख 58 हजार मानव कार्य दिवस का लक्ष्य दिया है. वहीं इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर शौचालय निर्माण से लेकर सड़क के निर्माण पर पूरा जोर देना है. इसे पूर्ण करने का अंतिम समय 30 जून निर्धारित किया है. इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर शौचालय निर्माण से लेकर सड़क, पंचायत भवन और कम्युनिटी शौचालय के निर्माण पर पूरा जोर देना है.
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