गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से जहां सपा-बसपा और कांग्रेस अभी अपने प्रत्याशी को तय करने में माथापच्ची कर रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में आप प्रत्याशी ने कहा कि मीडिया और कुछ लोग सीएम योगी को लेकर गोरखपुर की सीट पर हौव्वा खड़ा किए हुए, जबकि वोट शहर के मतदाताओं को देना है. उन्होंने कहा कि संघर्षों से यहां तक पहुंचा हूं. गोरखपुर का सीएम होने के साथ ही पिछले 20 वर्षों से इस शहर के लोग भाजपा पर भरोसा व्यक्त करते हुए उसे यहां नगर निगम में जीता रहे हैं. लेकिन उनकी समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुी है. मोहल्लों में रहने वाले लोग बारिश में डूब रहे हैं और योगी जी फोरलेन रोड बना विकास की बात कर रहे हैं.
विजय श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल हो या फिर शहर की अन्य समस्याएं वो लगातार जनता के साथ मिलकर संघर्ष करते रहे हैं. जनता उन्हें जानती है. लेकिन भाजपा और सीएम योगी यह बताएं कि उनके शहर का विकास क्या फोरलेन से हो जाएगा. जब मोहल्लों में बसे लोगों का जीवन ही तबाह है तो फिर फोरलेन कैसे उनके लिए उपयोगी होगा. उन्होंने कहा कि 20 साल का काला चिट्ठा खोल दिया जाएगा. जिससे गोरखपुर ही नहीं पूरे यूपी से भाजपा साफ हो जाएगी. आप प्रत्याशी ने कहा कि महंगाई की मार से आज भी लोग यहां तबाह हैं.
शहर के व्यापारियों का उत्पीड़न हुआ है. विरोधी दलों के लोगों को बेवजह परेशान किया गया है. अधिकारियों ने उनके जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की बातों को भी नजरअंदाज किया. जिसका जवाब उन्हें इस चुनाव में मिलेगा. गोरखपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में श्रीवास्तव और ब्राह्मण जाति के मतदाता अधिक हैं. इस समीकरण के साथ विजय की सक्रियता की समीक्षा करके पूर्वांचल में आम आदमी के प्रभारी व दिल्ली की मॉडल टाउन विधानसभा के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने प्रत्याशी बनाए जाने पर मोहर लगाई है.
लेकिन योगी के सामने इनकी लड़ाई आसान नहीं होगी. इस शहर ने जनसंघ के दौर में अवधेश श्रीवास्तव को दो बार और लाल बहादुर शास्त्री जी के पुत्र सुनील शास्त्री को यहां से विधायक तो बनाया था. लेकिन उसके बाद किसी श्रीवास्तव को सफलता नहीं मिली है. बसपा ने इस जाति से यहां तीन बार प्रत्याशी के रूप में बड़े चेहरों को उतारा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी और इस बार भी यहां लड़ाई कठिन है.
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