गोण्डा: ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अब उन्हें मनरेगा योजना अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में सुविधा दाता के पद पर नामित किया जाएगा.
खास बात यह होगी कि इन सुविधा दाता द्वारा चिन्हित परियोजनाओं को 10 दिन के भीतर स्वीकृति प्रदान होगी और 15 दिवस के भीतर उस कार्य का मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल भी जारी कर दिया जाएगा. सुविधा दाता बनने के लिए जिन समूह का चयन किया जाएगा, उनके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की गई है.
ऐसे स्वयं सहायता समूह जिनका बैंक से लिंकेज कराते हुए लोन दे दिया गया हो या जिन्हें कैश क्रेडिट लिमिट कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड दिया गया है, उन्हीं समूह की महिलाएं सुविधा दाता बनने की पात्र होंगी. प्रत्येक सुविधा दाता का कार्य मनरेगा के तहत परियोजनाओं का चिन्हकन करना होगा और साथ ही महिला श्रमिकों को चिन्हित करना होगा.
कार्यक्रम अधिकारी से मस्टर रोल प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी सुविधा दाता की होगी. इन्हीं सुविधा दाता द्वारा कार्यस्थल पर श्रमिकों की हाजिरी भी भरी जाएगी.
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जो भी गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं, उनकी देखरेख करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सुविधा दाता प्लान से जोड़ा जा रहा है. इसका उद्देश्य है कि वह गांव में इसको देखें और मस्टर रोल, लेबर की डिमांड इत्यादि पर भी यह कार्य करें.
-हरिश्चन्द्र राम प्रजापति, उपायुक्त मनरेगा