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'स्वयं सहायता समूह' की महिलाएं बनेगी सुविधा दाता, गांवों के विकास कार्य में आएगी तेजी

गोण्डा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समहू की महिलाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में सुविधा दाता के पद पर नामित किया जाएगा. इस तरह अब गांव के विकास कार्यों में तेजी आएगी.

गांव के कार्यों में आएगी रफ्तार
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Published : Nov 16, 2019, 11:32 AM IST

गोण्डा: ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अब उन्हें मनरेगा योजना अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में सुविधा दाता के पद पर नामित किया जाएगा.

खास बात यह होगी कि इन सुविधा दाता द्वारा चिन्हित परियोजनाओं को 10 दिन के भीतर स्वीकृति प्रदान होगी और 15 दिवस के भीतर उस कार्य का मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल भी जारी कर दिया जाएगा. सुविधा दाता बनने के लिए जिन समूह का चयन किया जाएगा, उनके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की गई है.

मनरेगा योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार.

ऐसे स्वयं सहायता समूह जिनका बैंक से लिंकेज कराते हुए लोन दे दिया गया हो या जिन्हें कैश क्रेडिट लिमिट कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड दिया गया है, उन्हीं समूह की महिलाएं सुविधा दाता बनने की पात्र होंगी. प्रत्येक सुविधा दाता का कार्य मनरेगा के तहत परियोजनाओं का चिन्हकन करना होगा और साथ ही महिला श्रमिकों को चिन्हित करना होगा.

कार्यक्रम अधिकारी से मस्टर रोल प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी सुविधा दाता की होगी. इन्हीं सुविधा दाता द्वारा कार्यस्थल पर श्रमिकों की हाजिरी भी भरी जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- गोण्डा: अंतरा इंजेक्शन की सफलता के बाद अब अंतरा दिवस का आयोजन

जो भी गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं, उनकी देखरेख करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सुविधा दाता प्लान से जोड़ा जा रहा है. इसका उद्देश्य है कि वह गांव में इसको देखें और मस्टर रोल, लेबर की डिमांड इत्यादि पर भी यह कार्य करें.
-हरिश्चन्द्र राम प्रजापति, उपायुक्त मनरेगा

गोण्डा: ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अब उन्हें मनरेगा योजना अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में सुविधा दाता के पद पर नामित किया जाएगा.

खास बात यह होगी कि इन सुविधा दाता द्वारा चिन्हित परियोजनाओं को 10 दिन के भीतर स्वीकृति प्रदान होगी और 15 दिवस के भीतर उस कार्य का मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल भी जारी कर दिया जाएगा. सुविधा दाता बनने के लिए जिन समूह का चयन किया जाएगा, उनके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की गई है.

मनरेगा योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार.

ऐसे स्वयं सहायता समूह जिनका बैंक से लिंकेज कराते हुए लोन दे दिया गया हो या जिन्हें कैश क्रेडिट लिमिट कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड दिया गया है, उन्हीं समूह की महिलाएं सुविधा दाता बनने की पात्र होंगी. प्रत्येक सुविधा दाता का कार्य मनरेगा के तहत परियोजनाओं का चिन्हकन करना होगा और साथ ही महिला श्रमिकों को चिन्हित करना होगा.

कार्यक्रम अधिकारी से मस्टर रोल प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी सुविधा दाता की होगी. इन्हीं सुविधा दाता द्वारा कार्यस्थल पर श्रमिकों की हाजिरी भी भरी जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- गोण्डा: अंतरा इंजेक्शन की सफलता के बाद अब अंतरा दिवस का आयोजन

जो भी गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं, उनकी देखरेख करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सुविधा दाता प्लान से जोड़ा जा रहा है. इसका उद्देश्य है कि वह गांव में इसको देखें और मस्टर रोल, लेबर की डिमांड इत्यादि पर भी यह कार्य करें.
-हरिश्चन्द्र राम प्रजापति, उपायुक्त मनरेगा

Intro:ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अब उन्हें मनरेगा योजना अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में सुविधा दाता के पद पर नामित किया जाएगा। मनरेगा योजना अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की नामित महिला सुविधा दाता गांव में होने वाले विकास परियोजनाओं का चिन्हकन करेंगी तथा उस परियोजना को ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्य योजना में शामिल करएंगी।




Body:सबसे खास बात यह होगी कि इन सुविधा दाता द्वारा चिन्हित परियोजनाओं को 10 दिन के भीतर स्वीकृति प्रदान होगी तथा 15 दिवस के भीतर उस कार्य का मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल भी जारी कर दिया जाएगा सुविधा दाता बनने के लिए जिन समूह का चयन किया जाएगा l उनके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की गई है l ऐसे स्वयं सहायता समूह जिनका बैंक से लिंकेज कराते हुए लोन दे दिया गया हो अथवा जिन्हें कैश क्रेडिट लिमिट कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड दिया गया है l उन्हीं समूह की महिलाएं सुविधा दाता बनने की पात्र होंगी l प्रत्येक सुविधा दाता का कार्य मनरेगा के तहत परियोजनाओं का चिन्हकन करना साथ ही साथ महिला श्रमिकों को चिन्हित करना कार्यक्रम अधिकारी से मस्टररोल प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी सुविधा दाता की होगी इन्हीं सुविधा दाता द्वारा कार्यस्थल पर श्रमिकों की हाजिरी भी भरी जाएगी।


Conclusion:इस बाबत उपायुक्त मनरेगा हरिश्चंद्र राम प्रजापति ने बताया कि जो भी गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं। उनको देखरेख करने के लिए, कार्यों को कराने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सुविधादाता प्लान से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि वह गांव में इसको देखें और मस्टररोल, लेबर की डिमांड, इत्यादि उस पर भी यह कार्य करें। इससे उनकी सहभागिता भी बढ़ेगी और कन्वर्जेंस के साथ कार्य भी कराया जा सकता है।

बाईट- हरिश्चन्द्र राम प्रजापति(उपायुक्त मनरेगा)
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