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घंटों फर्श पर तड़पता रहा मरीज, तमाशबीन बने रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी - गंभीर मरीज की स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नहीं की मदद

उत्तर प्रदेश के गोंडा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आयी है. गोंडा जिला अस्पताल परिसर में घटों मरीज दर्द से तड़पता रहा लेकिन कोई कर्मचारी मदद के लिए आगे नहीं आया. मजबूरी में महिला ने अपने पति को स्ट्रेचर पर लिटाकर किसी तरह इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया.

गोंडा जिला अस्पताल में तड़प रहा मरीज.
गोंडा जिला अस्पताल में तड़प रहा मरीज.
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Published : Nov 22, 2020, 4:45 AM IST

गोंडाः सूबे में सरकार भले जिला अस्पताल में बेहतर सुविधा देने का दावा कर जिले में एक वायरल वीडियो ने दावे की कलई खोल दी है. गोंडा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों की संवेदनहीनता सामने आई है. जिला अस्पताल में पति का इलाज कराने पहुंची महिला को स्ट्रेचर के लिए घंटो मशक्कत करना पड़ा. स्टेचर मिलने के बाद कोई स्वास्थ्य कर्मी मदद के लिए नहीं आया. थक हार चुकी महिला इंतजार करने के बाद खुद ही पति को स्ट्रेचर पर लिटाने के लिए उठा रही तभी एक आदमी ने मदद की. इसके बाद महिला ने अपने पति को स्ट्रेचर पर लिटाकर खुद ही इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंची. इस दौरान जिला अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ सभी तमाशबीन बने देखते रहे.

सीएमएस जांच के बाद कार्रवाई का कर रहे दावा
सीएमएस डॉ. सुरेंद्र कुमार रावत ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इस मामले में जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब स्ट्रेचर पर वार्ड वालों की ड्यूटी लगा दी गई है. कोई भी मरीज को इलाज के लिए लाया जाए तो वार्ड ब्वाय मदद करेगा. अब सवाल उठता की जिला अस्पताल में मोटी मोटी तनख्वाह उठाने वाले स्वास्थ्य कर्मी आखिरकार कहां थे और मरीज को स्ट्रेचर से इमरजेंसी वार्ड तक क्यों नहीं ले गए.

गोंडाः सूबे में सरकार भले जिला अस्पताल में बेहतर सुविधा देने का दावा कर जिले में एक वायरल वीडियो ने दावे की कलई खोल दी है. गोंडा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों की संवेदनहीनता सामने आई है. जिला अस्पताल में पति का इलाज कराने पहुंची महिला को स्ट्रेचर के लिए घंटो मशक्कत करना पड़ा. स्टेचर मिलने के बाद कोई स्वास्थ्य कर्मी मदद के लिए नहीं आया. थक हार चुकी महिला इंतजार करने के बाद खुद ही पति को स्ट्रेचर पर लिटाने के लिए उठा रही तभी एक आदमी ने मदद की. इसके बाद महिला ने अपने पति को स्ट्रेचर पर लिटाकर खुद ही इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंची. इस दौरान जिला अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ सभी तमाशबीन बने देखते रहे.

सीएमएस जांच के बाद कार्रवाई का कर रहे दावा
सीएमएस डॉ. सुरेंद्र कुमार रावत ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इस मामले में जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब स्ट्रेचर पर वार्ड वालों की ड्यूटी लगा दी गई है. कोई भी मरीज को इलाज के लिए लाया जाए तो वार्ड ब्वाय मदद करेगा. अब सवाल उठता की जिला अस्पताल में मोटी मोटी तनख्वाह उठाने वाले स्वास्थ्य कर्मी आखिरकार कहां थे और मरीज को स्ट्रेचर से इमरजेंसी वार्ड तक क्यों नहीं ले गए.

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