गोंडा: जिले मे कटरा बाजार के संर्वांगपुर गांव में संचालित आयुर्वेदिक व यूनानी अस्पताल को बिना किसी आदेश के दूसरे गांव में शिफ्ट किए जाने का गजब मामला सामने आया है. आरोप है कि गांव में 50 वर्षों से संचालित इस अस्पताल को फार्मासिस्ट व चपरासी ने मिलकर रातोंरात दूसरे की गांव मे शिफ्ट कर दिया. दोनों कर्मचारी रात में ही अस्पताल का सारा सामान उठा ले गए. सुबह जब गांव के लोग जागे तो अस्पताल गायब मिला.
अस्पताल के फार्मासिस्ट और चपरासी पर आरोप
ये वो जिले के कटरा बाजार ब्लाक के संर्वांगपुर गांव में राजकीय आयुर्वेदिक व यूनानी अस्पताल है जो 50 साल संचालित हो रहा था. गांव में अस्पताल होने से यहां की करीब 2500 की आबादी समेत आसपास के कई गांवों के लोगों के सुलभ इलाज मिल रहा था, लेकिन कुछ दिन पहले अस्पताल के फार्मासिस्ट डॉ. हरिपाल सिंह व चपरासी अयोध्या सिंह ने मिलीभगत कर इस अस्पताल को रातों रात दूसरे गांव ठकुरहनपुरवा में शिफ्ट कर दिया. रात में ही अस्पताल का सारा सामान भी उठा ले गए. सुबह अस्पताल शिफ्ट होने की जानकारी हुई तो ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन दोनों कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हुए. जब उनसे यह जानकारी करने की कोशिश की गई किस आदेश पर अस्पताल शिफ्ट किया गया है तो दोनों ही कोई आदेश नहीं दिखा सके.
ग्रामीणों का कहना, अस्पताल वापस न आने तक प्रदर्शन जारी रहेगा
पूर्व प्रधान ने इस मामले की शिकायत क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकार से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब ग्रामीण अस्पताल को गांव में बनाए रखने के लिए शुक्रवार से भूख हड़ताल पर हैं. लोगों की मांग है कि सर्वांगपुर गांव में आयुर्वेदिक एवं युनानी हॉस्पिटल पुनः उसी गांव में वापस आए, जिससे गांव में रहने वाले लोगों का उचित इलाज हो सके, नहीं तो लोग विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.