गोण्डा: लॉकडाउन में मजदूरों के पलायन का सिलसिला लगातार जारी है. जहां सरकार एक तरफ गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों और बसों का संचालन कर रही हैं. वहीं तमाम लोग अब भी पैदल अपने घरों को जाने के लिए विवश हैं. सोमवार देर रात जनपद में एक ऐसे ही श्रमिक की बेबसी और लाचारी की तस्वीर दिखाई दी जो भावुक कर देने वाली है.
बैसाखी के सहारे यह दिव्यांग युवक पैदल ही अपने घर जा रहा है. साथ में उसके चार अन्य साथी भी हैं. यह युवक बलरामपुर जिले का रहने वाला है और महाराष्ट्र मुंबई में रहकर मजदूरी करता था. इस दिव्यांग युवक का कहना है कि लॉकडाउन हुआ तो आमदनी बंद हो गई. मजबूरी में वह पैदल ही अपने साथियों संग अपने गांव के लिए निकल पड़ा.
युवक ने बताया कि रास्ते में किसी ट्रक वाले ने बैसाखी के सहारे चलते देखा तो सभी को ट्रक पर बिठा लिया. 6 दिन के सफर के बाद आज वह देर रात गोण्डा पहुंचे हैं. यहां से वह फिर पैदल ही बलरामपुर जा रहे हैं. वहीं इस दिव्यांग युवक पर बडगांव चौराहे पर होमगार्ड जवानों की नजर पड़ी तो एक होमगार्ड ने बलरामपुर जा रहे ट्रक को रोककर सभी को उस ट्रक में बैठा दिया.
बैसाखी के सहारे मुम्बई से निकला दिव्यांक श्रमिक, 6 दिनों में पहुंचा गोण्डा
गोण्डा जिले में प्रवासी श्रमिकों के आने जाने का सिलसिला जारी है. मुंबई से एक दिव्यांग युवक बैसाखी के सहारे ही अपने गृह जनपद बलरामपुर के लिए निकल पड़ा. उसने बताया कि रास्ते में ट्रक वाले की नजर उस पर पड़ी तो उसको और साथियों को बैठा कर गोण्डा तक छोड़ दिया. युवक 6 दिन की यात्रा के बाद यहां पहुंचा है.
गोण्डा: लॉकडाउन में मजदूरों के पलायन का सिलसिला लगातार जारी है. जहां सरकार एक तरफ गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों और बसों का संचालन कर रही हैं. वहीं तमाम लोग अब भी पैदल अपने घरों को जाने के लिए विवश हैं. सोमवार देर रात जनपद में एक ऐसे ही श्रमिक की बेबसी और लाचारी की तस्वीर दिखाई दी जो भावुक कर देने वाली है.
बैसाखी के सहारे यह दिव्यांग युवक पैदल ही अपने घर जा रहा है. साथ में उसके चार अन्य साथी भी हैं. यह युवक बलरामपुर जिले का रहने वाला है और महाराष्ट्र मुंबई में रहकर मजदूरी करता था. इस दिव्यांग युवक का कहना है कि लॉकडाउन हुआ तो आमदनी बंद हो गई. मजबूरी में वह पैदल ही अपने साथियों संग अपने गांव के लिए निकल पड़ा.
युवक ने बताया कि रास्ते में किसी ट्रक वाले ने बैसाखी के सहारे चलते देखा तो सभी को ट्रक पर बिठा लिया. 6 दिन के सफर के बाद आज वह देर रात गोण्डा पहुंचे हैं. यहां से वह फिर पैदल ही बलरामपुर जा रहे हैं. वहीं इस दिव्यांग युवक पर बडगांव चौराहे पर होमगार्ड जवानों की नजर पड़ी तो एक होमगार्ड ने बलरामपुर जा रहे ट्रक को रोककर सभी को उस ट्रक में बैठा दिया.