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गोण्डा: मजदूरों को खिलाया गया खाना, लॉकडाउन के चलते थे भूखे - मैदानी बाबा आश्रम

यूपी के गोण्डा में मैदानी बाबा आश्रम के कार्यकर्ताओं ने आज जरूरतमंदों को खाना खिलाया. ये वे लोग थे, जिन्हें लॉकडाउन के चलते दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही थी.

मैदानी बाबा आश्रम.
मैदानी बाबा आश्रम ने मजदूरों को खिलाया गया खाना.
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Published : Mar 26, 2020, 8:04 PM IST

गोण्डा: लॉकडाउन के चलते मजदूर भूखे मरने को मजबूर हैं. जिले में मैदानी बाबा आश्रम की तरफ से ऐसे असहाय लोगों के लिए जो भूख से परेशान हैं. मंदिर, रोडवेज स्टेशन और सड़क किनारे रह कर जीवन यापन कर रहे हैं. उन सभी को तहरी का भोजन बांटा गया. मैदानी बाबा आश्रम ने लोगों की भूख मिटाने की पहल की. इसके बाद भूखे मरने को मजबूर लोगों को खाना खाने के बाद राहत मिली.

मैदानी बाबा आश्रम ने मजदूरों को खिलाया गया खाना.

बताते चलें कि जिले में मैदानी बाबा आश्रम की तरफ से दो टीमें बनाई हैं. ये टीमें जिले में ऐसे भूखे मजलूम लोगों तो खाना दें रहीं हैं, जिनको दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है. खाना खाकर वह लोग अपनी भूख को मिटा रहे हैं. अर्जुन कुमार नाम के एक लड़के ने बताया कि जब से कोरोना के चक्कर में बाजार बंद हुआ है तब से उनको खाना नहीं मिल रहा था. आज तहरी मिली है, जिसको खाया है तो अच्छा लग रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सोनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर 21 दिन के लॉकडाउन का समर्थन किया

मैदानी बाबा आश्रम के कार्यकर्ता राकेश ने कहा कि बंदी के चलते सड़क किनारे रह रहे गरीब लोगों को खाना नहीं मिल रहा था. भूखे मरने को मजबूर थे. हम लोगों ने इनको खाना पहुंचाने का निर्णय किया है. सभी जरूरतमंदों को जा-जाकर बना हुआ खाना दिया, जिससे वे अपनी भूख मिटा सकें. मंदिर, रेलवे स्टेशन और सड़क किनारे रहे ऐसे सभी लोगों को भोजन मुहैया कराई जा रही है.

गोण्डा: लॉकडाउन के चलते मजदूर भूखे मरने को मजबूर हैं. जिले में मैदानी बाबा आश्रम की तरफ से ऐसे असहाय लोगों के लिए जो भूख से परेशान हैं. मंदिर, रोडवेज स्टेशन और सड़क किनारे रह कर जीवन यापन कर रहे हैं. उन सभी को तहरी का भोजन बांटा गया. मैदानी बाबा आश्रम ने लोगों की भूख मिटाने की पहल की. इसके बाद भूखे मरने को मजबूर लोगों को खाना खाने के बाद राहत मिली.

मैदानी बाबा आश्रम ने मजदूरों को खिलाया गया खाना.

बताते चलें कि जिले में मैदानी बाबा आश्रम की तरफ से दो टीमें बनाई हैं. ये टीमें जिले में ऐसे भूखे मजलूम लोगों तो खाना दें रहीं हैं, जिनको दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है. खाना खाकर वह लोग अपनी भूख को मिटा रहे हैं. अर्जुन कुमार नाम के एक लड़के ने बताया कि जब से कोरोना के चक्कर में बाजार बंद हुआ है तब से उनको खाना नहीं मिल रहा था. आज तहरी मिली है, जिसको खाया है तो अच्छा लग रहा है.

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मैदानी बाबा आश्रम के कार्यकर्ता राकेश ने कहा कि बंदी के चलते सड़क किनारे रह रहे गरीब लोगों को खाना नहीं मिल रहा था. भूखे मरने को मजबूर थे. हम लोगों ने इनको खाना पहुंचाने का निर्णय किया है. सभी जरूरतमंदों को जा-जाकर बना हुआ खाना दिया, जिससे वे अपनी भूख मिटा सकें. मंदिर, रेलवे स्टेशन और सड़क किनारे रहे ऐसे सभी लोगों को भोजन मुहैया कराई जा रही है.

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