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गोण्डा: शिक्षकों को रिलीव करने के नाम रिश्वत का खेल, बीईओ निलंबित - बीईओ पर धन उगाही का आरोप

यूपी के गोंडा जिले में शिक्षकों की कार्यमुक्ति के लिए धन उगाही मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के साथ ही एक प्रधानाध्यापक और संविदा कर्मी पर भी कार्रवाई की गई है. खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित करके डायट दर्जीकुआं से संबद्ध किया गया है.

गोंडा में तीन बीईओ निलंबित
गोंडा में तीन बीईओ निलंबित
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Published : Feb 4, 2021, 2:05 PM IST

गोंडा: जिले में अंतर्जनपदीय तबादले के बाद शिक्षकों से कार्यमुक्ति के लिए बीईओ पर धन उगाही के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित किया गया है. इस मामले में बीईओ के साथ ही लेखाकार और एक प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दिए गए हैं. वजीरगंज में शिक्षकों से धन उगाही किए जाने की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद शासन ने पूरी रिपोर्ट तलब किया है. बीएसए ने मामले की जानकारी किया.

GONDA NEWS
जिले अंतर्जनपदीय तबादले के बाद शिक्षकों से कार्यमुक्ति के लिए बीईओ पर धन उगाही के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित किया गया है.

इस मामले में उन्होंने बताया कि धन उगाही की पुष्टि होने पर रिपोर्ट भेजी गई. उधर रिपोर्ट मिलने के चंद घंटों में ही अपर शिक्षा निदेशक सरिता तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए. मामले को जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही द्वारा गंभीरता से लेते हुए एडीएम की निगरानी में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है. तीन दिन के भीतर टीम जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेगी.

जानिए पूरा मामला

अंतर्जनपदीय तबादले वाले 1085 शिक्षकों की कार्यमुक्ति में धन उगाही मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के साथ ही एक प्रधानाध्यापक और संविदा कर्मी भी कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं. सहायक शिक्षा निदेशक विनय मोहन वन ने बताया कि वजीरगंज में बीईओ की कार्यप्रणाली से विभाग की छवि धूमिल हुई है. शिक्षकों से उगाही के मामले में बीआरसी कैंपस के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवशंकर सिंह और संविदा कर्मी लेखाकार विपिन कुमार की भूमिका है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि तीनों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराएं. वहीं खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित करके डायट दर्जीकुआं से संबद्ध किया गया है.

GONDA NEWS
वजीरगंज ब्लॉक में शिक्षकों से कार्य मुक्ति के नाम पर करीब 48 हजार की वसूली सूची जारी हुई थी.

पूरे मामले की जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या को सौंपी गई है. वजीरगंज ब्लॉक में शिक्षकों से कार्य मुक्ति के नाम पर करीब 48 हजार की वसूली सूची जारी हुई थी. सूची जारी करने वाले ने लेखाकार पर ही वसूली का आरोप लगाया था, जिसमें शिक्षिका गीता, स्मृति मौर्या, मोनिका, सरिता वर्मा, प्रियंका दूबे, राम प्रकाश शुक्ल, सरिता, प्रेमलता यादव, सुचित्रा कैसर, मनोरमा चौधरी से दो-दो हजार रुपये, सुमित चौधरी के 1500 रुपये, संजू मौर्या से तीन हजार रुपये वसूली के साथ ही किसी संगठन के अध्यक्ष से भी पांच हजार रुपये एक मुश्त लिए जाने की सूची जारी की गई थी.

1085 शिक्षकों को गोंडा से गैर जनपद होना था रिलीव

जिले से 1085 शिक्षकों का तबादले गैर जनपद हुआ था. बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से 30 जनवरी तक ही स्थानांतरित शिक्षकों के कार्य मुक्ति के लिए पत्रावली मांगी थी, जिससे दो फरवरी को सभी शिक्षकों को कार्य मुक्ति का आदेश आसानी से जारी किया जा सके. इसके विपरीत खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यलय में फाइल देर में भेजी गई, जिससे शिक्षकों की कार्य मुक्ति की कार्रवाई देर रात तक पूरी हो पाई. बीएसए को पूरी रात बैठकर कार्य मुक्ति करना पड़ा. यही नहीं नगर मजिस्ट्रेट वंदना त्रिवेदी ने मौके पर पहुंच कर रात में व्यवस्था बनवाई. उसके बाद पूरी रात बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय परिसर में रिलीविंग का काम चलता रहा.

एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन

जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने मामले को संज्ञान में लेते हुए नाराजगी जाहिर किया. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम, जिसमें एडीएम राकेश कुमार,एएसपी शिवराज व सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा को नामित किया है. तीन दिनों में जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिया गया है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मंच गया है.

गोंडा: जिले में अंतर्जनपदीय तबादले के बाद शिक्षकों से कार्यमुक्ति के लिए बीईओ पर धन उगाही के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित किया गया है. इस मामले में बीईओ के साथ ही लेखाकार और एक प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दिए गए हैं. वजीरगंज में शिक्षकों से धन उगाही किए जाने की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद शासन ने पूरी रिपोर्ट तलब किया है. बीएसए ने मामले की जानकारी किया.

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जिले अंतर्जनपदीय तबादले के बाद शिक्षकों से कार्यमुक्ति के लिए बीईओ पर धन उगाही के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित किया गया है.

इस मामले में उन्होंने बताया कि धन उगाही की पुष्टि होने पर रिपोर्ट भेजी गई. उधर रिपोर्ट मिलने के चंद घंटों में ही अपर शिक्षा निदेशक सरिता तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए. मामले को जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही द्वारा गंभीरता से लेते हुए एडीएम की निगरानी में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है. तीन दिन के भीतर टीम जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेगी.

जानिए पूरा मामला

अंतर्जनपदीय तबादले वाले 1085 शिक्षकों की कार्यमुक्ति में धन उगाही मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के साथ ही एक प्रधानाध्यापक और संविदा कर्मी भी कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं. सहायक शिक्षा निदेशक विनय मोहन वन ने बताया कि वजीरगंज में बीईओ की कार्यप्रणाली से विभाग की छवि धूमिल हुई है. शिक्षकों से उगाही के मामले में बीआरसी कैंपस के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवशंकर सिंह और संविदा कर्मी लेखाकार विपिन कुमार की भूमिका है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि तीनों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराएं. वहीं खंड शिक्षा अधिकारी ममता सिंह को निलंबित करके डायट दर्जीकुआं से संबद्ध किया गया है.

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वजीरगंज ब्लॉक में शिक्षकों से कार्य मुक्ति के नाम पर करीब 48 हजार की वसूली सूची जारी हुई थी.

पूरे मामले की जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या को सौंपी गई है. वजीरगंज ब्लॉक में शिक्षकों से कार्य मुक्ति के नाम पर करीब 48 हजार की वसूली सूची जारी हुई थी. सूची जारी करने वाले ने लेखाकार पर ही वसूली का आरोप लगाया था, जिसमें शिक्षिका गीता, स्मृति मौर्या, मोनिका, सरिता वर्मा, प्रियंका दूबे, राम प्रकाश शुक्ल, सरिता, प्रेमलता यादव, सुचित्रा कैसर, मनोरमा चौधरी से दो-दो हजार रुपये, सुमित चौधरी के 1500 रुपये, संजू मौर्या से तीन हजार रुपये वसूली के साथ ही किसी संगठन के अध्यक्ष से भी पांच हजार रुपये एक मुश्त लिए जाने की सूची जारी की गई थी.

1085 शिक्षकों को गोंडा से गैर जनपद होना था रिलीव

जिले से 1085 शिक्षकों का तबादले गैर जनपद हुआ था. बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से 30 जनवरी तक ही स्थानांतरित शिक्षकों के कार्य मुक्ति के लिए पत्रावली मांगी थी, जिससे दो फरवरी को सभी शिक्षकों को कार्य मुक्ति का आदेश आसानी से जारी किया जा सके. इसके विपरीत खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यलय में फाइल देर में भेजी गई, जिससे शिक्षकों की कार्य मुक्ति की कार्रवाई देर रात तक पूरी हो पाई. बीएसए को पूरी रात बैठकर कार्य मुक्ति करना पड़ा. यही नहीं नगर मजिस्ट्रेट वंदना त्रिवेदी ने मौके पर पहुंच कर रात में व्यवस्था बनवाई. उसके बाद पूरी रात बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय परिसर में रिलीविंग का काम चलता रहा.

एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन

जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने मामले को संज्ञान में लेते हुए नाराजगी जाहिर किया. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम, जिसमें एडीएम राकेश कुमार,एएसपी शिवराज व सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा को नामित किया है. तीन दिनों में जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिया गया है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मंच गया है.

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