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विश्व धर्म संसद के लिए संतों का समर्थन मांगने हरिद्वार पहुंचे यति नरसिंहानंद सरस्वती

गाजियाबाद में स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (yati narsimhanand saraswati) शुक्रवार को हरिद्वार (Haridwar news) पहुंचे. उन्होंने कहा कि वो इस्लामिक जिहाद के खिलाफ विश्व धर्म संसद के लिए हरिद्वार के संतों का समर्थन मांगने आए हैं.

यति नरसिंहानंद सरस्वती.
यति नरसिंहानंद सरस्वती.
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Published : Jun 4, 2021, 11:00 PM IST

हरिद्वार: गाजियाबाद में स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (yati narsimhanand saraswati) शुक्रवार को हरिद्वार (Haridwar news) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद (Islamic Jihad) को लेकर दिसम्बर में होने वाली विश्व धर्म संसद के लिए वे हरिद्वार के संतों का समर्थन मांगने आए हैं. इस बारे में कई संतों से चर्चा भी करेंगे.

जानकारी देते यति नरसिंहानंद सरस्वती.

वेद निकेतन में पत्रकारों से बात करते हुए यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि इस्लामिक जिहादियों के कारण न केवल हिन्दू बल्कि सारी मानवता खतरे में आ चुकी है. भारत में जिस तरह के एक विशेष वर्ग सुनियोजित तरीके से अपनी जनसंख्या बढ़ा रहा है, इससे निश्चित हो चुका है कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री कोई विशेष धर्म का ही होगा. इसके बाद भारत में हिन्दू विदेशों में या शरणार्थी शिविरों में रहेंगे जो धीरे धीरे खत्म होते चले जायेंगे.

उन्होंने कहा कि इसके बाद भारत में न तो कोई लोकतंत्र रहेगा और न ही मानवता बचेगी. यह सनातन धर्म का सम्पूर्ण विनाश होगा और इसके बाद दुनिया में जो भी अच्छा है, वो सब खत्म हो जाएगा. भारत पर कब्जा करने के बाद इस्लामिक जिहाद आज से हजारों गुना ज्यादा खूंखार और खतरनाक हो जाएगा. वैसे आज भी पूरे विश्व के जिहादी आतंकवाद का सबसे बड़े वैचारिक केंद्र दारुल उलूम देवबंद भारत में ही स्थित है. यह स्थिति सम्पूर्ण विश्व के लिए बहुत ही खतरनाक होगी.

पढ़ें- कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तराखंड सरकार देगी प्रति माह 3000 रुपए

विश्व को इस विनाशकारी आपदा से बचाने के लिये आज कुछ लोगों को इस्लामिक जिहादियों की गोलियों के सामने अपनी छाती खोलकर खड़ा होना पड़ेगा. ताकि दुनिया इनकी असलियत को जान सके और इनसे लड़ने को तैयार हो सके.

उन्होंने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि मेरी मां और महादेव ने मुझे इस महान कार्य के लिए चुना है. अगर मेरे बलिदान से सनातन धर्म के मानने वाले जागते हैं और इस्लामिक जिहाद को मिटाने के लिए खड़े हो जाते हैं तो यह मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य होगा.

कौन हैं यति नरसिंहानंद सरस्वती

यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत हैं. ये अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में ऐसी खबर आई कि कश्मीर से एक आतंकी यति नरसिंहानंद की हत्या करने आया था. हालांकि कश्मीर निवासी आतंकी जान मोहम्मद उर्फ डार को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. अभी दो दिन पहले डासना मंदिर परिसर में फिर से दो संदिग्ध घुस आए थे. सेवादारों ने संदिग्ध लगने के बाद उनकी तलाशी ली तो उनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं. दावा किया गया है कि यह दवा घातक जहर है. इसके बाद सेवादारों ने संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. दोनों अपने को हिंदू बताकर मंदिर परिसर में आए हुए थे. लेकिन इनमें से एक की पहचान मुस्लिम के रूप में हुई है. उसने पुलिस को अपना असली नाम कासिफ बताया है. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है.

हरिद्वार: गाजियाबाद में स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (yati narsimhanand saraswati) शुक्रवार को हरिद्वार (Haridwar news) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद (Islamic Jihad) को लेकर दिसम्बर में होने वाली विश्व धर्म संसद के लिए वे हरिद्वार के संतों का समर्थन मांगने आए हैं. इस बारे में कई संतों से चर्चा भी करेंगे.

जानकारी देते यति नरसिंहानंद सरस्वती.

वेद निकेतन में पत्रकारों से बात करते हुए यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि इस्लामिक जिहादियों के कारण न केवल हिन्दू बल्कि सारी मानवता खतरे में आ चुकी है. भारत में जिस तरह के एक विशेष वर्ग सुनियोजित तरीके से अपनी जनसंख्या बढ़ा रहा है, इससे निश्चित हो चुका है कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री कोई विशेष धर्म का ही होगा. इसके बाद भारत में हिन्दू विदेशों में या शरणार्थी शिविरों में रहेंगे जो धीरे धीरे खत्म होते चले जायेंगे.

उन्होंने कहा कि इसके बाद भारत में न तो कोई लोकतंत्र रहेगा और न ही मानवता बचेगी. यह सनातन धर्म का सम्पूर्ण विनाश होगा और इसके बाद दुनिया में जो भी अच्छा है, वो सब खत्म हो जाएगा. भारत पर कब्जा करने के बाद इस्लामिक जिहाद आज से हजारों गुना ज्यादा खूंखार और खतरनाक हो जाएगा. वैसे आज भी पूरे विश्व के जिहादी आतंकवाद का सबसे बड़े वैचारिक केंद्र दारुल उलूम देवबंद भारत में ही स्थित है. यह स्थिति सम्पूर्ण विश्व के लिए बहुत ही खतरनाक होगी.

पढ़ें- कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तराखंड सरकार देगी प्रति माह 3000 रुपए

विश्व को इस विनाशकारी आपदा से बचाने के लिये आज कुछ लोगों को इस्लामिक जिहादियों की गोलियों के सामने अपनी छाती खोलकर खड़ा होना पड़ेगा. ताकि दुनिया इनकी असलियत को जान सके और इनसे लड़ने को तैयार हो सके.

उन्होंने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि मेरी मां और महादेव ने मुझे इस महान कार्य के लिए चुना है. अगर मेरे बलिदान से सनातन धर्म के मानने वाले जागते हैं और इस्लामिक जिहाद को मिटाने के लिए खड़े हो जाते हैं तो यह मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य होगा.

कौन हैं यति नरसिंहानंद सरस्वती

यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत हैं. ये अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में ऐसी खबर आई कि कश्मीर से एक आतंकी यति नरसिंहानंद की हत्या करने आया था. हालांकि कश्मीर निवासी आतंकी जान मोहम्मद उर्फ डार को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. अभी दो दिन पहले डासना मंदिर परिसर में फिर से दो संदिग्ध घुस आए थे. सेवादारों ने संदिग्ध लगने के बाद उनकी तलाशी ली तो उनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं. दावा किया गया है कि यह दवा घातक जहर है. इसके बाद सेवादारों ने संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. दोनों अपने को हिंदू बताकर मंदिर परिसर में आए हुए थे. लेकिन इनमें से एक की पहचान मुस्लिम के रूप में हुई है. उसने पुलिस को अपना असली नाम कासिफ बताया है. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है.

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