गाजियाबाद: करीब एक महीने से अधिक से अन्नदाताओं का दिल्ली की दहलीज पर आंदोलन जारी है. दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी की अन्य सीमाओं पर अन्नदाता डेरा डाले हुए हैं. अन्नदाताओं की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाए. अन्नदाता साफ कर चुका है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती हैं, तब तक अन्नदाता दिल्ली से वापस नहीं लौटेगा और आंदोलन जारी रहेगा.
गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता उदित राज पहुंचे. ईटीवी भारत से बातचीत में उदित राज ने कहा भारतीय किसान यूनियन समेत तमाम किसान संगठन आज पूरे देश की लड़ाई लड़ रहे हैं. तमाम सेक्टरों को बर्बाद करने के बाद केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद करने में तुली हुई है. सभी सेक्टर लगभग बर्बाद हो चुके हैं. केंद्र सरकार 25 लाख करोड़ के कृषि बाजार को निजी कंपनियों को सौंपना चाहती है.
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उदित राज ने कहा कि गला देने वाली सर्दी में किसान खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन में करीब 40 किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री के जरिए हाल ही में की गई मन की बात में आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों का जिक्र तक नहीं किया गया. पूरे देश की जनता को इस समय किसानों के साथ खड़ा होना है.