गाजियाबाद: कोरोना संक्रमितों के साथ ही क्वारंटाइन व आइसोलेट किए गए व शेल्टर होम में रखे गए लोगों के मन में तरह-तरह के मनोभाव पैदा हो रहे हैं. ऐसे में किसी को समाज का डर है तो किसी को घर जाने की चिंता सता रही है. इसके लिए मनोवैज्ञानिक ऐसे मरीजों की नियमित काउंसलिंग कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद में हुआ.
गाजियाबाद में कोरोना वायरस हेतु बनाए गए अस्थाई क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए लोगों को कोरोना के बारे में जागरूक एवं मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए एक्सपर्ट मनोवैज्ञानिकों को प्रॉपर किट में भेजकर काउंसलिंग कराई जा रही है. गाजियाबाद के एमएमजी हॉस्पिटल में इस पहल की शुरुआत हुई है.
जिला प्रशासन द्वारा काउंसलिंग कराने का मुख्य मकसद क्वारंटाइन में रखे गए लोगों को जागरूक रखने का है. साथ ही और उनमे कोरोना वायरस को लेकर किसी भी प्रकार की घबराहट एवं जानकारी का अभाव ना रह जाए तथा वे लोग इससे निजात पाने में अपने आप को काउंसलिंग द्वारा मानसिक ढंग से मजबूत कर सकें.
इस दौरान क्वारंटाइन में रखे गए लोगों को मनोवैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 के बारे में जानकारी और उन्हें मनोशिक्षित किया जा रहा हैं. कोविड-19 क्या है, इसके लक्षण क्या है, यह कैसे फैलता है और इससे निजात पाने के लिए हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए तथा इसका इलाज उपचार एवं रोकथाम, सामाजिक भेदभाव की भूमिका, तनाव व क्रोध व्यवहार एवं व्यक्तिगत परामर्श आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उनकी काउंसलिंग की जा रही है.
जनपद गाजियाबाद ऐसा प्रथम जनपद बना है, जहां क्वारंटाइन में रखे गए लोगों की मनोवैज्ञानिको से काउंसलिंग कराई जा रही हैं.