गाजियाबादः जनपद गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील में एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया है. महामारी के भयानक दौर में जहां एक ओर अधिकतर अधिकारीयों ने अपने आप को जनता से दूर कर लिया है. वहीं एसडीएम सौम्या पांडेय ने बेटी को जन्म देने के बाद 1 महीने से भी कम समय के अवकाश के बाद गाजियाबाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मोदीनगर तहसील में एसडीएम का कार्यभार संभाल लिया है.
एसडीएम सौम्या पांडेय ने अपने पद की जिम्मेदारियों को समझते हुए जनता की मदद के लिए बहुत जल्द वापस अपने कार्यालय पर लौटी आई हैं और पहले की तरह इस बार भी अपने नवजात बच्चे को साथ रख कर जनता की समस्याओं को सुनते हुए, उनका बखूबी समाधान कर रही हैं. यह पूरे जनपद गाजियाबाद सहित आसपास के जिलों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
मोदीनगर एसडीएम सौम्या पांडेय का कहना है कि वह एक आईएएस अधिकारी है. उनको अपनी सर्विस भी देखनी है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सबकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है. जहां तक बच्चे की बात है तो भगवान ने नारी को इतनी शक्ति दी है कि वह बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी परवरिश करते हुए सृष्टि को आगे बढ़ा सके.
सौम्या पांडेय ने कहा कि भारत के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बच्चे को जन्म देने के अंतिम समय तक घरेलू और खेतों के कार्य भी करती हैं और बच्चों को जन्म देने के बाद घर को संभालते हुए बच्चे की परवरिश करती हैं. ठीक इसी प्रकार भगवान के आशीर्वाद से वह अपने 3 सप्ताह की बच्ची के साथ प्रशासनिक कार्य संभाल पा रही हैं.
परिवार और प्रशासन का मिल रहा सहयोग
आईएएस अधिकारी सौम्या पांडेय ने बताया कि उनके इस योगदान में उनके संयुक्त परिवार सहित, बच्चे के नाना-नानी और गाजियाबाद प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है. एसडीएम सौम्या पांडेय ने बताया कि प्रेगनेंसी के दौरान भी वह कोरोना वायरस को लेकर किए गए इंतजामों की मॉनिटरिंग करती थी और उनकी नोडल अधिकारी थी.
एसडीएम के काम की हो रही है खूब चर्चा
एसडीएम सौम्या पांडेय का कहना है कि वह सभी गर्भवती महिलाओं से अपील करना चाहती हैं कि वह कोरोना काल के दौरान अपना खास ध्यान रखें. इसके साथ ही आईएएस अधिकारी सौम्या पांडेय ने बताया कि तहसील परिसर में आने वाले हर एक व्यक्ति की कोरोना को लेकर रेंडम टेस्टिंग की जा रही है. पूरे तहसील परिसर को सैनिटाइज कराया जा रहा है. इसके साथ ही वह खुद भी एहतियात बरतते हुए तहसील परिसर में आने वाली फाइलों को सैनिटाइज करती हैं और मास्क-ग्लव्स का इस्तेमाल करते हुए अपनी बेटी की देखरेख करती हैं.