गाजियाबाद: जिले में इन दिनों मई का महीना चल रहा है और जून के अगले महीने में मानसून का मौसम आ जाएगा. इन दिनों में किसान खरीफ की फसलों की बुवाई करते हैं. ऐसे में संपूर्ण भारत देश में कोरोना वायरस के मद्देनजर लाॅकडाउन किया गया है, जिसका चौथा चरण 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में खरीफ की फसल बोने वाले किसानों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
फसल की पैदावार में आ रही दिक्कत
ज्वार की फसल बोने वाले किसान का कहना है कि एक तो वह पहले ही बेमौसम बरसात से बर्बाद हो रहे हैं और वहीं दूसरी ओर लाॅकडाउन के चलते उनको बाजार में घटिया बीज बेचा जा रहा है. इस वजह से उनकी फसल की पैदावार नहीं हो पा रही है.
फसलों को हो रहा बड़ा नुकसान
ईटीवी भारत से बात करते हुए किसान फरीद अहमद ने बताया कि पहले से हो रही बेमौसम की वजह से उनकी फसलों का नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर उनको बाजार में मुश्किल से बीज मिल भी पा रहा है तो वह घटिया होता है. जिसकी वजह से उनको 3 बार अपनी ज्वार की फसल बोनी पड़ी है. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन से पहले जिस बीज की कीमत 45 रू प्रति किलो थी, अब वह उन्हें 100 रू प्रति किलो मिल रहा है.
बाजार में अच्छा बीज नहीं आ पाया
किसान ने ईटीवी भारत को बताया कि लाॅकडाउन की वजह से रामगंज और कानपुर से अच्छा बीज भी नहीं आ पाया है. इसीलिए व्यापारी लोगों ने पुराने रखे बीज को ही महंगे दाम पर उन्हें दे दिया है.
जंगली जानवरों से परेशान हैं किसान
किसानों की मानें तो मौसम के साथ-साथ उनकी फसल को जंगली जानवर भी बर्बाद कर रहे हैं और अगर ऐसे ही उनकी फसल बर्बाद होती रही तो इस बार चारा महंगा होने के आसार हैं.