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गाजियाबाद: 'खाना नहीं देंगे तो चलेगा, लेकिन हमें घर भिजवा दीजिए'

मेरठ रोड पर दर्जनों प्रवासी मजदूरों की भीड़ गांव जाने के लिए बस के इंतजार में जुट गई. लॉकडाउन के चलते मजदूरों की मनोदशा बहुत प्रभावित हुई है. वह इतने परेशान हैं कि सरकारी मदद का इंतजार भी नहीं करना चाहते. वे बस किसी भी तरह अपने गांवों और घरों को चले जाना चाहते हैं.

घर जाने की तैयारी में मजदूर
घर जाने की तैयारी में मजदूर
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Published : May 10, 2020, 9:13 AM IST

गाजियाबाद: कोरोना संकट की इस घड़ी में मजदूर लगातार निकल रहे हैं, उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है. बस मांग एक ही है कि उन्हें उनके गांव पहुंचा दीजिए. गाजियाबाद के मेरठ रोड पर भी ऐसे दर्जनों मजदूर देखे गए. जो बस मिलने की आस में यहां पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस मौके पहुंच गई. इन मजदूरों का कहना है कि उनके साथ जो भी होगा वो गांव में होना चाहिए. वे यहां भूखे-प्यासे नहीं मरना चाहते हैं. मजदूरों के साथ छोटे बच्चे भी देखे गए.

'हमारे साथ जो हो, वो गांव में हो'
प्रशासन और सरकार लगातार मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजने का प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में यह भी सामने आया था कि कुछ मजदूर अपने घर नहीं जाना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें यहां रोजगार मिल रहा है. लेकिन मुश्किल उन मजदूरों के साथ है जो बाहर से गाजियाबाद आ रहे हैं और यहां प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.
घर जाने की तैयारी में मजदूर
घर जाने की तैयारी में मजदूर

इन मजदूरों का कहना है कि फिलहाल उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए वापस घर जाना चाहते हैं. हालांकि पुलिस और प्रशासन इनकी मदद के भी प्रयास में जुटा हुआ है. मगर मुश्किल यह है कि ज्यादा भीड़ आने पर स्थिति अनियंत्रित होने लगती है.
इन मजदूरों से यही अपील की जा रही है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और वे थोड़ा धैर्य रखें. प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी करवा रहा है.

गाजियाबाद: कोरोना संकट की इस घड़ी में मजदूर लगातार निकल रहे हैं, उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है. बस मांग एक ही है कि उन्हें उनके गांव पहुंचा दीजिए. गाजियाबाद के मेरठ रोड पर भी ऐसे दर्जनों मजदूर देखे गए. जो बस मिलने की आस में यहां पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस मौके पहुंच गई. इन मजदूरों का कहना है कि उनके साथ जो भी होगा वो गांव में होना चाहिए. वे यहां भूखे-प्यासे नहीं मरना चाहते हैं. मजदूरों के साथ छोटे बच्चे भी देखे गए.

'हमारे साथ जो हो, वो गांव में हो'
प्रशासन और सरकार लगातार मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजने का प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में यह भी सामने आया था कि कुछ मजदूर अपने घर नहीं जाना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें यहां रोजगार मिल रहा है. लेकिन मुश्किल उन मजदूरों के साथ है जो बाहर से गाजियाबाद आ रहे हैं और यहां प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.
घर जाने की तैयारी में मजदूर
घर जाने की तैयारी में मजदूर

इन मजदूरों का कहना है कि फिलहाल उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए वापस घर जाना चाहते हैं. हालांकि पुलिस और प्रशासन इनकी मदद के भी प्रयास में जुटा हुआ है. मगर मुश्किल यह है कि ज्यादा भीड़ आने पर स्थिति अनियंत्रित होने लगती है.
इन मजदूरों से यही अपील की जा रही है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और वे थोड़ा धैर्य रखें. प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी करवा रहा है.

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