गाजियाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली एनसीआर में तमाम निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. जिसके चलते दिहाड़ी मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि निर्माण कार्यों पर रोक लग जाने से उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना मुश्किल हो गया है.
परेशानी का सबब बना 'ग्रेप'
बढ़ते प्रदूषण स्तर पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी 'ग्रेप' को लागू कर दिया गया था. साथ ही तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई थी और तमाम कंस्ट्रक्शन साइट्स को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया था.
निर्माण कार्य पर लगी रोक से मजदूर बेहाल
ऐसे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले मजदूरों का किस तरह से पालन पोषण हो रहा है. इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम नासिरपुर रेलवे फाटक स्थित लेबर मंडी पहुंची.
काम न मिलने से बच्चों का स्कूल छूटा
मजदूरों का कहना था कि आमतौर पर सुबह के समय उन्हें काम मिल जाता था, लेकिन अब पूरा दिन यहीं बीत जाता है और शाम को खाली हाथ निराश होकर घर लौटना पड़ता है. आंखों में आंसू लिए एक मजदूर का कहना था कि वह अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों की पढ़ाई मजदूरी करके चलाता था, लेकिन लंबे समय से काम न मिलने के कारण बच्चों का स्कूल जाना भी छूट गया है.
'हाथ आती है सिर्फ निराशा'
गाजियाबाद में अलग-अलग शहरों से मजदूर काम की तलाश में आते हैं, लेकिन काम न होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा लगती है. मजदूरों का कहना था कि अगर निर्माण कार्य पर लगी रोक हट जाती है, तो वे अपना और परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकते हैं.