मेरठः 23 करोड़ का अनमोल, 10 करोड़ का गोलू 2 और 9 करोड़ का विधायक...चौंकिए मत ये किसी इंसान की कीमत नहीं है, बल्कि भैसों की कीमत है. इनकी कीमत इतनी अधिक है कि लग्जरी कारें का काफिला खड़ा हो जाएगा. इन भैसों की कीमत के साथ इनके रहन-सहन और खानपान भी राजे-रजवाड़े से कम नहीं है. दिन-रात इनकी सेवा में कई सेवादार तीमारदारी में जुटे रहते हैं. इतना ही नहीं विधायक भैंसे की सवारी भी शाही है. जिस गाड़ी में विधायक को लाया और ले जाया जाता है, उसमें एसी से लेकर अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. अनमोल भैंसे की कीमत तो ये सभी बेशकीमती भैंसे इस समय मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हुए तीन दिवसीय अखिल भारतीय कृषि मेले की शान बढ़ा रहे हैं. इन भैसों के बारे में जानने और देखने के लिए लोग इच्छुक हैं.
दुनिया की महंगी कारों के बराबर इन भैसों की कीमतः बता दें कि दुनिया की महंगी कारों में शुमार फेरारी पिनिनफेरिना सर्जियो कार की कीमत करीब 23 करोड़ है, जो अनमोल भैंसे के बराबर है. वहीं, पद्मश्री नरेंद्र सिंह के गोलू 2 भैंसें की कीमत रोल्स रायस फैंटम कार के बराबर है. इस कार की कीमत करीब 10.92 है और गोलू 2 भैंसे की कीमत भी लगभग इतनी है. वहीं, विधायक भैंसे की कीमत फेरारी एसएफ 90 स्ट्रैडेल कार के बराबर है. इस कार की अनुमानित कीमत 7.50 से 9 करोड़ रुपये है.
मंत्री भैंसा भी हो रहा तैयारः गोलू 2 और विधायक के मालिक पशुपालक पद्मश्री नरेन्द्र सिंह ने ETV Bharat से बातचीत में बताया कि वह लगातार पशुओं की नस्ल सुधार के लिए काम करते हैं. पिछले 25 साल से वह मुर्रा नस्ल की भैंस पालते आ रहे हैं. दो साल के बाद मेरठ के कृषि मेले में आए हैं. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके घर में गोलू 2 मुर्रा नस्ल के भैंस की तीसरी पीढ़ी है. इसके दादा का गोलू -2 के पिता को उन्होंने हरियाणा सरकार को तैयार करके खासकर मुर्रा प्रजाति की भैंस की नस्ल सुधार के लिए डोनेट किया था. इसके बाद अब तक हजारों अच्छी नस्ल के बच्चे तैयार करने में योगदान दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब गोलू 2 लगभग 8 साल का हो गया है. जबकि गोलू टू का बेटा विधायक भी तैयार किया है, जिसकी उम्र करीब 4 साल है. यह भी अपने पिता की तरह कमाऊ पूत है.
बच्चों से अधिक प्यार करते हैंः दस करोड़ कीमत के गोलू 2 की लंबाई 15, ऊंचाई करीब साढ़े पांच और चौड़ाई पौने चार फीट है. इसका वजन करीब 1200 किलोग्राम है. नरेंद्र बताते हैं कि गोलू -2 हो और उसके बेटे विधायक को अपने बच्चों से ज्यादा प्यार इन्हें करते हैं. क्योंकि देश में आज इनकी वजह से ही उनकी भी पहचान और इज्जत है.
गोलू 2 ने अब तक 40 हजार उत्तराधिकारी दिएः नरेंद्र बताते हैं कि पानीपत जिले के डिडवारी गांव का नाम आज हर पशुपालक जान गया है. अकेले गोलू सेकंड ने अब तक 40 हजार के करीब अपने जैसे हृष्ट-पुष्ट उत्तराधिकारी पैदा कर दिए हैं. गोलू के सीमन की देशभर में डिमांड है. लेकिन वह किसी सप्लायर को नहीं बल्कि किसान व पशुपालकों को ही सीमन देना पसंद करते हैं. नरेंद्र ने बताया कि भैंसे विधायक की मां को अपने एक जानकार विधायक के यहां से लाए थे. जिसके बाद उस भैंस के बच्चे को विधायक का नाम दिया है. अब विधायक के सीमन से भी एक बच्चे को पैदा करके पाल रहे हैं, उसका नाम मंत्री रख दिया है.
हर साल 45 लाख कमाईः पद्मश्री नरेंद्र के भतीजे अन्नू का कहना है कि वह भी अब अपने चाचा के साथ पूरे समय पशुओं की सेवा में लगे रहते हैं. सालाना गोलू टू और विधायक के सीमन से लगभग 30 लाख से अधिक रुपये की कमाई कर रहे हैं. गोलू टू और विधायक की डाइट पर हर महीने लगभग 60 से 70 हजार रुपये खर्च होते हैं. इनके भोजन में चारा और चने, 7 से 8 किलो गुड़, घी और दूध आदि देते हैं. कई प्रतियोगिताओं में गोलू और उसका बच्चा विधायक पुरस्कार पा चुके हैं. जब कहीं जाते हैं तो गोलू टू जहां खुली गाड़ी में चलता है वहीं उसका बच्चा विधायक एसी गाड़ी में चलता है.
अंडे, दूध और ड्राई फ्रूट खाता है अनमोलः हरियाणा के सिरसा के रहने वाले पलविंदर ने बताया कि अनमोल कई बार इनाम जीत चुका है. अनमोल भैंसा उनके परिवार का अहम सदस्य है, जिसे भाई की तरह पाला है. पुष्कर मेले समेत और भी कई मेलों में अनमोल भैंसे की कीमत 23 करोड़ रुपये लग चुकी है. लेकिन वह उनके परिवार का कमाऊ पूत है. हर माह लगभग डेढ़ लाख रुपये कीमत का सीमन बिक्री कर देते हैं. पलविंदर बताते हैं कि एक यूनिट सीमन की कीमत पांच सौ रुपये तक रहती है. इसके सीमन की डिमांड इतनी ज्यादा है कि ऑर्डर पूरे नहीं हो पाते हैं. अनमोल की डाइट पर हर महीने 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आता है. डाइट में अंडे, दूध, ड्राई फ्रूट समेत और भी मेवे खिलाते हैं. परिवार के अन्य कई सदस्य सुखबीर सिंह बताते हैं कि अनमोल को वह अपना बडा भाई मानते हैं. इसको वह कभी नहीं बेचेंगे, यह कमाऊ पूत है. एक पशुपालक ने कहा कि वह काफी समय से अनमोल के बारे में सुन रहे थे. खेत में धान की कटाई हो रही है लेकिन काम छोड़कर देखने आये हैं.
कृषि मंत्री और राज्य मंत्री ने मेले का किया उद्घाटनः बता दें कि बुधवार को कृषि मेले की कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही औऱ राज्य मंत्री बलदेव औलख ने विधिवत उद्घाटन किया. कृषि मेले में अलग अलग राज्यों से किसान औऱ पशुपालक भाग लेने पहुंचे. कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि इस अखिल भारतीय किसान मेले जागरूक होकर किसान आगे बढ़ें, इसीलिए यहां सैकड़ों स्टॉल लगाए गये हैं, जहां पर अलग अलग जानकारी किसान पा सकते हैं. खेती किसानी से संबंधित तमाम छोटी बड़ी जानकारी उन्हें यहां मिल सकती है.
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