कानपुर : यूपी के कानपुर में तैनात महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक अच्छी खबर है. अब से महिला पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के समय न तो अपने बच्चों को साथ लेकर जाना पड़ेगा और न ही उन्हें घर पर अकेला छोड़ने की जरूरत पड़ेगी. वह पूरी तरह से चिंता मुक्त होकर जनता की सेवा कर सकेंगी. महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों की देखरेख के लिए महिला थाने के अंदर पहला 'किलकारी हाउस' बनाया गया है. यहां पर अब बच्चों को एक घर जैसा मौहाल मिल सकेगा. इस किलकारी हाउस की सबसे खास बात यह है कि यहां पर भी बच्चों की देखरेख पुलिसकर्मियों के द्वारा ही की जाएगी.
बच्चों के लिए हर तरह की सुविधा : कई बार आपने सोशल मीडिया पर वायरल ऐसी तस्वीर देखी होगी जिनमें महिला पुलिसकर्मी बच्चों को टेबल या गोद में लेकर ड्यूटी करते हुए दिखाई दी होंगी. अब महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए किलकारी हाउस की शुरुआत की गई है. अब से एक ओर जहां बच्चे फुल मस्ती करते हुए नजर आएंगे, वहीं दूसरी ओर महिला पुलिसकर्मी बिंदास तरीके से ड्यूटी करते हुए दिखाई देंगी. इस किलकारी हाउस को बिल्कुल एक बच्चों के रूम की तरह तैयार किया गया है, जहां पर बच्चों के लिए हर तरह की सुविधा को उपलब्ध कराया गया है, ताकि उन्हें यहां पर किसी भी तरह की कोई असुविधा न हो सके.
दीवारों पर नजर आ रहे कार्टून : किलकारी हाउस में प्रवेश करते ही आपको चारों ओर दीवारों पर डोरेमोन, पोकेमाॅन, छोटा भीम, टॉम एंड जैरी जैसे कई अन्य कार्टून नजर आएंगे. इसके साथ ही यहां आपको बच्चों के लिए टेडी बेयर, रेसिंग कार, एरोप्लेन, बस, स्कूटर व कई अन्य खिलौने व झूले भी नजर आएंगे. इन सब के अलावा यहां पर आपको बच्चों के पढ़ने के लिए दीवारों पर हिंदी वर्णमाला, काउंटिंग नंबर्स, गुड हैबिट्स, पार्ट्स ऑफ बॉडी, योगासन, मल्टीप्लिकेशन, वाइल्ड एनिमल्स, फ्रूट चार्ट्स, अंग्रेजी वर्णमाला के चार्ट भी दीवारों में नजर आएंगे. ऐसे में अब इस अनोखे दिखने वाले 'किलकारी हाउस' में बच्चों को खेलकूद के अलावा एक पढ़ाई का मौहाल भी मिल सकेगा.
किलकारी हाउस में बच्चों को नहीं आती अपनों की याद : महिला पुलिसकर्मी के बच्चे सत्यम ने बताया कि, वह यूकेजी में पढ़ता है और उसे यहां पर बहुत अच्छा लगा रहा है, क्योंकि यहां खेलने के बहुत सारे खिलौने हैं. इसके अलावा यहां पढ़ने के लिए बहुत सारी किताबें हैं. सत्यम ने बताया कि यहां पर आने के बाद मुझे बिल्कुल भी किसी की याद नहीं आती क्योंकि यहां पर बहुत सारे खिलौने हैं, जिनके साथ उसे खूब मस्ती करने का मौका मिल जाता है.
इस पूरे मामले में किलकारी हाउस की नोडल अधिकारी अंकित शर्मा ने बताया कि इस किलकारी हाउस में महिला व अन्य पुलिसकर्मियों के बच्चे दिन में यहां पर रह सकते हैं जिनकी पूरी देख रहे यहां पर की जाएगी. इसको शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिला पुलिस कर्मियों को हमेशा ड्यूटी के दौरान घर पर मौजूद बच्चों की चिंता सताती रहती है. घर पर उनके बच्चों की देख-रेख करने के लिए कोई नहीं होता है. ऐसे में कहीं न कहीं उन्हें ड्यूटी करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में उन्हीं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधा के लिए इस किलकारी हाउस को शुरू किया गया है. इसमें पुलिस परिवार के जितने भी बच्चे हैं, उनका ध्यान यहां पर दिन में रखा जाए और हमारे जितने भी पुलिसकर्मी हैं वह अब से पूरी तरह से निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी कर सकें. उन्होंने बताया कि इस किलकारी हाउस में 1 से 5 साल के बच्चों को रखा जाएगा. जल्द ही इसी तरह से कई अन्य थानों में भी इसे खोला जाएगा.
डेढ़ लाख की लागत से तैयार हुआ किलकारी हाउस : एसीपी बाबूपुरवा अंजलि विश्वकर्मा ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट राज्य सरकार का है. इस किलकारी हाउस को महिला सशक्तिकरण के तहत तैयार किया गया है. इसे करीब 1.50 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है. यहां पर बच्चों के खेलने-कूदने से लेकर उनके पढ़ाई-लिखाई और खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था है. इस किलकारी हाउस में महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों के बच्चे भी आते हैं. इसके अलावा कई बार शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं के बच्चे भी यहां खेलते-कूदते हैं.
प्रोजेक्ट सफल रहा तो शहर के बाकी थानों में भी बनेगा किलकारी हाउस : एसीपी बाबूपुरवा ने बताया कि इस किलकारी हाउस को महिला पुलिस थाने के अंदर तैयार किया गया है. अगर आने वाले समय में इसके परिणाम सफल देखने को मिलते हैं तो शहर के बाकी थानों में भी इसे तैयार कराया जाएगा. फिलहाल अभी इस किलकारी हाउस का रिस्पांस काफी अच्छा देखने को मिल रहा है. शहर में कुल 800 महिला पुलिसकर्मी है. वहीं,यूपी में अगर बात की जाए तो कुल 40000 महिला पुलिसकर्मी है. ऐसे में प्रोजेक्ट के आगे बढ़ने पर इन सभी महिला पुलिस कर्मियों को काफी सहूलियत मिलेगी.