बलिया: किसी ने सच ही कहा है- हिल्ले रोजी, बहाने मौत... इसका मतलब भी साफ है कि कब किसकी मदद या बहाने से रोजी-रोजगार मिल जाए, इसी कब कहां किस बहाने से जिंदगी थम जाए कोई नहीं जानता. इस कहावत का संदर्भ सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि कल उत्तर प्रदेश के बलिया में शाॅकिंग घटना घटी.
कृषि भवन में किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा था. 65 साल के जयप्रकाश नींबू की सफल खेती के टिप्स दे रहे कि अचानक बोलते बोलते वह स्टेज पर गिर पड़े. किसी को कुछ समझ नहीं आया. अफरा तफरी मच गई, साथी किसान दहशत में आ गए. उद्यान विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और किसान फौरन उन्हें लेकर जिला अस्पताल भागे. वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
दरअसल, उद्यान विभाग की तरफ से कृषि भवन में तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. किसान जयप्रकाश यादव लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को नींबू की खेती पर अपने अनुभव को साथी किसानों के सामने साझा कर रहे थे. इस दौरान वह बोलते-बोलते अचानक गिर पड़े. उद्यान विभाग के अधिकारी और कर्मचारी और किसान तुरंत उनकी ओर दौड़े. आनन-फानन में हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन उनकी सांसें टूट चुकी थीं.
जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर अनुराग सिंह ने बताया कि किसान जयप्रकाश यादव जिसकी उम्र 65 वर्ष बताई जा रही है, उद्यान विभाग के कर्मियों की ओर से उनको डेढ़ बजे के करीब अस्पताल लाया गया. निरीक्षण के दौरान वो मृत अवस्था में ही लाए गए थे. हार्ट अटैक भी हो सकता है या ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा.
बताया जा रहा है कि जयप्रकाश को खेती-किसानी में महारत हासिल थी. सरकारी-गैर सरकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम में किसानों को प्रशिक्षण देते थे. राज्य सरकार की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका था. वह बलिया जिले के सरियाव गांव, विकास खंड नवानगर थाना सिकंदपुर के निवासी थे.