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नोएडा में कोरोना का कहर, बढ़ाई गई कंटेनमेंट जोन की संख्या

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे ह. इसी को देखते हुए कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाई जा रही है. कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाकर 236 कर दी गई है. कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतने के लिए जिला प्रशासन अधिकारियों की तैनाती की है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं है. जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को निकलने की अनुमति है.

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Published : Jun 16, 2020, 1:20 PM IST

नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. जिले में जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 हजार के पार पहुंच गई है तो वहीं कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ाकर 236 कर दी गई है.

नए नियम
शासन की गाइडलाइंस के मुताबिक श्रेणी 1 के कंटेनमेंट जोन में 250 मीटर और श्रेणी 2 कंटेनमेंट जोन में 500 मीटर तक सीमाएं सील करनी होती है. पहले आदेश था कि किसी सोसाइटी के टावर में कोई व्यक्ति संक्रमित मिलता है तो टावर के एक ही फ्लोर को सील किया जाएगा, लेकिन अब शासन ने पूरे टावर को सील करने का नियम बनाया है.

जिला प्रशासन के अधिकारियों की तैनाती
कंटेनमेंट जोन में ढिलाई की शिकायत मिलने के बाद वहां अधिकारियों की ड्यूटी को सुनिश्चित किया गया है. जिले में कोरोना शहरों और गांवों तक फैल चुका है. इसके अलावा हेल्थ वर्कर भी रोजाना इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस समय सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इनफ्लुएंजा से ग्रसित मरीज हो रहे हैं.

कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतने के लिए जिला प्रशासन अधिकारियों की तैनाती की है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं है. जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग आ जा सकते हैं.

पढ़ें: नोएडा में नाइजीरियाई युवक ने मासूम बेटी की जान ली, गिरफ्तार

236 अधिकारी तैनात
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार की जारी गाइडलाइंस के अनुपालन के लिए अधिकारियों की तैनाती की गई है. जिले के अलग-अलग विभाग से 236 कंटेनमेंट जोन में 236 अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती की गई है. नियमों की अनदेखी करने के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और धारा 188 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) का गठन, भारत में हिंद महासागर सुनामी (2004), गुजरात भूकंप (2001) और ओडिशा सुपर साइक्लोन (1999) की घटना के बाद किया गया था. NDMA औपचारिक रूप से 27 सितंबर 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 3 (1) के मुताबिक गठित किया गया था. ये भारत में आपदा प्रबंधन से जुड़ी नीतियों, योजनाओं और दिशानिर्देशों को जारी करता है. कोरोना के समय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जा रही है.

नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. जिले में जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 हजार के पार पहुंच गई है तो वहीं कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ाकर 236 कर दी गई है.

नए नियम
शासन की गाइडलाइंस के मुताबिक श्रेणी 1 के कंटेनमेंट जोन में 250 मीटर और श्रेणी 2 कंटेनमेंट जोन में 500 मीटर तक सीमाएं सील करनी होती है. पहले आदेश था कि किसी सोसाइटी के टावर में कोई व्यक्ति संक्रमित मिलता है तो टावर के एक ही फ्लोर को सील किया जाएगा, लेकिन अब शासन ने पूरे टावर को सील करने का नियम बनाया है.

जिला प्रशासन के अधिकारियों की तैनाती
कंटेनमेंट जोन में ढिलाई की शिकायत मिलने के बाद वहां अधिकारियों की ड्यूटी को सुनिश्चित किया गया है. जिले में कोरोना शहरों और गांवों तक फैल चुका है. इसके अलावा हेल्थ वर्कर भी रोजाना इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस समय सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इनफ्लुएंजा से ग्रसित मरीज हो रहे हैं.

कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतने के लिए जिला प्रशासन अधिकारियों की तैनाती की है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं है. जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग आ जा सकते हैं.

पढ़ें: नोएडा में नाइजीरियाई युवक ने मासूम बेटी की जान ली, गिरफ्तार

236 अधिकारी तैनात
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार की जारी गाइडलाइंस के अनुपालन के लिए अधिकारियों की तैनाती की गई है. जिले के अलग-अलग विभाग से 236 कंटेनमेंट जोन में 236 अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती की गई है. नियमों की अनदेखी करने के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और धारा 188 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) का गठन, भारत में हिंद महासागर सुनामी (2004), गुजरात भूकंप (2001) और ओडिशा सुपर साइक्लोन (1999) की घटना के बाद किया गया था. NDMA औपचारिक रूप से 27 सितंबर 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 3 (1) के मुताबिक गठित किया गया था. ये भारत में आपदा प्रबंधन से जुड़ी नीतियों, योजनाओं और दिशानिर्देशों को जारी करता है. कोरोना के समय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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