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नोएडा प्राधिकरण ने एक दिन में 22.25 करोड़ वसूल रचा इतिहास - greater noida authority housing scheme 2019

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि यदि बकायेदार अपनी बकाया राशि जमा नहीं कराएंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बकायेदार हो जाए खबरदार.
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Published : Sep 23, 2019, 1:53 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: जिला प्रशासन ने एक फर्म से एक दिन में 22.25 करोड़ की वसूली कर इतिहास रच दिया है. गौतमबुद्ध नगर जिले के इतिहास में एक दिन में इतनी बड़ी वसूली पहले कभी नहीं हुई थी. इस वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण ने ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्रा.लि. के खिलाफ आरसी जारी की थी. जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि यदि बकायेदार अपनी बकाया राशि जमा नहीं कराएंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बकायेदार हो जाए खबरदार.

नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैप ऑफिस में डीएम बीएन सिंह ने बताया कि सेक्टर-16 स्थित ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डब्ल्यूटीटी प्रोजेक्ट पर नोएडा प्राधिकरण का 58 करोड़ रुपये की किश्त बकाया था. उसकी वसूली के लिए प्राधिकरण ने आरसी जारी की थी. उसके बाद दादरी तहसील के अफसरों ने कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया. परिणाम स्वरूप कंपनी ने 22.25 करोड़ का ड्राफ्ट सौंपा.

इन अधिकारियों के कारण मिली सफलता
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभारी अधिकारी संजय कुमार मिश्रा, अभय कुमार सिंह, दादरी के उप जिलाधिकारी राजीव राय और दादरी के तहसीलदार विनय प्रताप सिंह भदौरिया के प्रयासों से प्रशासन को यह कामयाबी मिली है.

हाईकोर्ट का फर्जी आदेश प्रस्तुत किया
डीएम ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के लगातार नोटिस देने के बावजूद कंपनी ने पैसा जमा नहीं किया. पैसा जमा करने से बचने के लिए ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल ने नोएडा प्रधिकरण में हाईकोर्ट का एक फर्जी स्थगन आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि बकाया राशि वसूलने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.

प्राधिकरण ने कोर्ट के स्थगन आदेश की जांच कराई तो बड़ा खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि कंपनी ने बकाया राशि जमा करने से बचने के लिए प्राधिकरण में कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रधिकरण ने ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज करा दी.

22 करोड़ 25 लाख की रिकवरी
इसके साथ ही प्राधिकरण ने कंपनी से 58 करोड़ रुपये की वसूली के लिए आरसी जारी कर दी. आरसी जारी होने के बाद डीएम ने लगातार कंपनी पर दबाव बनाया. वहीं कंपनी पर मुनादी तक करा डाली. उसके बाद जिला प्रशासन को रविवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी और जिले के इतिहास में ईटी इंफ्रा से सबसे बड़ी रिकवरी 22 करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली दादरी के अफसरों ने की.

नई दिल्ली/नोएडा: जिला प्रशासन ने एक फर्म से एक दिन में 22.25 करोड़ की वसूली कर इतिहास रच दिया है. गौतमबुद्ध नगर जिले के इतिहास में एक दिन में इतनी बड़ी वसूली पहले कभी नहीं हुई थी. इस वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण ने ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्रा.लि. के खिलाफ आरसी जारी की थी. जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि यदि बकायेदार अपनी बकाया राशि जमा नहीं कराएंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बकायेदार हो जाए खबरदार.

नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैप ऑफिस में डीएम बीएन सिंह ने बताया कि सेक्टर-16 स्थित ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डब्ल्यूटीटी प्रोजेक्ट पर नोएडा प्राधिकरण का 58 करोड़ रुपये की किश्त बकाया था. उसकी वसूली के लिए प्राधिकरण ने आरसी जारी की थी. उसके बाद दादरी तहसील के अफसरों ने कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया. परिणाम स्वरूप कंपनी ने 22.25 करोड़ का ड्राफ्ट सौंपा.

इन अधिकारियों के कारण मिली सफलता
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभारी अधिकारी संजय कुमार मिश्रा, अभय कुमार सिंह, दादरी के उप जिलाधिकारी राजीव राय और दादरी के तहसीलदार विनय प्रताप सिंह भदौरिया के प्रयासों से प्रशासन को यह कामयाबी मिली है.

हाईकोर्ट का फर्जी आदेश प्रस्तुत किया
डीएम ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के लगातार नोटिस देने के बावजूद कंपनी ने पैसा जमा नहीं किया. पैसा जमा करने से बचने के लिए ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल ने नोएडा प्रधिकरण में हाईकोर्ट का एक फर्जी स्थगन आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि बकाया राशि वसूलने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.

प्राधिकरण ने कोर्ट के स्थगन आदेश की जांच कराई तो बड़ा खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि कंपनी ने बकाया राशि जमा करने से बचने के लिए प्राधिकरण में कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रधिकरण ने ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज करा दी.

22 करोड़ 25 लाख की रिकवरी
इसके साथ ही प्राधिकरण ने कंपनी से 58 करोड़ रुपये की वसूली के लिए आरसी जारी कर दी. आरसी जारी होने के बाद डीएम ने लगातार कंपनी पर दबाव बनाया. वहीं कंपनी पर मुनादी तक करा डाली. उसके बाद जिला प्रशासन को रविवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी और जिले के इतिहास में ईटी इंफ्रा से सबसे बड़ी रिकवरी 22 करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली दादरी के अफसरों ने की.

Intro:नोएडा -- जिला प्रशासन ने एक फर्म से एक दिन में 22.25 करोड़ की वसूली कर इतिहास रच दिया। गौतमबुद्ध नगर जिले के इतिहास में एक दिन में इतनी बड़ी वसूली पहले कभी नहीं हुई थी। इस वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण ने ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्रा.लि. के खिलाफ आरसी जारी की थी। जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि यदि बकायेदार अपनी बकाया राशि जमा नहीं कराएंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा के सैक्टर 27 स्थित कैप ऑफिस मे डीएम बीएन सिंह ने बताया कि सेक्टर-16 स्थित ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डब्ल्यूटीटी प्रोजेक्ट पर नोएडा प्राधिकरण का 58 करोड़ रुपये की किश्त बकाया थी। उसकी वसूली के लिए प्राधिकरण ने आरसी जारी की थी। उसके बाद दादरी तहसील के अफसरों ने कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया। परिणामस्वरूप कंपनी ने 22.25 करोड़ का ड्राफ्ट सौंपा। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभारी अधिकारी संग्रह संजय कुमार मिश्रा, अभय कुमार सिंह, दादरी के उप जिलाधिकारी राजीव राय और दादरी के तहसीलदार विनय प्रताप सिंह भदौरिया के प्रयासों से प्रशासन को यह कामयाबी मिली है।

बाइट – बीएन सिंह (डीएम,जीबीएन)


Body: डीएम ने बताया की नोएडा प्राधिकरण के लगातार नोटिस देने के बावजूद कंपनी ने पैसा जमा नहीं किया। पैसा जमा करने से बचने के लिए ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल ने नोएडा प्रधिकरण में हाईकोर्ट का एक फर्जी स्थगन आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि बकाया राशि वसूलने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। प्राधिकरण ने कोर्ट के स्थगन आदेश की जांच कराई तो बड़ा खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि कम्पनी ने बकाया राशि जमा करने से बचने के लिए प्राधिकरण में कोर्ट के फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रधिकरण ने ईटी इंफ्रा के मालिक सुशांत अग्रवाल के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज करा दी।

बाइट – बीएन सिंह (डीएम,जीबीएन)

Conclusion:इसके साथ ही प्राधिकरण ने कम्पनी से 58 करोड़ रुपये की वसूली के लिए आरसी जारी कर दी। आरसी जारी होने के बाद डीएम ने लगातार कम्पनी पर दबाव बनाया। मुनादी तक करा डाली। उसके बाद जिला प्रशासन को रविवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी और जिले के इतिहास में ईटी इंफ्रा से सबसे बड़ी रिकवरी 22 करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली दादरी के अफसरों ने की।
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