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बेजुबानों की जुबां बने दितेज, 120 डॉग्स को दी नई जिंदगी - अर्थलिंग ट्रस्ट इंडिया

नोएडा के सेक्टर-127 का अर्थलिंग ट्रस्ट बेसहारा कुत्तों के लिए सहारा बन रहा है. ट्रस्ट 120 बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रहा है. ऐसा कर ट्रस्ट मिसाल पेश कर रहा है. ट्रस्ट में बेसहारा कुत्तों के लिए सर्द रातों में अंगीठी जलाई जाती है.

कुत्तों को नई जिंदगी
कुत्तों को नई जिंदगी
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Published : Jan 10, 2021, 11:02 PM IST

नोएडा: कुत्तों की वफादारी के किस्से आपने तमाम सुने होंगे, लेकिन इस रिपोर्ट में एक ऐसे ट्रस्ट कर बारे में जानेंगे जो कुत्तों के साथ वफादारी की नई मिसाल बना रहा है. हम बात कर रहे हैं अर्थलिंग ट्रस्ट की. यह ट्रस्ट सेक्टर-127 में तकरीबन 120 बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रहा है. दितेज गर्ग ने बताया कि ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया है. बता दें कि क्योंकि सेक्टर-127 डूब क्षेत्र में है. ऐसे में बिजली की व्यवस्था के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है. बेसहारा कुत्तों को सर्द रातें गुज़ारने के लिए अंगीठी और कोयला जलाया जाता है.

कुत्तों को नई जिंदगी.

120 बेसहारा डॉग्स का सहारा बना ट्रस्ट
अर्थलिंग ट्रस्ट के संस्थापक दितेज गर्ग ने बताया कि 2 साल पहले यह कारवां शुरू हुआ था और धीरे-धीरे संख्या बढ़ने लगा. तकरीबन 120 बेसहारा डॉग्स की देखभाल और बीमार डॉग्स का इलाज यहां किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सबसे ज़्यादा संख्या देसी डॉग्स की है. तकरीबन 48 डॉग्स का इलाज़ किया जा रहा है. ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया गया है. इससे सभी डॉग्स का प्रॉपर ट्रीटमेंट हो पाता है.

सर्द रातों में उपले जलाकर देते हैं राहत
सर्द रातों में बेसहारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम में अलग से व्यवस्था की गई है. शेल्टर होम में अलग से कमरे बनाए गए है. उन्हें पन्नी से ढका गया है, जिससे डॉग्स को हवाओं से बचाया जा सके। इसके अलावा कमरों में कोयले या कंडे सुलगाए जाते है ताकि बीमार कुत्तों को ठंड से बचाया जा सके.

नोएडा: कुत्तों की वफादारी के किस्से आपने तमाम सुने होंगे, लेकिन इस रिपोर्ट में एक ऐसे ट्रस्ट कर बारे में जानेंगे जो कुत्तों के साथ वफादारी की नई मिसाल बना रहा है. हम बात कर रहे हैं अर्थलिंग ट्रस्ट की. यह ट्रस्ट सेक्टर-127 में तकरीबन 120 बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रहा है. दितेज गर्ग ने बताया कि ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया है. बता दें कि क्योंकि सेक्टर-127 डूब क्षेत्र में है. ऐसे में बिजली की व्यवस्था के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है. बेसहारा कुत्तों को सर्द रातें गुज़ारने के लिए अंगीठी और कोयला जलाया जाता है.

कुत्तों को नई जिंदगी.

120 बेसहारा डॉग्स का सहारा बना ट्रस्ट
अर्थलिंग ट्रस्ट के संस्थापक दितेज गर्ग ने बताया कि 2 साल पहले यह कारवां शुरू हुआ था और धीरे-धीरे संख्या बढ़ने लगा. तकरीबन 120 बेसहारा डॉग्स की देखभाल और बीमार डॉग्स का इलाज यहां किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सबसे ज़्यादा संख्या देसी डॉग्स की है. तकरीबन 48 डॉग्स का इलाज़ किया जा रहा है. ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया गया है. इससे सभी डॉग्स का प्रॉपर ट्रीटमेंट हो पाता है.

सर्द रातों में उपले जलाकर देते हैं राहत
सर्द रातों में बेसहारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम में अलग से व्यवस्था की गई है. शेल्टर होम में अलग से कमरे बनाए गए है. उन्हें पन्नी से ढका गया है, जिससे डॉग्स को हवाओं से बचाया जा सके। इसके अलावा कमरों में कोयले या कंडे सुलगाए जाते है ताकि बीमार कुत्तों को ठंड से बचाया जा सके.

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