नई दिल्ली/नोएडा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने नोएडा के गोल्फ कोर्स में बिना अनुमति के भूजल के दोहन की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. एनजीटी ने इस कमेटी को 13 मार्च तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.
कमेटी में ये होंगे सदस्य
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस कमेटी में नोएडा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के सदस्यों को शामिल किया है.
बिना अनुमति जमीन के नीचे से निकाला जा रहा है पानी
पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगाड ने एक याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि नोएडा के सेक्टर-38 स्थित गोल्फ कोर्स में केंद्रीय भूजल प्राधिकार की अनुमति के बिना ही जमीन के नीचे से पानी निकाला जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि इस इलाके को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने भूजल के अति दोहन वाला इलाका घोषित कर रखा है. गोल्फ कोर्स की ओर से भूजल की निकासी करना केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की ओर से 2015 में जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.
बोरवेल के पानी का इस्तेमाल करता है गोल्फ कोर्स
याचिका में कहा गया है कि गोल्फ कोर्स की वेबसाइट पर बताया गया है कि वो बोरवेल के पानी का इस्तेमाल करता है. इस पानी का इस्तेमाल झील और परिसर में स्थित बड़े-बड़े लॉन की साफ-सफाई के लिए किया जाता है. याचिकाकर्ता ने 20 जून 2019 को नोएडा अथॉरिटी को इसे लेकर पत्र लिखा था. नोएडा अथॉरिटी ने इस पत्र पर कार्रवाई करते हुए जांच के लिए नोएडा गोल्फ कोर्स को नोटिस भेजा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
गोल्फ कोर्स तक नोएडा अथॉरिटी ने बिछाया है पाइपलाइन
याचिका में कहा गया है कि नोएडा अथॉरिटी गोल्फ कोर्स के जरिए पाइप की मदद से ट्रीटेड पानी की सप्लाई करता है. इसके लिए गोल्फ कोर्स की बाउंड्री तक पाईप बिछाई गई है. उसके बावजूद गोल्फ कोर्स भूजल का इस्तेमाल करता है.