नोएडा: कोविड-19 महामारी को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूलों को बंद किया गया है. इस बीच छात्र घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई करने में लगे हुए हैं. इसकी वजह से वे मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए एक्टिव सिटीजन टीम द्वारा जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया कि बच्चों द्वारा अत्यधिक लैपटॉप और मोबाइल का ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान प्रयोग किया जा रहा है. इसकी वजह से उनकी आंखों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पत्र में लिखा गया है कि इसकी जांच कराई जाए, अगर प्रभाव पड़ रहा है और जांच में सही पाया जाता है तो बच्चों की आंखों को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई को बंद किया जाए.
'बच्चों की आंखों पर पड़ रहा असर'
एक्टिव सिटीजन टीम द्वारा जिला अधिकारी सुहास एल वाई को पत्र में लिखा गया है कि ऑनलाइन क्लासेस का बच्चों के आंखों पर प्रभाव बुरा पड़ रहा है. पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही हैं.
जिसमें मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है. इस बात की तकनीकी जानकारी होनी सभी के लिए आवश्यक है कि लगातार मोबाइल और कंप्यूटर पर पढ़ाई करने से क्या बच्चों की आँखों की सेहत पर असर पड़ेगा या नहीं.
पत्र में डीएम से निवेदन किया गया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जरिए इस मसले पर राय, मत, रिपोर्ट ले ली जाए कि लगातार मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ाई करने से कहीं कोई आँखों पर प्रतिकूल असर तो नहीं पड़ेगा.
अगर रिपोर्ट में ये पाया जाता है की इसका आँखों पर विपरीत असर पड़ेगा तो आपसे निवेदन है कि इन ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगाई जाए. पत्र के समर्थन में एक्टिव सिटीजन टीम के मंजीत सिंह, हरेंद्र भाटी, साधना सिन्हा, अंजू पुंडीर, ओम रायजादा, योगेश भाटी, सुनील प्रधान, मुकुल गोयल, जेपीएस रावत, अनिल कसना और रमेश चन्दानी समेत अन्य लोग हैं.
'बच्चों की आंखे कमजोर हो सकती हैं'
एक्टिव सिटीजन टीम के पदाधिकारी आलोक कुमार सिंह ने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज के दौरान बच्चों द्वारा अत्यधिक लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग किया जाता है और उनकी आंखें लगातार लैपटॉप और मोबाइल पर होने से उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बच्चों की आंखों से पानी निकल रहा है जिससे उनकी आंखें कमजोर हो सकती हैं और आने वाले भविष्य में उनकी आंखें प्रभावित हो सकती हैं.