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शिक्षकों ने फाड़ी अध्यादेश की प्रति, जानिए क्या है मामला - फिरोजाबाद में शिक्षकों का धरना

फिरोजाबाद में शिक्षक संघ के बैनर तले सोमवार को शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षकों ने एक आदेश की प्रति भी फाड़ी.

firozabad
शिक्षकों का प्रदर्शन
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Published : Mar 8, 2021, 8:43 PM IST

फिरोजाबादः जिले में शिक्षक संघ के बैनर तले सोमवार को शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षकों ने एक आदेश की प्रति भी फाड़ी. शिक्षक नेताओं का ये आरोप है कि सरकार शिक्षकों के हितों की अनदेखी कर रही है और उनके खिलाफ जो मामले चलते हैं उनकी हाईकोर्ट में सुनवाई रोककर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का नया आदेश जारी किया गया है. जिसे शिक्षक किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.

शिक्षकों का प्रदर्शन

विधेयक को वापस लेने की मांग
आंदोलनकारी शिक्षकों का आरोप है कि सरकार उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 का गठन कर उनका उत्पीड़न कर रही है. इसके तहत सरकार चाहती है कि शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से जुड़े मामले हाईकोर्ट में न जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चाहती है. अपने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षकों ने इसका विरोध किया है. शिक्षक इस विधेयक को तत्काल वापस किये जाने की मांग कर रहे हैं.

मांग नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा का निजीकरण कर रही है और ज्यादातर अधिकार प्रबंध तंत्रों के हाथों में दे रही है. जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसा कर सरकार शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तो उग्र आंदोलन करेंगे.

फिरोजाबादः जिले में शिक्षक संघ के बैनर तले सोमवार को शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षकों ने एक आदेश की प्रति भी फाड़ी. शिक्षक नेताओं का ये आरोप है कि सरकार शिक्षकों के हितों की अनदेखी कर रही है और उनके खिलाफ जो मामले चलते हैं उनकी हाईकोर्ट में सुनवाई रोककर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का नया आदेश जारी किया गया है. जिसे शिक्षक किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.

शिक्षकों का प्रदर्शन

विधेयक को वापस लेने की मांग
आंदोलनकारी शिक्षकों का आरोप है कि सरकार उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 का गठन कर उनका उत्पीड़न कर रही है. इसके तहत सरकार चाहती है कि शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से जुड़े मामले हाईकोर्ट में न जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चाहती है. अपने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षकों ने इसका विरोध किया है. शिक्षक इस विधेयक को तत्काल वापस किये जाने की मांग कर रहे हैं.

मांग नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा का निजीकरण कर रही है और ज्यादातर अधिकार प्रबंध तंत्रों के हाथों में दे रही है. जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसा कर सरकार शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तो उग्र आंदोलन करेंगे.

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