हैदराबाद : पीएफ खाताधारकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए अब उनको ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. बल्कि अब वे यूपीआई के माध्यम से पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं. सरकार इस प्रकार की व्यवस्था बनाने को लेकर काम कर रही है. यह सुविधा आगामी दो से तीन महीनों में शुरू हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक अपने सब्सक्राइबर्स की सुविधा के लिए ईपीएफओ यह कदम उठा रहा है. ईपीएफ के यूपीआई के साथ इंटिग्रेट होने से सब्सक्राइबर्स एक डिजिटल वॉलेट के जरिए अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं लेबर मिनिस्ट्री कमर्शियल बैंकों और आरबीआई के साथ मिलकर ईपीएफओ के डिजिटल सिस्टम्स में बदलाव कर रहा है. इसका मसकद विदड्रॉल की प्रक्रिया को आसान बनाना और यूजर एक्सपीरिएंस को इम्प्रूव करना है. जानकारों का कहना है कि इस फैसिलिटी से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले मेंबर्स को काफी सुविधा होगी.
नई व्यवस्था में क्या?
बताया जाता है कि ईपीएफओ अपने खाताधारकों के लिए इस तरह का कदम उठा रहा है. वहीं सरकार इस प्रकार की व्यवस्था को लेकर काम कर रही है जिसमें ईपीएफओ के खाताधारक अपने क्लेम को यूपीआई के माध्यम से प्रोसेस कर सकेंगे. फलस्वरूप फंड ट्रांसफर करने की प्रक्रिया आसान होने के साथ तेज हो जाएगी. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ ने इसके लिए एक खाका तैयार कर लिया है और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ विचार-विमर्श चल रहा है.
कैसे मिलेगा सब्सक्राइबर्स को लाभ?
- यूपीआई के जरिए पीएफ का पैसा निकालने की सुविधा शुरू होने के बाद खाताधारकों को अपने पीएफ खाते से पैसे निकालने के लिए लंबी प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा.
- यह सुविधा विशेष रूप से दूर के क्षेत्रों में रहने वाले खाताधारकों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है.
- डिजिटल वॉलेट के जरिए पीएफ खाते से पैसे निकालना सरल और सुरक्षित हो जाएगा.
ईपीएफओ के डिजिटल सिस्टम में बदलाव
श्रम मंत्रालय, कमर्शियल बैंकों और आरबीआई के साथ मिलकर ईपीएफओ के डिजिटल सिस्टम सिस्टम में परिवर्तन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य वि़ड्रॉल की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करना है.
निवेश के तरीकों में बदलाव
ईपीएफओ निवेश के तरीके में भी परिवर्तन करने की तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जा सकता है. इसके लिए श्रम मंत्रालय वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेगा. इसकी मुख्य वजह पब्लिक सेक्टर बॉन्ड्स का कम रिटर्न और सप्लाई का होना है.
- इस परिवर्तन के बाद EPFO कॉर्पोरेट बॉन्ड में अधिक निवेश कर सकेगा, जो ज्यादा रिटर्न देते हैं.
- यह प्रपोजल नवंबर 2024 में ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में मंजूर किया गया था.
- इस परिवर्तन से ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों की रिटायरमेंट बचत पर असर पड़ेगा.
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