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फर्जीवाड़े में फंसे प्रधान जी, अब जाएगी प्रधानी

फिरोजाबाद जिले में फर्जी तरीके जाति प्रमाण पत्र बनावकर चुनाव लड़ा. वहीं, शिकायत की बाद मामले की जांच हुई, जिसके बाद उसका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है.

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विक्रम सिंह
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Published : Oct 22, 2022, 9:13 PM IST

फिरोजाबादः शिकोहाबाद तहसील क्षेत्र में एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. वहीं, जब शिकायत हुई तो जांच में पाया गया कि पिछड़े वर्ग के व्यक्ति ने गैर कानूनी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ा था. जिला प्रशासन ने जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है. अब प्रधानी का पद भी जाएगा.

शिकोहाबाद एसडीएम शिव ध्यान पांडेय के मुताबिक, साल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में शिकोहाबाद तहसील इलाके के गांव उरमुरा किरार निवासी विक्रम सिंह ने प्रधान पद के चुनाव में जीत हासिल की थी, जबकि नीरज धनगर उप विजेता रहे थे. नीरज धनगर ने शिकायत की थी कि प्रधान विक्रम सिंह की जाति गड़रिया है, जो पिछड़े वर्ग में आती है. उन्होंने धनगर जाति का फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित प्रधानी की सीट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए.

इस मामले की जांच के लिए डीएम रवि रंजन की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित हुयी थी, जिसमें अपर जिलाधिकारी, एसडीएम शिकोहाबाद और समाज कल्याण अधिकारी शामिल थे. जांच टीम ने शिकायत को सही पाया और उसे निरस्त कर दिया है. प्रमाणपत्र निरस्त होने के साथ ही प्रधानी पर संकट मंडराने लगा है.

पढ़ेंः युवक के नाम पर चार राज्यों में फर्जी फर्म खोल करोड़ों का लेनदेन, ऐसे खुला फर्जीवाड़ा

फिरोजाबादः शिकोहाबाद तहसील क्षेत्र में एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. वहीं, जब शिकायत हुई तो जांच में पाया गया कि पिछड़े वर्ग के व्यक्ति ने गैर कानूनी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ा था. जिला प्रशासन ने जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है. अब प्रधानी का पद भी जाएगा.

शिकोहाबाद एसडीएम शिव ध्यान पांडेय के मुताबिक, साल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में शिकोहाबाद तहसील इलाके के गांव उरमुरा किरार निवासी विक्रम सिंह ने प्रधान पद के चुनाव में जीत हासिल की थी, जबकि नीरज धनगर उप विजेता रहे थे. नीरज धनगर ने शिकायत की थी कि प्रधान विक्रम सिंह की जाति गड़रिया है, जो पिछड़े वर्ग में आती है. उन्होंने धनगर जाति का फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित प्रधानी की सीट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए.

इस मामले की जांच के लिए डीएम रवि रंजन की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित हुयी थी, जिसमें अपर जिलाधिकारी, एसडीएम शिकोहाबाद और समाज कल्याण अधिकारी शामिल थे. जांच टीम ने शिकायत को सही पाया और उसे निरस्त कर दिया है. प्रमाणपत्र निरस्त होने के साथ ही प्रधानी पर संकट मंडराने लगा है.

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