फिरोजाबादः जिला एवं सत्र अदालत ने 15 साल पहले 13 साल की दलित बालिका के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों आरोपियों पर 1 लाख 5 हजार- 1 लाख 5 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषियों को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. इस सनसनीखेज मामले में यह दोनों आरोपी दलित बालिका को तमंचे की नोक पर उठाकर ले गए थे और उसके साथ दुष्कर्म किया था.
अभियोजन पक्ष के 17 जनवरी 2007 को शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी 13 साल की दलित बच्ची अपने पिता के इंतजार में दरवाजे पर खड़ी थी. इसी दौरान मोहल्ले के ही रहने वाले अमित और जाहिद यहां आ गए. उन्होंने हथियार के बल पर बालिका को अगवा कर लिया और उसे एक खंडहर नुमा प्लांट में ले गए. यहां उन्होंने बालिका के साथ दुष्कर्म किया. किशोरी ने जब चीख-पुकार की तो काफी लोग इकट्ठे हो गए. इसी दौरान आरोपी भाग खड़े हुए. परिवारी जन भी वहां पहुंचे तो पीड़िता बेहोशी की हालत में पड़ी मिली. होश आने पर उसने अपनी मां को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी.
मां की तहरीर पर 18 जनवरी 2007 को शिकोहाबाद कोतवाली में अमित और जाहिद के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने मामले की विवेचना की और दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट इफराक अहमद के यहां हुई. अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे बिशेष लोक अभियोजक नरेश सोलंकी ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ेगी. कोर्ट ने जुर्माना की पूरी राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
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