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फिरोजाबाद: सम्मान निधि योजना के लाभ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान

किसानों के लिए शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना फिरोजाबाद में किसानों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.

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Published : Sep 7, 2020, 6:30 PM IST

उप कृषि निदेशक.
उप कृषि निदेशक.

फिरोजाबाद: सम्मान के साथ किसानों को सहायता देने के लिए शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना जिले में किसानों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. इस योजना का लाभ लेने के लिए इतनी कागजी खानापूर्ति होती है कि किसान इन्हें पूरा करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. कोरोना बीमारी के डर को भी दर किनार कर ये किसान हर दिन सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

महत्वपूर्णं बातें-

  • केंद्र सरकार किसानों की सम्मानजनक तरीके से आर्थिक मदद करती है.
  • इस योजना में हर साल छह हजार रुपये किसान के खाते में भेजने का प्रावधान है.
  • हर 4 महीने बाद दो-दो हजार की तीन किश्तों के जरिये यह राशि दी जाती है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना में केंद्र सरकार किसानों की सम्मानजनक तरीके से आर्थिक मदद करती है. इस योजना में किसानों के खाते में हर साल छह हजार रुपये भेजे जाने का प्रावधान है. हर चार महीने बाद दो-दो हजार की तीन किश्तों के जरिये यह राशि किसान के खाते में भेजी जाती है, जिससे किसान फसलों में लागत लगा सकें और अच्छी उपज कर अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें. इस योजना में वह सभी किसान पात्र हैं जिनके नाम से जमीन हो चाहे वह ज्यादा हो या फिर कम. इसके लिए कोई भी बंधन नहीं है. इस योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं, यही कदम किसानों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं.

किसान सम्मान निधि लेने वाले किसानों के लिए कई दस्तावेज अनिवार्य किए गए हैं. उन दस्तावेजों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लाभार्थी का आधार कार्ड है. मतलब यह कि अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे तब तक इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जब तक कि वह अपना आधार कार्ड साइट पर अपलोड नहीं करता. फिरोजाबाद में ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है, जिनके आधार कार्ड या तो हैं नहीं या फिर उनमें अशुद्धियों की भरमार है. ऐसे किसानों की किश्त को रोककर कृषि विभाग ने इनसे आधार को सही कराने के लिए कहा है. यह भी जरूरी है कि जो नाम खसरा खतौनी में दर्ज हो उसी नाम का आधार हो और खाता भी उसी नाम से तभी इस योजना का लाभ मिल सकेगा. इन्ही औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

इस बारे में कृषि विभाग के उप निदेशक हंसराज का कहना है कि किश्त उन्ही की रोकी गयी है, जिनके कागज पूरे नहीं हैं. जिनके कागज पूरे हो गए हैं, उन्हें जल्द ही अगली किश्त का लाभ दे दिया जाएगा.

फिरोजाबाद: सम्मान के साथ किसानों को सहायता देने के लिए शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना जिले में किसानों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. इस योजना का लाभ लेने के लिए इतनी कागजी खानापूर्ति होती है कि किसान इन्हें पूरा करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. कोरोना बीमारी के डर को भी दर किनार कर ये किसान हर दिन सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

महत्वपूर्णं बातें-

  • केंद्र सरकार किसानों की सम्मानजनक तरीके से आर्थिक मदद करती है.
  • इस योजना में हर साल छह हजार रुपये किसान के खाते में भेजने का प्रावधान है.
  • हर 4 महीने बाद दो-दो हजार की तीन किश्तों के जरिये यह राशि दी जाती है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना में केंद्र सरकार किसानों की सम्मानजनक तरीके से आर्थिक मदद करती है. इस योजना में किसानों के खाते में हर साल छह हजार रुपये भेजे जाने का प्रावधान है. हर चार महीने बाद दो-दो हजार की तीन किश्तों के जरिये यह राशि किसान के खाते में भेजी जाती है, जिससे किसान फसलों में लागत लगा सकें और अच्छी उपज कर अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें. इस योजना में वह सभी किसान पात्र हैं जिनके नाम से जमीन हो चाहे वह ज्यादा हो या फिर कम. इसके लिए कोई भी बंधन नहीं है. इस योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं, यही कदम किसानों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं.

किसान सम्मान निधि लेने वाले किसानों के लिए कई दस्तावेज अनिवार्य किए गए हैं. उन दस्तावेजों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लाभार्थी का आधार कार्ड है. मतलब यह कि अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे तब तक इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जब तक कि वह अपना आधार कार्ड साइट पर अपलोड नहीं करता. फिरोजाबाद में ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है, जिनके आधार कार्ड या तो हैं नहीं या फिर उनमें अशुद्धियों की भरमार है. ऐसे किसानों की किश्त को रोककर कृषि विभाग ने इनसे आधार को सही कराने के लिए कहा है. यह भी जरूरी है कि जो नाम खसरा खतौनी में दर्ज हो उसी नाम का आधार हो और खाता भी उसी नाम से तभी इस योजना का लाभ मिल सकेगा. इन्ही औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

इस बारे में कृषि विभाग के उप निदेशक हंसराज का कहना है कि किश्त उन्ही की रोकी गयी है, जिनके कागज पूरे नहीं हैं. जिनके कागज पूरे हो गए हैं, उन्हें जल्द ही अगली किश्त का लाभ दे दिया जाएगा.

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