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बेमौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की चिंता, आलू और सरसों की फसल को नुकसान

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Published : Jan 8, 2022, 9:48 PM IST

फिरोजाबाद में बदलते मौसम और बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के बाद सबसे ज्यादा आलू और सरसों की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मौसम से सरसों और आलू की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा.

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बेमौसम बरसात से आलू और सरसों की फसल को नुकसान

फिरोजाबाद: बदलते मौसम और बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के बाद सबसे ज्यादा आलू और सरसों की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मौसम से सरसों की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान होगा. क्योंकि सरसों का फूल झड़ेगा और फली नहीं बन सकेगी. इससे फसल की उत्पादकता प्रभावित होगी. वहीं आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की आशंका है. इसके चलते कृषि वैज्ञानिकों ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को सलाह दी है कि वह अपनी फसल को बचाने के लिए क्या उपाय करें और क्या सावधानियां बरतें.

बता दें कि पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट ली है. इसका असर फिरोजाबाद में भी है. बरसात के साथ ही सर्दी भी चरम पर पहुंच गई है. ऐसे में किसान काफी चिंतित हैं. कृषि एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बरसात और सर्द मौसम कुछ फसलों के लिए फायदेमंद तो कुछ फसलों के लिए नुकसान दायक भी है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. ओमकार यादव का कहना है कि यह बरसात गेंहू की फसल के लिए तो फायदेमंद है. जबकि आलू और सरसों के लिए नुकसानदायक है.

जानकारी देते हुए कृषि एक्सपर्ट्स

डॉ. ओमकार यादव के मुताबिक इस बरसात से सरसों की फसल में फूल झड़ने की आशंका है. ऐसे में फली न बनने के कारण फसल की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है. उन्होंने बताया कि जिस तरह मौसम विभाग की तरफ से हिमपात का एलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में सबसे ज्यादा किसानों की फसलें प्रभावित होंगी. किसानों को इसके लिए एहतिहात बरतने होंगे. उन्होंने बताया कि सरसों में माऊ रोग तो आलू की फसलों में भी झुलसा रोग लगने की आशंका है. कुछ जगहों से ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं. इन परिस्थितियों में फसल को बीमारी से बचाने किसानों को रिकमंड दवा का छिड़काव करना चाहिए.

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आलू की खेती

यह भी पढ़ें- गाय के गोबर की ईंट से बनेंगे मकान, हर मौसम में रहने के लिए होंगे अनुकूल

फिरोजाबाद जनपद की बात करें तो यहां की गेंहू के साथ-साथ आलू और सरसों प्रमुख फसलें है. यहां 55 से 60 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल बोई जाती है. जबकि इस साल 18-19 हजार हेक्टेयर जमीन में सरसों की फसल बोई गई है. इसके चलते जिले के किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है.

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फिरोजाबाद: बदलते मौसम और बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के बाद सबसे ज्यादा आलू और सरसों की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मौसम से सरसों की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान होगा. क्योंकि सरसों का फूल झड़ेगा और फली नहीं बन सकेगी. इससे फसल की उत्पादकता प्रभावित होगी. वहीं आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की आशंका है. इसके चलते कृषि वैज्ञानिकों ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को सलाह दी है कि वह अपनी फसल को बचाने के लिए क्या उपाय करें और क्या सावधानियां बरतें.

बता दें कि पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट ली है. इसका असर फिरोजाबाद में भी है. बरसात के साथ ही सर्दी भी चरम पर पहुंच गई है. ऐसे में किसान काफी चिंतित हैं. कृषि एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बरसात और सर्द मौसम कुछ फसलों के लिए फायदेमंद तो कुछ फसलों के लिए नुकसान दायक भी है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. ओमकार यादव का कहना है कि यह बरसात गेंहू की फसल के लिए तो फायदेमंद है. जबकि आलू और सरसों के लिए नुकसानदायक है.

जानकारी देते हुए कृषि एक्सपर्ट्स

डॉ. ओमकार यादव के मुताबिक इस बरसात से सरसों की फसल में फूल झड़ने की आशंका है. ऐसे में फली न बनने के कारण फसल की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है. उन्होंने बताया कि जिस तरह मौसम विभाग की तरफ से हिमपात का एलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में सबसे ज्यादा किसानों की फसलें प्रभावित होंगी. किसानों को इसके लिए एहतिहात बरतने होंगे. उन्होंने बताया कि सरसों में माऊ रोग तो आलू की फसलों में भी झुलसा रोग लगने की आशंका है. कुछ जगहों से ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं. इन परिस्थितियों में फसल को बीमारी से बचाने किसानों को रिकमंड दवा का छिड़काव करना चाहिए.

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आलू की खेती

यह भी पढ़ें- गाय के गोबर की ईंट से बनेंगे मकान, हर मौसम में रहने के लिए होंगे अनुकूल

फिरोजाबाद जनपद की बात करें तो यहां की गेंहू के साथ-साथ आलू और सरसों प्रमुख फसलें है. यहां 55 से 60 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल बोई जाती है. जबकि इस साल 18-19 हजार हेक्टेयर जमीन में सरसों की फसल बोई गई है. इसके चलते जिले के किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है.

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