फिरोजाबाद: जनपद में एक लड़की के साथ साल 2014 में सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में 9 साल बाद फिरोजाबाद कोर्ट के आदेश के बाद सपा नेता और पूर्व ग्राम प्रधान समेत 3 आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि साल 2014 में पुलिस ने इस केस को झूठा बताते हुए केस बंद कर दिया था. लेकिन पीड़िता ने हार नहीं मानते हुए कोर्ट पहुंची थी.
मामला एका थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां की युवती ने सपा नेता और पूर्व प्रधान दलबीर सिंह यादव, प्रवेश यादव, उमाशंकर समेत 4 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. आरोप है कि इन लोगों ने युवती को योजनाबद्ध तरीके से अगवा कर अपने साथ ले गए थे. जहां युवती के साथ समूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. पीड़िता के चाचा ने सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट थाना एका में दर्ज करायी थी. लेकिन तत्कालीन समाजवादी की सरकार में पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस को बंद कर दिया था. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर तब सवाल भी उठाया गया था. इस मामले में एक आरोपी की सपा के एक कद्दावर और बड़े नेता से नजदीकियां होने के कारण मामला काफी सुर्खियों में रहा था. इस मामले में खुद आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पीड़िता की पैरवी की थी. लेकिन अभियुक्तों को पुलिस द्वारा क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद पीड़िता ने कोर्ट में अर्जी दी थी.
सीओ सिटी कमलेश कुमार ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले की पुनः विवेचना के साथ पीडिता का 164 का बयान कराने के निर्देश दिया था. इसी क्रम में पीड़िता के बयान के बाद कोर्ट ने आरोपियों को सोमवार को जेल भेजा गया. सीओ सिटी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर 3 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है.
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