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सरकारी योजना से किसानों के सामने पैदा हो गया सिंचाई का संकट, फसलें रहीं सूख

फिरोजाबाद में केंद्र की योजना ने सैकड़ों गांवों के किसानों के सामने सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है. उनकी फसल सूख रही है. पानी के अभाव में रवि की फसल की बुवाई नहीं कर पाए.

सिंचाई का संकट
सिंचाई का संकट
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Published : Nov 29, 2021, 10:26 AM IST

फिरोजाबाद: जनपद में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना ने सैकड़ों गांवों के किसानों के सामने फसलों की सिंचाई का संकट पैदा कर दिया है. किसान परेशान है. उनकी फसल सूखती जा रही है. तमाम किसान तो ऐसे हैं जो पानी के अभाव में रवि की फसल की बुबाई तक भी नहीं कर सके हैं. चुनावी सीजन है इसलिए इन किसानों को विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है. सपा ने भी एलान कर दिया है कि अगर किसानों की इस ज्वलंत समस्या का हल नहीं होता है तो सपा किसानों के साथ आंदोलन करेगी.

केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत फिरोजाबाद जिले में बासठ गांव के पास एक नाले पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है. यह प्लांट शहर ने निकलने वाले गंदे पानी को शोधित करता है फ़िर इस पानी को पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जाता है. पहले भी यह पानी यमुना नदी में गिरता था, लेकिन जो पानी यमुना में जाता था इस कदर गंदा होता था कि यमुना नदी का जल दूषित हो रहा था. यमुना नदी को प्रदूषित पानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने इस प्लांट की स्थापना कराई. जो समस्या है वह इस नाले के पानी को लेकर है.

सिंचाई का संकट

पहले इस नाले के इर्द-गिर्द खेती करने वाले किसान इसी नाले के पानी से अपनी फसलों की सिंचाई करते थे. पिछले कई सालों से हजारों बीघा खेतों की इस नाले से सिचाईं होती रही है, लेकिन नई व्यवस्था से इस नाले का पानी ट्रीटमेंट के बाद पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जा रहा है इसलिए किसानों को सिचाईं के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि इस नाले के आसपास करीब 20 से 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं. इनमें बासठ, नगला गोकुल, मुस्तफाबाद, बरकतपुर, बिहारीपुर, शंकरपुर, नगला चूरा, बसई मोहम्मपुर,अन्ते की मढैया, मड़ुआ आदि गांव शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने 316.17 करोड़ की परियोजनाओं का दिया तोहफा, कहा- पीएम मोदी गोरखपुर को देंगे कई सारी सौगातें

डार्क एरिया है सदर ब्लॉक

किसानों की मानें तो यह इलाका सदर ब्लॉक में आता है, जो डार्क एरिया है. यहां न तो पानी के लिए कोई नहर या फिर सरकारी नलकूप है और न ही अन्य कोई साधन. इसके अलावा यहां निजी नलकूप लगाने पर भी प्रतिबंध है. इस इलाके में भूगर्भ जलस्तर इतना नीचा है कि नलकूप सफल भी नहीं है.

किसानों को मिला सपा का समर्थन

सिंचाई के मुद्दे पर यहां के किसानों को सपा का भी समर्थन मिला है. शिकोहाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व सपा विधायक ओम प्रकाश वर्मा का कहना है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर किसानों के साथ है. किसानों की यह समस्या काफी बड़ी , जिसका समाधान होना चाहिए. पानी को शोधन के बाद इसी नाले में डाला जाय जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके.

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फिरोजाबाद: जनपद में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना ने सैकड़ों गांवों के किसानों के सामने फसलों की सिंचाई का संकट पैदा कर दिया है. किसान परेशान है. उनकी फसल सूखती जा रही है. तमाम किसान तो ऐसे हैं जो पानी के अभाव में रवि की फसल की बुबाई तक भी नहीं कर सके हैं. चुनावी सीजन है इसलिए इन किसानों को विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है. सपा ने भी एलान कर दिया है कि अगर किसानों की इस ज्वलंत समस्या का हल नहीं होता है तो सपा किसानों के साथ आंदोलन करेगी.

केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत फिरोजाबाद जिले में बासठ गांव के पास एक नाले पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है. यह प्लांट शहर ने निकलने वाले गंदे पानी को शोधित करता है फ़िर इस पानी को पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जाता है. पहले भी यह पानी यमुना नदी में गिरता था, लेकिन जो पानी यमुना में जाता था इस कदर गंदा होता था कि यमुना नदी का जल दूषित हो रहा था. यमुना नदी को प्रदूषित पानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने इस प्लांट की स्थापना कराई. जो समस्या है वह इस नाले के पानी को लेकर है.

सिंचाई का संकट

पहले इस नाले के इर्द-गिर्द खेती करने वाले किसान इसी नाले के पानी से अपनी फसलों की सिंचाई करते थे. पिछले कई सालों से हजारों बीघा खेतों की इस नाले से सिचाईं होती रही है, लेकिन नई व्यवस्था से इस नाले का पानी ट्रीटमेंट के बाद पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जा रहा है इसलिए किसानों को सिचाईं के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि इस नाले के आसपास करीब 20 से 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं. इनमें बासठ, नगला गोकुल, मुस्तफाबाद, बरकतपुर, बिहारीपुर, शंकरपुर, नगला चूरा, बसई मोहम्मपुर,अन्ते की मढैया, मड़ुआ आदि गांव शामिल हैं.

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डार्क एरिया है सदर ब्लॉक

किसानों की मानें तो यह इलाका सदर ब्लॉक में आता है, जो डार्क एरिया है. यहां न तो पानी के लिए कोई नहर या फिर सरकारी नलकूप है और न ही अन्य कोई साधन. इसके अलावा यहां निजी नलकूप लगाने पर भी प्रतिबंध है. इस इलाके में भूगर्भ जलस्तर इतना नीचा है कि नलकूप सफल भी नहीं है.

किसानों को मिला सपा का समर्थन

सिंचाई के मुद्दे पर यहां के किसानों को सपा का भी समर्थन मिला है. शिकोहाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व सपा विधायक ओम प्रकाश वर्मा का कहना है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर किसानों के साथ है. किसानों की यह समस्या काफी बड़ी , जिसका समाधान होना चाहिए. पानी को शोधन के बाद इसी नाले में डाला जाय जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके.

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