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Bageshwar Dham : बागेश्वर धाम में महिला की मौत के बाद छलका पति का दर्द, कहा- पुलिस के कारण गई पत्नी की जान - बागेश्वर धाम

फिराेजाबाद की महिला की बागेश्वर धाम में मौत हाे गई थी. पति महिला काे लेकर बागेश्वर धाम में गया था. पति ने पत्नी की मौत के लिए एमपी पुलिस काे जिम्मेदार ठहराया है.

नीलम की फाइल फाेटाे.
नीलम की फाइल फाेटाे.
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Published : Feb 17, 2023, 6:35 PM IST

पत्नी की मौत के लिए पति ने एमपी पुलिस काे जिम्मेदार ठहराया.

फिराेजाबाद : बागेश्वर धाम में जिले की रहने वाली एक महिला की गुरुवार काे मौत हाे गई थी. धाम से लौटने के बाद पति ने अपना दर्द बयां किया. कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस के कारण ही मेरी पत्नी की जान गई है. अगर पुलिस पत्नी को दरबार से नहीं हटाती ताे आज वह जिंदा हाेती. बागेश्वर धाम में जानलेवा बीमारियाें से परेशान काफी लाेग ठीक हाे चुके हैं. पत्नी की किडनी खराब थी. बाला जी की महिमा के कारण वह ठीक हो गई थी.

बता दें कि फिरोजाबाद के टूण्डला इलाके के गांव महाराजपुर निवासी देवेन्द्र की पत्नी नीलम की बागेश्वर धाम में मौत हो गई थी. मामला बागेश्वर धाम से जुड़ा होने कारण यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है. पत्नी का शव लेकर लौटने के बाद देवेन्द्र ने बताया कि उनकी पत्नी नीलम की किडनी खराब हो गई थी. डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया था. इससे परेशान हाेकर वह बाला जी की शरण में गए थे. वह पिछले कई माह से वहां जा रहे थे. ऐसे तमाम लोग वहां जाते हैं. जिन्हें कैंसर आदि भी होता है, वह भी वहां ठीक हो जाते हैं. पत्नी की तबीयत कई बार खराब हुई. बाद में ठीक भी हो जाती थी.

उन्होंने बताया कि जिस दिन पत्नी की मौत हुई, उस दिन मैं नीलम को दरबार में बैठाकर बाला जी के दर्शन के लिए गया था. लौटकर आया तो नीलम की तबीयत खराब हाे गई थी. एमपी पुलिस ने मुझे और पत्नी काे दरबार से बाहर निकाल दिया था. इसके कुछ ही देर बाद ही नीलम की मौत हाे गई. अगर पुलिस हम लोगों को बाहर नहीं निकालती तो नीलम की जान बच सकती थी. देवेंद्र ने बताया कि डाक्टरों के इलाज से मना करने के बाद पत्नी पानी तक नहीं पी पाती थी. बागेश्वर धाम के चमत्कार से नीलम खाना खाने लगी थी. वह घूमती-फिरती थी.

बता दें कि बागेश्वर धाम कुछ महीनों से सुर्खियों में है. धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दरबार लगाते हैं. जिनकी अर्जी लग जाती है, उनके मन की बात पहले से ही वह पर्चे पर लिख देते हैं. उसे अगर कोई समस्या होती है तो उसे समाधान भी बताते हैं. जिसका पर्चा नहीं बनता है, उसके लिए बागेश्वर धाम की पेशी और वहां नारियल बांधने की सलाह दी जाती है.

यह भी पढ़ें : दोस्तों ने हत्या कर यमुना नदी में फेंका था शव, दो गिरफ्तार, शव की तलाश जारी

पत्नी की मौत के लिए पति ने एमपी पुलिस काे जिम्मेदार ठहराया.

फिराेजाबाद : बागेश्वर धाम में जिले की रहने वाली एक महिला की गुरुवार काे मौत हाे गई थी. धाम से लौटने के बाद पति ने अपना दर्द बयां किया. कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस के कारण ही मेरी पत्नी की जान गई है. अगर पुलिस पत्नी को दरबार से नहीं हटाती ताे आज वह जिंदा हाेती. बागेश्वर धाम में जानलेवा बीमारियाें से परेशान काफी लाेग ठीक हाे चुके हैं. पत्नी की किडनी खराब थी. बाला जी की महिमा के कारण वह ठीक हो गई थी.

बता दें कि फिरोजाबाद के टूण्डला इलाके के गांव महाराजपुर निवासी देवेन्द्र की पत्नी नीलम की बागेश्वर धाम में मौत हो गई थी. मामला बागेश्वर धाम से जुड़ा होने कारण यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है. पत्नी का शव लेकर लौटने के बाद देवेन्द्र ने बताया कि उनकी पत्नी नीलम की किडनी खराब हो गई थी. डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया था. इससे परेशान हाेकर वह बाला जी की शरण में गए थे. वह पिछले कई माह से वहां जा रहे थे. ऐसे तमाम लोग वहां जाते हैं. जिन्हें कैंसर आदि भी होता है, वह भी वहां ठीक हो जाते हैं. पत्नी की तबीयत कई बार खराब हुई. बाद में ठीक भी हो जाती थी.

उन्होंने बताया कि जिस दिन पत्नी की मौत हुई, उस दिन मैं नीलम को दरबार में बैठाकर बाला जी के दर्शन के लिए गया था. लौटकर आया तो नीलम की तबीयत खराब हाे गई थी. एमपी पुलिस ने मुझे और पत्नी काे दरबार से बाहर निकाल दिया था. इसके कुछ ही देर बाद ही नीलम की मौत हाे गई. अगर पुलिस हम लोगों को बाहर नहीं निकालती तो नीलम की जान बच सकती थी. देवेंद्र ने बताया कि डाक्टरों के इलाज से मना करने के बाद पत्नी पानी तक नहीं पी पाती थी. बागेश्वर धाम के चमत्कार से नीलम खाना खाने लगी थी. वह घूमती-फिरती थी.

बता दें कि बागेश्वर धाम कुछ महीनों से सुर्खियों में है. धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दरबार लगाते हैं. जिनकी अर्जी लग जाती है, उनके मन की बात पहले से ही वह पर्चे पर लिख देते हैं. उसे अगर कोई समस्या होती है तो उसे समाधान भी बताते हैं. जिसका पर्चा नहीं बनता है, उसके लिए बागेश्वर धाम की पेशी और वहां नारियल बांधने की सलाह दी जाती है.

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