फतेहपुरः जिले में फसलों की सिंचाई का नहरें प्रमुख जरिया रही हैं, लेकिन इस साल अभी तक नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसान परेशान हैं. उनको सिंचाई के लिए निजी नलकूपों का सहारा लेना पड़ रहा है. फतेहपुर जिले में सिंचाई के लिए नहरों का जाल बिछा होने के बावजूद यहां अभी तक नहरों में पानी नहीं आया है. जिले में सिंचाई विभाग की ओर से 5 जनवरी को नहरों में पानी आने की तिथि घोषित की गई थी, पर पानी अभी तक नहीं छोड़ा गया है.
तमाम अव्यवस्था
फतेहपुर जिले में निचली गंगा नहर प्रखंड के अलावा सिंचाई विभाग के तहत नहरों का संचालन किया जाता है. इन विभागों की ओर से संचालित की जा रही सिल्ट सफाई के लिए सरकार या सरकारी स्तर पर पर्याप्त धन राशि भी जारी की जाती है, लेकिन जिले की ज्यादातर नहरों में सिल्ट सफाई के नाम पर खानापूर्ति करके सरकारी फाइलों में सिल्ट सफाई का काम पूरा होना दर्शा दिया जाता है. सिल्ट सफाई न होने से यहां की नहरों में घास-फूस उगे हुए हैं. इन नहरों में पानी छोड़े जाने की स्थिति तो यह है कि निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद अभी तक पानी नहीं आ पाया है.
5 जनवरी दी थी तारीख
सूखी पड़ी नहरों में पानी छोड़े जाने के लिए सिंचाई विभाग ने 5 जनवरी की तिथि निर्धारित की थी लेकिन उसके बावजूद नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा सका है. इसके चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नहरों में पानी न होने से किसान निजी नलकूपों से सिंचाई करके अपनी फसल को बचाने पर मजबूर हैं. नहरों से होने वाली सिंचाई किसानों के लिए काफी सुविधाजनक होती है. वहीं निजी नलकूपों से सिंचाई करने से पर किसानों को काफी ख़र्च उठाना पड़ता है.
अधिकारियों से हो रही वार्ता
इस मामले में अधिशाषी अभियंता सिंचाई खंड महेंद्र सिंह ने बताया कि नहरों में सिल्ट सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. नहरों में पानी छोड़े जाने के लिए 5 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन पानी न आ पाने के कारण अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कानपुर में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है और जिले की नहरों में जल्द ही पानी छोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है. कानपुर से पानी मिलते ही जिले की नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा.