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फतेहपुर में मनाया गया विजय दिवस समारोह, क्रांतिवीरों को किया गया याद

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में विजय दिवस मनाया गया. यह विजय दिवस जिले को फिरंगियों से मुक्त करने की याद में मनाया गया.

फतेहपुर
फतेहपुर में मनाया गया विजय दिवस
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Published : Jun 8, 2020, 11:54 PM IST

फतेहपुर: जिले में विजय दिवस मनाया गया. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जनपद में विजय दिवस मनाया गया. इस दौरान विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया. बता दें कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनपद के क्रांतिवीरों ने फिरंगियों के छक्के छुड़ा दिए थे. क्रांतिवीरों ने जनपद को गोरों से मुक्त कराकर पूर्ण रूप से स्वतंत्र करा लिया गया था और 32 दिनों तक जिले में स्वतंत्र सरकार चलाई गई थी.

जिले के खागा तहसील निवासी ठाकुर दरियाव सिंह, बिठूर के नाना साहब, अवध के केशरी राणा बेनीमाधव सिंह ने गुप्त बैठकें कर जनपदों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था. 4 जून को कानपुर और 7 जून को इलाहाबाद स्वतंत्र घोषित हो गए.

इसके बाद 200 विद्रोहियों ने फतेहपुर में डेरा डाल दिया. 8 जून को ठाकुर दरियाव सिंह के सेनानायक व उनके पुत्र सुजान सिंह ने खागा के राजकोष में कब्जा कर लिया और स्वतंत्रता का ध्वज लहरा दिया. 9 जून को फतेहपुर कचहरी और राजकोष में कब्जा जमाने के लिए सारे सैनिकों ने धावा बोला, जिसमें रसूलपुर के जोधा सिंह अटैया, जमरावा के ठाकुर शिवदयाल सिंह, कोराई के बाबा गयादीन दुबे भी फौज फाटे के साथ शामिल हुए. क्रांतिकारियों का दबाव बढ़ा तो अंग्रेज कलेक्टर ने बंगले में ही आत्महत्या कर ली.

आत्महत्या का कारण दर्शाने के लिए उसने दीवार में लिख दिया कि कोराई के गयादीन दुबे की वादा खिलाफी पर जान दी है. 10 जून को विद्रोही जेल पहुंचे और बंदियों को मुक्त कराया. नाना साहब के निर्देशन पर फतेहपुर की स्वतंत्र सरकार के चकलेदार (प्रशासक) के रूप में डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला खां को नियुक्त किया गया था.

बता दें कि इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में खागा विधायक कृष्णा पासवान, डीएम संजीव सिंह, एसपी प्रशांत वर्मा ने 1857 की क्रांति में जिले में महती भूमिका अदा करने वाले ठाकुर दरियाव सिंह जी की मूर्ति पर पुष्पार्पित कर माल्यार्पण किया. समारोह में लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए क्रांतिवीरों को याद किया गया.

फतेहपुर: जिले में विजय दिवस मनाया गया. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जनपद में विजय दिवस मनाया गया. इस दौरान विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया. बता दें कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनपद के क्रांतिवीरों ने फिरंगियों के छक्के छुड़ा दिए थे. क्रांतिवीरों ने जनपद को गोरों से मुक्त कराकर पूर्ण रूप से स्वतंत्र करा लिया गया था और 32 दिनों तक जिले में स्वतंत्र सरकार चलाई गई थी.

जिले के खागा तहसील निवासी ठाकुर दरियाव सिंह, बिठूर के नाना साहब, अवध के केशरी राणा बेनीमाधव सिंह ने गुप्त बैठकें कर जनपदों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था. 4 जून को कानपुर और 7 जून को इलाहाबाद स्वतंत्र घोषित हो गए.

इसके बाद 200 विद्रोहियों ने फतेहपुर में डेरा डाल दिया. 8 जून को ठाकुर दरियाव सिंह के सेनानायक व उनके पुत्र सुजान सिंह ने खागा के राजकोष में कब्जा कर लिया और स्वतंत्रता का ध्वज लहरा दिया. 9 जून को फतेहपुर कचहरी और राजकोष में कब्जा जमाने के लिए सारे सैनिकों ने धावा बोला, जिसमें रसूलपुर के जोधा सिंह अटैया, जमरावा के ठाकुर शिवदयाल सिंह, कोराई के बाबा गयादीन दुबे भी फौज फाटे के साथ शामिल हुए. क्रांतिकारियों का दबाव बढ़ा तो अंग्रेज कलेक्टर ने बंगले में ही आत्महत्या कर ली.

आत्महत्या का कारण दर्शाने के लिए उसने दीवार में लिख दिया कि कोराई के गयादीन दुबे की वादा खिलाफी पर जान दी है. 10 जून को विद्रोही जेल पहुंचे और बंदियों को मुक्त कराया. नाना साहब के निर्देशन पर फतेहपुर की स्वतंत्र सरकार के चकलेदार (प्रशासक) के रूप में डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला खां को नियुक्त किया गया था.

बता दें कि इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में खागा विधायक कृष्णा पासवान, डीएम संजीव सिंह, एसपी प्रशांत वर्मा ने 1857 की क्रांति में जिले में महती भूमिका अदा करने वाले ठाकुर दरियाव सिंह जी की मूर्ति पर पुष्पार्पित कर माल्यार्पण किया. समारोह में लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए क्रांतिवीरों को याद किया गया.

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