फर्रुखाबाद: जिले में एक माह से विशेष संचारी रोग अभियान चल रहा है. इसके तहत सरकार का पूरा ध्यान सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने पर है. फर्रुखाबाद नगर पालिका के स्टोर में दो साल से सैकड़ों ठेले, कूड़ेदान और अन्य उपकरण खुले आसमान के नीचे धूल फांक रहे हैं. इसके अलावा पोकलैंड मशीनें, ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहन मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रहे हैं.
फर्रुखाबाद नगर पालिका परिषद ने पिछले तीन वर्ष में स्वच्छ भारत मिशन की धनराशि से पांच करोड़ से अधिक के वाहन और उपकरण खरीदे हैं. इनमें कई वाहन तो ऐसे हैं, जो अभी तक सड़क पर उतरे ही नहीं और महीनों से खड़े हैं. दो साल पहले मंगाये गये ठेला, रिक्शा और कूड़ेदान आदि का उपयोग तक नहीं हुआ है. ठेले के पहिए उठाकर बच्चे स्टोर में ही खेलते हैं. खुले आसमान के नीचे पड़े होने के कारण बारिश से उसमें जंग भी लग रही है. कई ट्रैक्टर खराब हैं, उनके टायर तक खोल लिए गए. हकीकत यह है कि नगरपालिका का जोर नये वाहनों को खरीदने पर रहता है. खराब होने पर वाहनों की मरम्मत समय से नहीं कराई जाती है, जिससे वे किसी काम के नहीं रह जाते हैं.
पानी की बर्बादी रोकने लिए पलट कर रखी कूड़ा गाड़ी
नगर पालिका स्टोर में बने पानी की टंकी के नीचे लगे वाल्व से हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है. फव्वारा ऊपर ना दिखें इस कारण ठेले को पलट कर गड्ढे के ऊपर रख दिया गया है. वहीं गड्ढा इतना गहरा है कि अगर कोई उस गड्ढे में गिर जाए, तो हादसा हो सकता है. इसके बाद भी नगर पालिका के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
विभाग की बड़ी लापरवाही
जल निगम के स्टोर इंचार्ज राम कुमार ने बताया कि 'यहां की स्थिति बहुत ही खराब है. यहां पर बहुत गंदगी लगी रहती है. रखरखाव की वजह से वाहन उपकरण खराब हो रहे हैं. यह विभाग की लापरवाही है. वहीं नगर पालिका में तैनात ड्राइवर मनीष ने बताया कि खराब वाहन को यहीं पर खड़ा कर दिया जाता है. जब ईटीवी भारत ने उनसे सवाल किया कि नए उपकरण और वाहन यहां पर खड़े हुए हैं, जो खराब हो रहे हैं इस पर वह गोलमोल जवाब देते नजर आए.
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नगरपालिका कर्मी और अधिकारियों की लापरवाही
इस संबंध में स्थानीय निवासी नन्हें ने बताया कि यहां पर नए वाहन लाए तो जाते हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं होता है. ऐसे ही बरसात के पानी, धूल और जंग से वाहन और उनके उपकरण खराब हो रहे हैं. अगर इनकी मरम्मत कर सुचारू रूप से उपयोग में लाया जाता है, तो कहीं ना कहीं जनता और अन्य लोगों को इसका लाभ मिलेगा. इन वाहनों के पड़े होने से सरकार को भी नुकसान हो रहा है. इसकी बड़ी वजह नगरपालिका कर्मी और अधिकारियों की लापरवाही है.