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बाघ बदल रहा ठिकाने, फिर मिले पंजों के निशान व कैमरे में फोटो कैद - वन विभाग के कैमरे में कैद हुईं बाघ की तस्वीरें

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में एक बाघ निरंकुश घूम रहा है. वन विभाग के कैमरे में एक बार फिर उसकी फोटो कैद हुई हैं और पैरों के निशान भी मिले हैं.

बाघ को पकड़ने के लिए लगा पिंजरा
बाघ को पकड़ने के लिए लगा पिंजरा
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Published : Dec 7, 2020, 11:16 AM IST

फर्रुखाबादः यूपी के फर्रुखाबाद जिले में वन विभाग के कैमरे में फिर बाघ का फुटेज मिला है. पैरों के मिले निशान काफी बड़े होने पर वन्यजीव चिकित्सक ने नर बाघ होने का दावा किया है. कैमरे के फुटेज फिर से रात के ही मिले हैं, जिससे साफ है कि बाघ दिन में चहलकदमी नहीं करता है. वन विभाग के दो पिजरों में भी बाघ नहीं फंस सका.

ग्रामीण क्षेत्र में दहशत
राजेपुर थाना क्षेत्र में बाघ का पता लगने से ग्रामीण दहशत में हैं. यहां पर उदयपुर गांव के आसपास के पूर्व मुख्य मार्ग पर लगे नाइट विजन कैमरे में शनिवार शाम करीब आठ बजे का बाघ का फुटेज मिला है. बाघ खड़ंजे पर आराम से जाता हुआ दिखाई दे रहा है. रविवार सुबह गांव के पश्चिमी खेतों में भी उसके पैरों के निशान मिले हैं. दुधवा नेशनल पार्क के वरिष्ठ चिकित्सक दयाशंकर ने बताया कि पग मार्क करीब छह इंच के हैं. उन्होंने करीब आठ वर्ष का नर बाघ होने का दावा किया.

गांव के करीब है बाघ, गन्ने के खेत में है छिपता
डेढ़ घंटे कांबिंग व नाइट विजन कैमरे के फुटेज देखने के बाद वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के सुशांत सोमा ने बताया कि बाघ गांव के करीब ही है.वह एक दिन गांव के पूर्व तो दूसरे दिन गांव के पश्चिम में रुक रहा है. बाघ रात में शिकार करने के लिए घूमता है, लेकिन सूर्योदय से पहले ही गन्ने के खेत में कहीं छिप जाता है.

मवेशी बांधकर लगाए गए थे पिंजरे
वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ को पकड़ने के लिए मवेशी बांधकर दो पिंजरे लगाए थे, लेकिन बाघ नहीं फंस सका. प्रमुख वन संरक्षक कमलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम लगी हैं. ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है. खेतों में लोग एक साथ काम करें. खेतों में घुसने से पहले आवाज करें.उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल बाघ को पकड़ने में बाधक बन रही है.

फर्रुखाबादः यूपी के फर्रुखाबाद जिले में वन विभाग के कैमरे में फिर बाघ का फुटेज मिला है. पैरों के मिले निशान काफी बड़े होने पर वन्यजीव चिकित्सक ने नर बाघ होने का दावा किया है. कैमरे के फुटेज फिर से रात के ही मिले हैं, जिससे साफ है कि बाघ दिन में चहलकदमी नहीं करता है. वन विभाग के दो पिजरों में भी बाघ नहीं फंस सका.

ग्रामीण क्षेत्र में दहशत
राजेपुर थाना क्षेत्र में बाघ का पता लगने से ग्रामीण दहशत में हैं. यहां पर उदयपुर गांव के आसपास के पूर्व मुख्य मार्ग पर लगे नाइट विजन कैमरे में शनिवार शाम करीब आठ बजे का बाघ का फुटेज मिला है. बाघ खड़ंजे पर आराम से जाता हुआ दिखाई दे रहा है. रविवार सुबह गांव के पश्चिमी खेतों में भी उसके पैरों के निशान मिले हैं. दुधवा नेशनल पार्क के वरिष्ठ चिकित्सक दयाशंकर ने बताया कि पग मार्क करीब छह इंच के हैं. उन्होंने करीब आठ वर्ष का नर बाघ होने का दावा किया.

गांव के करीब है बाघ, गन्ने के खेत में है छिपता
डेढ़ घंटे कांबिंग व नाइट विजन कैमरे के फुटेज देखने के बाद वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के सुशांत सोमा ने बताया कि बाघ गांव के करीब ही है.वह एक दिन गांव के पूर्व तो दूसरे दिन गांव के पश्चिम में रुक रहा है. बाघ रात में शिकार करने के लिए घूमता है, लेकिन सूर्योदय से पहले ही गन्ने के खेत में कहीं छिप जाता है.

मवेशी बांधकर लगाए गए थे पिंजरे
वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ को पकड़ने के लिए मवेशी बांधकर दो पिंजरे लगाए थे, लेकिन बाघ नहीं फंस सका. प्रमुख वन संरक्षक कमलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम लगी हैं. ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है. खेतों में लोग एक साथ काम करें. खेतों में घुसने से पहले आवाज करें.उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल बाघ को पकड़ने में बाधक बन रही है.

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