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फर्रुखाबाद के स्कूल में बच्चों को बांटे गए छोटे स्वेटर

यूपी के फर्रुखाबाद जिले के प्राथमिक स्कूल में स्वेटर बांटने में धांधली का मामला सामने आया है. जहां प्रदेश सरकार की तरफ से बच्चों को गुणवत्ताहीन और छोटे स्वेटर बांटे गए हैं.

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Published : Feb 19, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Feb 19, 2020, 8:18 PM IST

स्कूल में बच्चों को मिले फटे और छोटे स्वेटर
स्कूल में बच्चों को मिले फटे और छोटे स्वेटर

फर्रुखाबादः एक तरफ जहां योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में करीब 18 हजार करोड़ रुपये खर्च कर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जिले के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को छोटे स्वेटर बांटे जाने का मामला सामने आया है.

प्राथमिक स्कूल में स्वेटर बांटने में धांधली.

बेसिक शिक्षा विभाग भले ही सभी छात्रों को मुफ्त कॉपियां किताबें, जूते-मोजे और ड्रेस बांटे जाने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत ये है कि कुछ बच्चों को जूते मिले तो कुछ को मोजे नहीं. यहां तक कि बच्चों को उनकी कद से छोटे स्वेटर भी दे दिए गए हैं.

प्राथमिक विद्यालय नगला प्रीतम के छात्र अरूण ने बताया कि हमें स्वेटर तो मिल गए हैं, लेकिन स्वेटर छोटे होने के कारण हम लोगों को पहनने में काफी दिक्कतें हो रही हैं.

दरअसल, कमीशन के चक्कर में स्कूली बच्चों को बांटे जाने वाले सामान के साथ गड़बड़ी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. पिछले साल प्रदेश सरकार ने 12 करोड़ से ज्यादा का बजट जिले के विद्यालयों के लिए आवंटित किया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उसकी फाइल भी अब तक अधिकारियों के पास नहीं पहुंची है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनपद में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1290 हैं और उच्च माध्यमिक विद्यालय की संख्या 565 हैं. इनमें करीब 1 लाख 62 हजार 132 छात्र हैं, जिसमें बांटे गए एक स्वेटर की कीमत 194 रुपये के आस पास बताई जा रही है. मुख्य विकास अधिकारी डाॅ.राजेंद्र पेंसिया का दावा है कि सभी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर वितरण किया गया था.

इस संबंध जानकारी मिली हैं. रिपोर्ट किया जाएगा और रिपोर्ट करने के बाद पेमेंट में कटौती की जाएगी.
रंगराज, खंड विकास अधिकारी

फर्रुखाबादः एक तरफ जहां योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में करीब 18 हजार करोड़ रुपये खर्च कर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जिले के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को छोटे स्वेटर बांटे जाने का मामला सामने आया है.

प्राथमिक स्कूल में स्वेटर बांटने में धांधली.

बेसिक शिक्षा विभाग भले ही सभी छात्रों को मुफ्त कॉपियां किताबें, जूते-मोजे और ड्रेस बांटे जाने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत ये है कि कुछ बच्चों को जूते मिले तो कुछ को मोजे नहीं. यहां तक कि बच्चों को उनकी कद से छोटे स्वेटर भी दे दिए गए हैं.

प्राथमिक विद्यालय नगला प्रीतम के छात्र अरूण ने बताया कि हमें स्वेटर तो मिल गए हैं, लेकिन स्वेटर छोटे होने के कारण हम लोगों को पहनने में काफी दिक्कतें हो रही हैं.

दरअसल, कमीशन के चक्कर में स्कूली बच्चों को बांटे जाने वाले सामान के साथ गड़बड़ी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. पिछले साल प्रदेश सरकार ने 12 करोड़ से ज्यादा का बजट जिले के विद्यालयों के लिए आवंटित किया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उसकी फाइल भी अब तक अधिकारियों के पास नहीं पहुंची है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनपद में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1290 हैं और उच्च माध्यमिक विद्यालय की संख्या 565 हैं. इनमें करीब 1 लाख 62 हजार 132 छात्र हैं, जिसमें बांटे गए एक स्वेटर की कीमत 194 रुपये के आस पास बताई जा रही है. मुख्य विकास अधिकारी डाॅ.राजेंद्र पेंसिया का दावा है कि सभी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर वितरण किया गया था.

इस संबंध जानकारी मिली हैं. रिपोर्ट किया जाएगा और रिपोर्ट करने के बाद पेमेंट में कटौती की जाएगी.
रंगराज, खंड विकास अधिकारी

Last Updated : Feb 19, 2020, 8:18 PM IST
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