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फर्रुखाबादः गंगा में नाले का पानी, संतों ने स्नान का किया बहिष्कार - पांचाल घाट

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पांचाल घाट के गंगा तट पर करीब 50 वर्षों से मेला श्रीरामनगरिया लगता आ रहा है. मकर संक्रांति के अवसर पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु-संत घाट पर शाही स्नान करने पहुंचे, लेकिन गंगा में नाले का पानी गिरता देख नहाने से मना कर दिया.

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साधु-संतों ने स्नान का बहिष्कार किया.
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Published : Jan 15, 2020, 8:53 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले के पांचाल घाट पर हर वर्ष मेला श्रीरामनगरिया लगने से पहले भैरवघाट और अमेठी जदीद के निकट नाले का पानी गंगा में गिरने से रोकने के लिए टैपिंग कराई जाती थी, लेकिन इस बार नगर पालिका ने टैपिंग नहीं कराई. इससे नाले का पानी गंगा में गिर रहा है, जिससे नाराज होकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों ने मकर संक्रांति पर शाही स्नान नहीं किया.

साधु-संतों ने स्नान का बहिष्कार किया.

पांचाल घाट के गंगा तट पर करीब 50 वर्षों से मेला श्रीरामनगरिया लगता आ रहा है. हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं. मक्रर संक्रांति के मौके पर पांचाल घाट पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हमेशा शाही स्नान करता है. वे बुधवार को पूरे जोश के साथ स्नान की तैयारी कर गंगा तट पर पहुंचे, लेकिन साधु-संत उस समय रोष में आ गए, जब उन्हें धीमरपुरा नाला गंगा नदी में गिरता मिला. उन्होंने गंगा का प्रदूषित जल देख स्नान का बहिष्कार कर दिया.

ये भी पढे़ं-फर्रुखाबाद: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी


इस पर संतों ने कहा कि गंगा नदी में गिरने वाले सभी गंदे नालों को बंद कराए जाने की मांग की गई थी, लेकिन इसके बावजूद धीमरपुरा का नाला बंद नहीं किया गया. मेला सचिव और एसडीएम सदर को इस संबंध में अवगत कराते हुए नाला बंद करने की मांग की जाएगी. अगर फिर भी नाला बंद नहीं किया जाता है तो बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे.

फर्रुखाबाद: जिले के पांचाल घाट पर हर वर्ष मेला श्रीरामनगरिया लगने से पहले भैरवघाट और अमेठी जदीद के निकट नाले का पानी गंगा में गिरने से रोकने के लिए टैपिंग कराई जाती थी, लेकिन इस बार नगर पालिका ने टैपिंग नहीं कराई. इससे नाले का पानी गंगा में गिर रहा है, जिससे नाराज होकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों ने मकर संक्रांति पर शाही स्नान नहीं किया.

साधु-संतों ने स्नान का बहिष्कार किया.

पांचाल घाट के गंगा तट पर करीब 50 वर्षों से मेला श्रीरामनगरिया लगता आ रहा है. हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं. मक्रर संक्रांति के मौके पर पांचाल घाट पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हमेशा शाही स्नान करता है. वे बुधवार को पूरे जोश के साथ स्नान की तैयारी कर गंगा तट पर पहुंचे, लेकिन साधु-संत उस समय रोष में आ गए, जब उन्हें धीमरपुरा नाला गंगा नदी में गिरता मिला. उन्होंने गंगा का प्रदूषित जल देख स्नान का बहिष्कार कर दिया.

ये भी पढे़ं-फर्रुखाबाद: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी


इस पर संतों ने कहा कि गंगा नदी में गिरने वाले सभी गंदे नालों को बंद कराए जाने की मांग की गई थी, लेकिन इसके बावजूद धीमरपुरा का नाला बंद नहीं किया गया. मेला सचिव और एसडीएम सदर को इस संबंध में अवगत कराते हुए नाला बंद करने की मांग की जाएगी. अगर फिर भी नाला बंद नहीं किया जाता है तो बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे.

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एंकर-फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर हर वर्ष मेला श्रीरामनगरिया लगने से पहले भैरवघाट व अमेठी जदीद के निकट नाले का पानी गंगा में गिरने से रोकने के लिए टैपिंग कराई जाती थी.लेकिन इस बार नगरपालिका ने टैपिंग नहीं कराई.जिससे नाले का पानी गंगा में गिर रहा है,जिससे नाराज होकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों ने मकर संक्रांति पर शाही स्नान नहीं किया है.
Body:वीओ-पांचाल घाट के गंगा तट पर करीब पचास वर्षों से मेला श्रीरामनगरिया लगता आ रहा है. हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में साधुसंत व श्रद्धालु कल्पवास कर रहे है. मक्रर संक्रांति के मौके पर पांचाल घाट पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हमेशा शाही स्नान करता है.बुधवार को पूरे जोश के साथ स्नान की तैयारी कर गंगा तट पर पहुंचे.लेकिन साधुसंत उस समय रोष में आ गए. जब उन्हें धीमरपुरा नाला गंगा नदी में गिरता मिला. उन्होंने गंगा का प्रदूषित जल देख स्नान का बहिष्कार कर दिया. Conclusion:इस पर साधुसंतों ने कहा कि गंगा नदी में गिरने वाले सभी गंदे नालों को बंद कराए जाने की मांग की गई थी, लेकिन इसके बावजूद धीमरपुरा का नाला बंद नहीं किया गया. मेला सचिव व एसडीएम सदर को इस संबंध में अवगत कराते हुए नाला बंद करने की मांग की जाएगी. अगर फिर भी नाला बंद नहीं किया जाता है तो बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे.
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