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फर्रुखाबाद: फाइलों में कैद हो गए प्राथमिक विद्यालयों के किचन गार्डन

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Published : Nov 7, 2020, 1:01 PM IST

फर्रुखाबाद के करीब 400 स्कूलों में किचन गार्डेन बनना है. खेती के लिए शासन ने प्रति विद्यालय पांच हजार का बजट भी निर्धारित कर रखा है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है.

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विभागीय उदासीनता किचन गार्डन योजना पर पड़ रही भारी.

फर्रुखाबाद: जिले में परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मध्याह्न भोजन के दौरान ताजी और हरी सब्जियां स्कूल में ही उपलब्ध हो इसके लिए किचन गार्डन बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को अलग से बजट भी जारी किया गया था, लेकिन यह योजना अभी फाइलों से ही बाहर नहीं आ सकी है. वहीं दीपावली के बाद कभी भी प्राथमिक विद्यालय खुल सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो बच्चों को ताजी सब्जियां नहीं मिल सकेंगी.

करीब 2 महीने पहले उच्च प्राथमिक विद्यालय में किचन गार्डन तैयार कर उसमें लौकी तोरई, भिंडी आदि हरी सब्जियां उगाने के लिए निर्देश शासन ने दिए थे. इसके लिए जिले में करीब 400 स्कूलों में किचन गार्डन खोलना तय हुआ था. खेती के लिए शासन ने प्रति विद्यालय 5 हजार का बजट भी निर्धारित कर रखा है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है. क्योंकि विभाग ने ऐसे विद्यालयों की सूची मांगी थी. जहां पर्याप्त जगह और बाउंड्रीवॉल की व्यवस्था हो. अभी तक बीईओ ने इन स्कूलों की सूचना नहीं दी है. इस वजह से किचन गार्डन की योजना ठंडे बस्ते में पड़ी है. ऐसे में दीपावली के बाद स्कूल खुलने पर भी छात्रों को हरी सब्जी मिलना मुश्किल होगा. अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल पर किचन गार्डन की स्थापना के लिए स्कूलों की सूचना मांगी गई थी. दोबारा सभी बीईओ को पत्र भेजकर स्कूलों की सूची मंगवाई जाएगी, जिससे किचन गार्डन की स्थापना की जा सके.

फर्रुखाबाद: जिले में परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मध्याह्न भोजन के दौरान ताजी और हरी सब्जियां स्कूल में ही उपलब्ध हो इसके लिए किचन गार्डन बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को अलग से बजट भी जारी किया गया था, लेकिन यह योजना अभी फाइलों से ही बाहर नहीं आ सकी है. वहीं दीपावली के बाद कभी भी प्राथमिक विद्यालय खुल सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो बच्चों को ताजी सब्जियां नहीं मिल सकेंगी.

करीब 2 महीने पहले उच्च प्राथमिक विद्यालय में किचन गार्डन तैयार कर उसमें लौकी तोरई, भिंडी आदि हरी सब्जियां उगाने के लिए निर्देश शासन ने दिए थे. इसके लिए जिले में करीब 400 स्कूलों में किचन गार्डन खोलना तय हुआ था. खेती के लिए शासन ने प्रति विद्यालय 5 हजार का बजट भी निर्धारित कर रखा है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है. क्योंकि विभाग ने ऐसे विद्यालयों की सूची मांगी थी. जहां पर्याप्त जगह और बाउंड्रीवॉल की व्यवस्था हो. अभी तक बीईओ ने इन स्कूलों की सूचना नहीं दी है. इस वजह से किचन गार्डन की योजना ठंडे बस्ते में पड़ी है. ऐसे में दीपावली के बाद स्कूल खुलने पर भी छात्रों को हरी सब्जी मिलना मुश्किल होगा. अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल पर किचन गार्डन की स्थापना के लिए स्कूलों की सूचना मांगी गई थी. दोबारा सभी बीईओ को पत्र भेजकर स्कूलों की सूची मंगवाई जाएगी, जिससे किचन गार्डन की स्थापना की जा सके.

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