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फर्रुखाबाद: राम मनोहर लोहिया अस्पताल की बिजली गुल, मरीजों को हाथ के पंखे का सहारा

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Published : Aug 29, 2019, 10:34 PM IST

फर्रुखाबाद के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बिजली जाने के बाद जनरेटर न चलने से वार्ड के पंखे बंद हो गए. बिजली गुल होने के बाद पसीने से तर मरीजों के साथ आये तीमारदार हाथ के पंखे से काम चला रहे हैं.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल की बिजली गुल.

फर्रुखाबाद: डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को 24 घंटे बिजली देने के लिए भले ही अलग फीडर बना दिया गया हो, लेकिन इसके बावजूद बिजली कटौती का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. डीजल के खेल के चलते विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कहने के बावजूद भी जनरेटर नहीं चलाते हैं. हालात यह हैं कि बिजली गुल होने के बाद पसीने से तर मरीजों के साथ आये तीमारदार हाथ के पंखे से काम चला रहे हैं.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल की बिजली गुल.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के लिए बजट बढ़ता जा रहा है, लेकिन व्यवस्था का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है.
  • लोहिया अस्पताल को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2 वर्ष पूर्व अलग फीडर बनाया गया था.
  • अस्पताल में जनरेटर के डीजल में खेल के आदी अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस फीडर को कभी सफल ही नहीं होने दिया.
  • लोहिया अस्पताल के कुछ लोग 33 केवीए बिजली की लाइन चलने नहीं दे रहे हैं.
  • 33 केवीए फीडर से आपूर्ति शुरू हो जाए तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी.
  • फिलहाल आवास-विकास कॉलोनी फीडर से ही अस्पताल को विद्युत आपूर्ति की जा रही है.
  • गुरुवार को बिजली जाने के बाद जनरेटर न चलने से वार्ड के पंखे बंद हो गए, अधिकतर कूलर तो पहले से ही खराब पड़े हैं.
  • अंधेरे के कारण इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों को भी परेशान होना पड़ता है.
  • अस्पताल में मरीज गर्मी से बेहाल हैं, उनके तीमारदार हाथ वाले पंखे से मरीजों को राहत देने में जुटे हुए हैं.
  • मरीजों का कहना है कि अस्पताल में बिजली कटौती से रोजाना दिक्कत होती है.
  • जिम्मेदार अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

इसे भी पढ़ें- आगरा: वेश्यावृत्ति से मना किया तो पत्नी का अश्लील वीडियो बनाकर कर दिया वायरल

फर्रुखाबाद: डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को 24 घंटे बिजली देने के लिए भले ही अलग फीडर बना दिया गया हो, लेकिन इसके बावजूद बिजली कटौती का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. डीजल के खेल के चलते विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कहने के बावजूद भी जनरेटर नहीं चलाते हैं. हालात यह हैं कि बिजली गुल होने के बाद पसीने से तर मरीजों के साथ आये तीमारदार हाथ के पंखे से काम चला रहे हैं.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल की बिजली गुल.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के लिए बजट बढ़ता जा रहा है, लेकिन व्यवस्था का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है.
  • लोहिया अस्पताल को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2 वर्ष पूर्व अलग फीडर बनाया गया था.
  • अस्पताल में जनरेटर के डीजल में खेल के आदी अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस फीडर को कभी सफल ही नहीं होने दिया.
  • लोहिया अस्पताल के कुछ लोग 33 केवीए बिजली की लाइन चलने नहीं दे रहे हैं.
  • 33 केवीए फीडर से आपूर्ति शुरू हो जाए तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी.
  • फिलहाल आवास-विकास कॉलोनी फीडर से ही अस्पताल को विद्युत आपूर्ति की जा रही है.
  • गुरुवार को बिजली जाने के बाद जनरेटर न चलने से वार्ड के पंखे बंद हो गए, अधिकतर कूलर तो पहले से ही खराब पड़े हैं.
  • अंधेरे के कारण इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों को भी परेशान होना पड़ता है.
  • अस्पताल में मरीज गर्मी से बेहाल हैं, उनके तीमारदार हाथ वाले पंखे से मरीजों को राहत देने में जुटे हुए हैं.
  • मरीजों का कहना है कि अस्पताल में बिजली कटौती से रोजाना दिक्कत होती है.
  • जिम्मेदार अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

इसे भी पढ़ें- आगरा: वेश्यावृत्ति से मना किया तो पत्नी का अश्लील वीडियो बनाकर कर दिया वायरल

Intro:एंकर- डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को 24 घंटे बिजली देने के लिए भले ही अलग फीडर बना दिया गया हो. लेकिन इसके बावजूद बिजली कटौती का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. डीजल के खेल के चलते विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कहने के बावजूद भी जनरेटर नहीं चलाते हैं. हालात यह है कि बिजली गुल होने के बाद पसीने से तर-ब-तर मरीजों के साथ आये तीमारदार हाथ के पंखे से काम चलाते हैं.


Body:वीओ- यूं तो नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के लिए बजट बढ़ता जा रहा है. मगर, व्यवस्था का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है. लोहिया अस्पताल को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2 वर्ष पूर्व अलग फीडर बनाया गया था. हालांकि अस्पताल में जनरेटर के डीजल में खेल के आदी अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस फीडर को कभी सफल ही नहीं होने दिया. इसके बावजूद बिजली नहीं मिल पा रही है. सूत्रों के मुताबिक, लोहिया अस्पताल कुछ लोग 33 केवीए बिजली लाइन चलने नहीं दे रहे हैं. यदि 33 केवी फीडर से आपूर्ति शुरू हो जाए तो समस्या समाप्त हो जाएगी. फिलहाल आवास- विकास कॉलोनी फीडर से ही अस्पताल को विद्युत आपूर्ति की जा रही है. गुरुवार को बिजली जाने के बाद जनरेटर ना चलने से वार्ड के पंखे बंद हो गए. अधिकांश कूलर तो पहले से ही खराब पड़े हैं. अंधेरे के कारण इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों को भी परेशान होना पड़ता है. कई-कई घंटों की बिजली समस्या यहां रोज की बनी हुई है.


Conclusion:इस कारण मरीज गर्मी से बेहाल है. उनके तीमारदार हाथ वाला पंखा कर राहत देने में जुटे हुए हैं. वहीं मरीजों का कहना है कि अस्पताल में बिजली कटौती से रोजाना दिक्कत होती है. जबकि जिम्मेदार अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

बाइट- किरन, मरीज
बाइट- रामलखन,परिजन
बाइट- कमलेश, परिजन
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