फर्रुखाबाद: जिले में सहायता समूह की एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि यह योजना नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने एवं आर्थिक स्वावलंबन सुरक्षित समाज की परिकल्पना के उद्देश्य से तैयार की गई है. महिलाएं छोटे-छोटे उद्योग लगाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारें, जो कि इस योजना का उद्देश्य है.
फतेहगढ़ के विकास भवन में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जागरूक करने के लिए आयोजन किया गया था. जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने छोटे-छोटे उत्पादों की बिक्री कर आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करना तथा समूह बनाकर सरकारी सहायता दिलाकर मजबूत बनाने का लक्ष्य है. प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं अपने हुनर व कला के माध्यम से वस्तुओं का उत्पादन करके उसे सस्ते दामों पर बाजारों में बेच रही हैं.
इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में आ रहा बदलाव
फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने कहा कि लोग महिलाओं के हाथों से बनाए हुए उत्पादों को खरीदकर उसका उपयोग भी कर रहे हैं. इससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव के साथ-साथ उनके उत्पाद में वृद्धि भी हो रही है. मौके पर योगी सरकार की कई योजनाओं की जानकारी महिलाओं को दी गई.
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि जब तक तकनीकी शिक्षा का ज्ञान किसी भी महिला समूह में नहीं होगा. तब तक महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना नामुमकिन है. इसलिए यह आवश्यक है कि महिलाएं घर से निकले और अपनी शक्ति को पहचानें. सीडीओ ने कहा कि पॉलिथीन बंद होने के बाद बाजार में कागज के दोना-पत्तल की मांग बढ़ गई है. महिलाएं घर पर ही 25 हजार रुपये की लागत से यह काम शुरू कर सकती है.