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ट्रांसफॉर्मर से होता है तेल चोरी, बख्शे नहीं जाएंगे कोई भी

फर्रुखाबाद जिले में खराब ट्रांसफॉर्मर से तेल चोरी किए जाने का मामला सामने आया है. अधिशासी अभियंता ने मामले के निरीक्षण के दौरान खामियां पाई.

फर्रुखाबाद
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Published : Dec 12, 2020, 3:12 PM IST

फर्रुखाबाद : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्रांसफॉर्मर जल जाने के बाद उसे वर्कशॉप में मरम्मत के लिए लाया जाता है. कई ट्रांसफॉर्मरों में रास्ते में तेल चोरी की घटना सामने आई है. इस पर कानपुर मंडल में तैनात अधिशासी अभियंता ने वर्कशॉप पहुंचकर मरम्मत किए गए ट्रांसफॉर्मर के अभिलेख खंगाले. तैयार किए गए ट्रांसफॉर्मर की किट खुलवा कर उनमें लगी क्वायल की तौल कराई. कमियां मिलने पर अधिकारियों से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

अधिशासी अभियंता ने किया निरीक्षण


कानपुर मंडल में तैनात अधिशासी अभियंता वर्कशॉप समरनाथ ने वर्कशॉप का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत कर रहे कर्मचारियों से तकनीकी जानकारी ली. कर्मचारियों द्वारा तैयार किए गए ट्रांसफॉर्मर की किट खुलवा कर इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर क्वाइल की तौल कराई गई. अधिशासी अभियंता ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर फूंकने की अधिक शिकायतें मिल रही थीं. इसी के चलते जांच की गई है.

निरीक्षण के दौरान पाई गई खामी


उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में क्षेत्र से आए क्षतिग्रस्त ट्रांसफॉर्मर को खुलवाया गया तो उसमें तेल कम निकला. ट्रांसफॉर्मर का तेल पहले भी गायब हुआ है. अंदर लगे उपकरण पूरी तरह फूंके होते हैं. लेकिन ट्रांसफार्मर में उपकरण जले नहीं पाए गए. इससे मालूम होता है कि खराब ट्रांसफॉर्मर को लाने के दौरान रास्ते में तेल चोरी किया गया है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई ट्रांसफॉर्मर पूर्व में भी आए हैं. पूरा विवरण तैयार कराया जा रहा है. इस संबंध में रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी.

पूरे मामले की कराई जाएगी जांच

वहीं अधिशासी अभियंता वर्कशॉप समरनाथ ने बताया कि एक वर्ष में मरम्मत किए गए ट्रांसफॉर्मर में कितना तेल निकाला गया, इसकी जांच कराई जा रही है. जिन ट्रांसफॉर्मरों में तेल कम निकला है, उनकी सूची तैयार कराई जाएगी. ट्रांसफॉर्मरों को लाने वाले कर्मचारी भी चिन्हित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ट्रांसफॉर्मर लाने व ले जाने के लिए वर्कशॉप की ओर से टेंडर किए जाते हैं. ट्रांसफॉर्मर पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है. इस मामले में विभागीय कर्मचारी शामिल हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. ठेकेदार की मिलीभगत सामने आती है तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाएगी. एक वर्ष में कई हजार लीटर तेल अधिक खर्च हुआ है. इसी के चलते वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जांच की गई है.

फर्रुखाबाद : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्रांसफॉर्मर जल जाने के बाद उसे वर्कशॉप में मरम्मत के लिए लाया जाता है. कई ट्रांसफॉर्मरों में रास्ते में तेल चोरी की घटना सामने आई है. इस पर कानपुर मंडल में तैनात अधिशासी अभियंता ने वर्कशॉप पहुंचकर मरम्मत किए गए ट्रांसफॉर्मर के अभिलेख खंगाले. तैयार किए गए ट्रांसफॉर्मर की किट खुलवा कर उनमें लगी क्वायल की तौल कराई. कमियां मिलने पर अधिकारियों से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

अधिशासी अभियंता ने किया निरीक्षण


कानपुर मंडल में तैनात अधिशासी अभियंता वर्कशॉप समरनाथ ने वर्कशॉप का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत कर रहे कर्मचारियों से तकनीकी जानकारी ली. कर्मचारियों द्वारा तैयार किए गए ट्रांसफॉर्मर की किट खुलवा कर इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर क्वाइल की तौल कराई गई. अधिशासी अभियंता ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर फूंकने की अधिक शिकायतें मिल रही थीं. इसी के चलते जांच की गई है.

निरीक्षण के दौरान पाई गई खामी


उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में क्षेत्र से आए क्षतिग्रस्त ट्रांसफॉर्मर को खुलवाया गया तो उसमें तेल कम निकला. ट्रांसफॉर्मर का तेल पहले भी गायब हुआ है. अंदर लगे उपकरण पूरी तरह फूंके होते हैं. लेकिन ट्रांसफार्मर में उपकरण जले नहीं पाए गए. इससे मालूम होता है कि खराब ट्रांसफॉर्मर को लाने के दौरान रास्ते में तेल चोरी किया गया है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई ट्रांसफॉर्मर पूर्व में भी आए हैं. पूरा विवरण तैयार कराया जा रहा है. इस संबंध में रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी.

पूरे मामले की कराई जाएगी जांच

वहीं अधिशासी अभियंता वर्कशॉप समरनाथ ने बताया कि एक वर्ष में मरम्मत किए गए ट्रांसफॉर्मर में कितना तेल निकाला गया, इसकी जांच कराई जा रही है. जिन ट्रांसफॉर्मरों में तेल कम निकला है, उनकी सूची तैयार कराई जाएगी. ट्रांसफॉर्मरों को लाने वाले कर्मचारी भी चिन्हित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ट्रांसफॉर्मर लाने व ले जाने के लिए वर्कशॉप की ओर से टेंडर किए जाते हैं. ट्रांसफॉर्मर पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है. इस मामले में विभागीय कर्मचारी शामिल हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. ठेकेदार की मिलीभगत सामने आती है तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाएगी. एक वर्ष में कई हजार लीटर तेल अधिक खर्च हुआ है. इसी के चलते वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जांच की गई है.

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