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बढ़ा चालान तो सीज गाड़ियों से भर गया थाना, पुलिस परेशान

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के पुलिस थानों में सालों से पुराने वाहनों की भरमार है. इसलिए चालान के समय सीज किए गए वाहनों को खड़ा करने की समस्या है. कई थानों में तो पुलिसकर्मियों को अपने वाहन खड़े करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सीज वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं.
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Published : Nov 1, 2019, 7:38 AM IST

फर्रुखाबादः यूपी पुलिस के सामने वैसे तो अपराध को रोकने समेत अन्य कई चुनौतियां सामने आती रहती हैं, लेकिन हाल ही में हुए यातायात नियमों में बदलाव के कारण अब सबसे बड़ी मुश्किल यह आ रही है कि चेकिंग के दौरान सीज किए गए वाहनों को आखिर खड़ा कहां किया जाए. हालत यह है कि अब मजबूरन पुलिस लाइन ग्राउंड में बड़ी संख्या में सीज किए गए वाहनों को खड़ा करना पड़ रहा है. फिलहाल पुलिस के पास इन वाहनों की समस्या से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं मिलता दिख रहा है.

सीज वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं.

थाने में कबाड़ हो रहे पुराने वाहन
शहर के सभी थानों में पुराने वाहनों की भरमार है. एक भी थाना ऐसा नहीं बचा है, जहां पर एक साथ 10 वाहन को सीज करके खड़ा किया जा सके. शहर के थानों में तकरीबन 60 फीसदी जगह कबाड़ हो रहे टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहनों से घिरी हुई है. इतना ही नहीं कई थानों में तो पुलिसकर्मियों को अपने वाहन खड़े करने तक में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सीज वाहनों को खड़ा करने की नहीं है जगह
जिले के थानों में करीब 1750 सीज वाहन खड़े हैं. वाहनों की बढ़ती संख्या देखकर पुलिस के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि आखिर रोजाना सीज किए जा रहे वाहनों को सुरक्षित तरीके से कहां खड़ा किया जाए. सभी थानों में वर्षों से पुराने वाहनों की भरमार है. एक के ऊपर एक गाड़ियां रखी हैं. कई थानों के बाहर तक गाड़ियां खड़ी की गई हैं. ऐसे में पुलिस भी क्या करे.

जल्द शुरू होगी वाहनों की नीलामी प्रक्रिया
पुलिस प्रशासन ने पुलिस लाइन में वाहनों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. वहीं जब इस समस्या को ईटीवी भारत ने पुलिस अधीक्षक के सामने उठाया तो उन्होंने कहा कि थानों में वाहन खड़ा होने की समस्या है. जल्द ही मामले को संज्ञान में लेकर थानों और चौकियों में खड़े वाहनों के मालिकों को जल्द नोटिस देकर उनको सुपुर्द करने की बात कही है. इसके अलावा जिन वाहनों के स्वामी नहीं मिलते हैं. उन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.

फर्रुखाबादः यूपी पुलिस के सामने वैसे तो अपराध को रोकने समेत अन्य कई चुनौतियां सामने आती रहती हैं, लेकिन हाल ही में हुए यातायात नियमों में बदलाव के कारण अब सबसे बड़ी मुश्किल यह आ रही है कि चेकिंग के दौरान सीज किए गए वाहनों को आखिर खड़ा कहां किया जाए. हालत यह है कि अब मजबूरन पुलिस लाइन ग्राउंड में बड़ी संख्या में सीज किए गए वाहनों को खड़ा करना पड़ रहा है. फिलहाल पुलिस के पास इन वाहनों की समस्या से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं मिलता दिख रहा है.

सीज वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं.

थाने में कबाड़ हो रहे पुराने वाहन
शहर के सभी थानों में पुराने वाहनों की भरमार है. एक भी थाना ऐसा नहीं बचा है, जहां पर एक साथ 10 वाहन को सीज करके खड़ा किया जा सके. शहर के थानों में तकरीबन 60 फीसदी जगह कबाड़ हो रहे टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहनों से घिरी हुई है. इतना ही नहीं कई थानों में तो पुलिसकर्मियों को अपने वाहन खड़े करने तक में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सीज वाहनों को खड़ा करने की नहीं है जगह
जिले के थानों में करीब 1750 सीज वाहन खड़े हैं. वाहनों की बढ़ती संख्या देखकर पुलिस के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि आखिर रोजाना सीज किए जा रहे वाहनों को सुरक्षित तरीके से कहां खड़ा किया जाए. सभी थानों में वर्षों से पुराने वाहनों की भरमार है. एक के ऊपर एक गाड़ियां रखी हैं. कई थानों के बाहर तक गाड़ियां खड़ी की गई हैं. ऐसे में पुलिस भी क्या करे.

जल्द शुरू होगी वाहनों की नीलामी प्रक्रिया
पुलिस प्रशासन ने पुलिस लाइन में वाहनों को खड़ा करना शुरू कर दिया है. वहीं जब इस समस्या को ईटीवी भारत ने पुलिस अधीक्षक के सामने उठाया तो उन्होंने कहा कि थानों में वाहन खड़ा होने की समस्या है. जल्द ही मामले को संज्ञान में लेकर थानों और चौकियों में खड़े वाहनों के मालिकों को जल्द नोटिस देकर उनको सुपुर्द करने की बात कही है. इसके अलावा जिन वाहनों के स्वामी नहीं मिलते हैं. उन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.

Intro:एंकर- यूपी पुलिस के सामने वैसे तो अपराध को रोकने समेत अन्य कई चुनौतियां सामने आती रहती हैं. लेकिन हाल ही में हुए यातायात नियमों में बदलाव के चलते अब सबसे बड़ी मुश्किल यह आ रही है कि चेकिंग के दौरान सीज किए गए इन वाहनों को आखिर खड़ा कहां किया जाएगा.क्योंकि पुलिस थाने पहले ही लावारिस और मुकदमें वाले वाहनों से भरे हुए हैं. हालत यह हो गए है कि अब मजबूरन पुलिस लाइन ग्राउंड में बड़ी संख्या में सीज किए गए वाहनों को खड़ा करना पड़ रहा है. फिलहाल पुलिस के पास इन वाहनों की समस्या से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं मिलता दिख रहा है.
Body:वीओ- शहर के सभी थानों में पुराने वाहनों की भरमार है. एक भी थाना ऐसा नहीं बचा है, जहां पर एक साथ दस वाहन को सीज करके खड़ा किया जा सके. शहर के थानों में तकरीबन 60 फीसदी जगह कबाड़ हो रहे टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों से घिरी हुई है. इतना ही नहीं कई थानों में तो पुलिसकर्मियों को अपने वाहन व बैठने तक में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताते चले कि जिले के थानों में करीब 1750 सीज वाहन खड़े हैं. वाहनों की बढ़ती संख्या देख पुलिस के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि आखिर रोजाना सीज किए जा रहे वाहनों को सुरक्षित तरीके से आखिर कहां खड़ा किया जाए. क्योंकि सभी थानों में वर्षों से पुराने वाहनों की भरमार है. एक के ऊपर एक गाड़ियां रखी हैं.कई थानों के बाहर तक गाड़ियां खड़ी की गई हैं.ऐसे में पुलिस भी करे तो क्या करे? Conclusion:यहीं वजह है कि पुलिस प्रशासन ने पुलिस लाइन में वाहनों को खड़ा करना शुरू कर दिया है.वहीं जब इस समस्या को ईटीवी भारत ने पुलिस अधीक्षक के सामने उठाया तो उन्होंने कहा कि थानों में वाहन खड़ा होने की समस्या है.जल्द ही मामले को संज्ञान में लेकर थानों और चैकियों में खड़े वाहनों के मालिकों को जल्द नोटिस देकर उनके सुपुर्द करने की बात कही है. इसके अलावा जिन वाहनों के स्वामी नहीं मिलते है. उन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.

बाइट- डाॅ.अनिल कुमार मिश्र, एसपी
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